प्रदूषित पानी और खाने के सेवन से पीलिया बीमारी फैलती है। गर्भवती महिला और बच्चों को इससे ज्यादा सावधान रहना जरूरी है। धमतरी कलेक्टर पीएस एल्मा ने मौसमी और संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतने की अपील जिलेवासियों से की। पीलिया के प्रमुख लक्षण की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीके तुर्रे ने बताया कि इस बीमारी में मरीज को भूख नहीं लगती, पीले रंग की पेशाब होती है। साथ ही सिर में दर्द, उल्टी और पेट के दाहिने तरफ ऊपर की ओर दर्द होता है। इसके अलावा कमजोरी और थकावट का अनुभव होने लगता है। साथ ही आंख और त्वचा का रंग पीला हो जाता है।
पीलिया से बचने के लिए पानी को कम से कम 20 मिनट तक उबालने के बाद ही पीना चाहिए। इसके अलावा 20 लीटर पीने के पानी में एक क्लोरीन गोली पीसकर डालने के 30 मिनट बाद उस पानी का उपयोग पीने के लिए करना चाहिए। खुली में रखी बासी, सड़ी-गली खाद्य सामग्रियों का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं शौच के बाद और भोजन से पहले हाथ साबुन से धोना जरूरी है।
क्या है पीलिया
पीलिया एक ऐसा रोग है, जो जानलेवा भी हो सकता है। खून में बिलीरुबिन तत्व की मात्रा ज्यादा होने की वजह से पीलिया रोग हो सकता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। बिलीरुबिन की मात्रा ज्यादा होने पर यह शरीर के उत्तकों में पहुंच जाता है। इस रोग में स्किन, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है। इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं। पीलिया एक ऐसा रोग है, जो हेपेटाइटिस 'ए' या हेपेटाइटिस 'सी' वायरस के कारण फैलता है। पीलिया शरीर के अनेक भागों को अपना शिकार बनाता है और शरीर को बहुत हानि पहुंचाता है। इस रोग में पाचन तंत्र सही ढंग से काम नहीं करता है और शरीर का रंग पीला पड़ जाता है।