कोंडागांव जिले में जिला प्रशासन द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से बच्चो के टीकाकरण, मातृस्वास्थ्य, महिलाओं में एनिमिया, कुपोषण और बाल स्वास्थ्य के लिए मया मंडई कार्यक्रम जिले में संचालित किया जा रहा है। इसके तहत विगत दिनों हंगवा के चेमा पारा में मया मंडई के सत्र का आयोजन किया गया था, जिसमें वार्षिक लघु वनोपजों के संग्रहण का समय होने के कारण हितग्राही टीकाकरण के लिए न आकर वनोपज संग्रहण के लिए जंगलों और खेतों में चले जाते हैं।
ऐसे में ग्राम की मया मंडई की नोडल एवं आरएमए रूकमणी उपाध्याय, पुरूष RHO सियाराम कश्यप और मितानिन फूडही बाई द्वारा गांव के खेत-घर में जाकर हितग्राहियों से मिलकर उनकी स्वास्थ्य जांच कर टीकाकरण किया गया, जिसके तहत एक गर्भवती महिला और शिशु का टीकाकरण किया गया।
5 कारकों पर दिया जा रहा जोर
हल्बी भाषा में 'मया' का अर्थ मां की ममता और मंडई का अर्थ त्यौहार या मेलों से होता है। आदिवासी अंचलो में मंडई के महत्व को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा बच्चो को मां की तरह ध्यान रखते हुए उन्हे आगामी जीवन के लिए स्वस्थ्य भविष्य की तैयारियों के त्योहार के रूप में मया मंडई अभियान जिला प्रशासन और यूनीसेफ के प्रयास से शुरू किया गया है। इस अभियान के 5 मुख्य आधारों को 5 की शक्ति के रूप में संबोधित किया गया है। जिसमें बच्चो के टीकाकरण, मातृस्वास्थ्य, महिलाओं में एनिमिया, कुपोषण और बाल स्वास्थ्य शामिल है।
बच्चों के देखभाल की सलाह
अभियान के तहत प्रत्येक गांव में प्रतिमाह एक दिन का चयन कर 'मया मंडई' का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों, सुपरवाइजर और डॉक्टरों के सहयोग से सभी 0 से 6 साल तक के बच्चो की स्वास्थ्य जांच कर उनके लिए आवश्यक टीकाकरण, पौष्टिक आहार को प्रदान करते हुए कुपोषित बच्चों के लिए विशेष जांच की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही उनके परिजनों से चर्चा कर उन्हें बच्चों के उचित देखभाल और उनके स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाती है। सामुदायिक सहभागिता, प्रभावी सेवा क्रियान्वयन, एकल और सामूहिक परामर्श भी इस अभियान के मुख्य घटक है।
अब तक 2 हजार 858 सत्रों का किया जा चुका है आयोजन
मया मंडई के अंतर्गत माइक्रो प्लानिंग तैयार कर 777 सत्र स्थलों को चिहांकित कर 2 हजार 858 मया मंडई सत्रों का आयोजन किया गया है, जिसके अंतर्गत 20 हजार 476 मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों, 6 हजार 483 किशोरियों समेत 8 हजार 243 गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच कर टीकाकरण किया गया है। मया मंडई के तहत 9 हजार 894 किशोरियों के रक्त की जांच की गई, जिसमें 1 हजार 427 एनीमिक पाई गई थी। वहीं 12 हजार 585 को IFA के टेबलेट दिए गए हैं। वहीं 24 हजार 274 महिलाओं की हिमोग्लोबिन जांच में 4 हजार 854 एनीमिक महिलाएं पाई गई और 23 हजार 726 को IFA टेबलेटों का वितरण किया गया है और 23 हजार 346 बच्चों को विटामिन ए की गोलियां प्रदान की गई हैं।