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कृषि कानूनों के विरोध प्रदर्शन के बीच सिंघु बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या

केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान करीब 1 साल से दिल्ली-पंजाब के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच सिंघु बॉर्डर पर एक किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। खुदकुशी करने वाले किसान का नाम गुरप्रीत सिंह बताया जा रहा है, जो पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले का रहने वाला था। फिलहाल आत्महत्या के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।  

कुंडली पुलिस ने बताया कि मृतक किसान बीकेयू सिद्धपुर से संबंधित था। इस यूनियन के प्रधान जगजीत सिंह ढलेवाल हैं। मृतक किसान गुरप्रीत सिंह गांव रुड़की तहसील अमरोह जिला के फतेहगढ़ साहिब का रहने वाला था। बता दें कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में यूपी, पंजाब और हरियाणा के किसान बीते एक साल से दिल्ली के गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बोर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।

हर बैठक रही बेनतीजा

किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले। वहीं सरकार किसानों की मांग मानने के पक्ष में नहीं है। किसान और सरकार के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी हैं, लेकिन हर बैठक बेनतीजा ही रही।

किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़े

साल 2020 में 2019 की तुलना में किसान और कृषि मजदूर की आत्महत्याओं में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।  4 हजार 006 आत्महत्याओं के साथ महाराष्ट्र एक बार फिर लिस्ट में सबसे आगे हैं। इसके बाद कर्नाटक 2 हजार 016, आंध्रप्रदेश 889, मध्यप्रदेश 735 और छत्तीसगढ़ 537 में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों ने आत्महत्या की है। ये राज्य 2019 में भी इस मामले में दूसरे राज्यों से आगे थे।

2017 में आई थी गिरावट

लगातार 4 साल गिरावट के बाद कृषि क्षेत्र में आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। 2016 में कुल 11 हजार 379 किसान और कृषि मजदूरों ने आत्महत्या की थी। 2017 में इसमें गिरावट आई और संख्या 10 हजार 655 रह गई। 2018 में 10 हजार 349 तो 2019 में इस तरह के आत्महत्या के कुल 10 हजार 281 मामले सामने आए थे। 2020 में ऐसे मामलों की संख्या 10 हजार 677 रही।

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