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चारा घोटाला मामले में पूर्व CM लालू को 5 साल की सजा, 60 लाख का भरना होगा जुर्माना भी

चारा घोटाले के 5वें और सबसे बड़े मामले यानी डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी में बिहार के पूर्व CM और RJD सुप्रीमो लालू यादव को 5 साल की सजा सुनाई गई। उन्हें 60 लाख का जुर्माना भी भरना होगा। रांची में CBI के विशेष जज एसके शशि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा का ऐलान किया गया। फिलहाल लालू रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं।

बता दें कि लालू यादव समेत 40 दोषियों को इस केस में कोर्ट ने 15 फरवरी को दोषी करार दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि सजा की आधी अवधि पूरी हो गई है। इसलिए लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिलने की उम्मीद है। कुल 40 लोगों को सजा सुनाई गई। 5 लोगों को 5 साल, 3 लोगों को 3 साल और कुल 32 लोगों को 4-4 साल की सजा दी गई। पिछली सुनवाई में अनुपस्थित रहे दो लोग भी कोर्ट में हाजिर हुए। उन्हें भी जेल भेज दिया गया है। 

लालू प्रसाद को रिम्स में रहते हुए सजा 

वित्त सचिव वेक जूलियस को सबसे कम एक लाख रुपए जुर्माना और 4 साल की सजा दी गई है। केएम प्रसाद और लालू प्रसाद को रिम्स में रहते हुए सजा सुनाई गई। त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को 2 करोड़, मोहम्मद शाइद को डेढ़ करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई। इधर, सजा के ऐलान के पहले लालू की तबीयत और बिगड़ गई। उनका ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल बढ़ गया। सुबह लालू यादव का ब्लड शुगर 160 पहुंच गया, जो सामान्य स्थिति में खाली पेट में 110 होना चाहिए। 

सजा पर फैसला आने से पहले तनाव में थे लालू

दूसरी ओर उनका ब्लड प्रेशर 150/ 70 पहुंच गया। डॉक्टर ने बताया कि सजा पर फैसला आने से पहले लालू यादव रात से ही काफी तनाव में थे। इस कारण उनका ‌BP और ब्लड शुगर अनियंत्रित हो गया। लालू सोमवार सुबह टहलने के लिए अपने रूम से बाहर भी नहीं निकले। एक दिन पहले लालू के ब्लड शुगर का लेवल सुबह खाली पेट 140/80 के आस-पास था, जबकि इंसुलिन की डोज बढ़ाए जाने के बाद भी सोमवार को उनका ब्लड शुगर बढ़ गया। डॉक्टर ने बताया कि पहले से ही वे किडनी की क्रॉनिक डिजीज से ग्रस्त हैं और ब्लड शुगर समेत BP की समस्या पहले से उन्हें है। इस तनाव के बाद सभी चीजें अनियंत्रित हो गई हैं। हालांकि उन्हें दवा दी गई है।

जानिए क्या है डोरंडा कोषागार घोटाला

डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है। ये उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया, जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया। ये पूरा मामला 1990-92 के बीच का है। CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूला तैयार किया। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और बाइक पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2 लाख 35 हजार 250 रुपए में 50 सांड़, 14 लाख 04 हजार 825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदी थी।

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