तमिलनाडु में मदिकेरी रेंज के पास 27 नवंबर को 3 चलती यात्री ट्रेन से टकरा गई, जिससे तीनों हाथी की मौत हो गई। तमिलनाडु के वन विभाग के मुताबिक शनिवार को कोयंबटूर के मदिकेरी रेंज के पास चलती यात्री ट्रेन से तीन हाथियों की मौत के मामले में 2 लोको पायलटों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ये मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा के तहत दर्ज किया गया है। वहीं शनिवार को वन विभाग ने दो लोको पायलट एम टी सुबैर को कोझीकोड और एम सी अखिल को त्रिशूर से हिरासत में लिया।
वन विभाग ने दोनों लोको पायलट के बयान दर्ज किया। इसके बाद दोनों से अंडरटेकिंग लिया कि वे पूछताछ के लिए मौजूद होंगे। वन विभाग ने कोयंबटूर से केरल के पलक्कड़ में एक माइक्रोचिप लेने के लिए टीम भी भेजी है। ये टीम ट्रेन की गति पर डेटा इकट्ठा करेगी। हालांकि पड़ोसी राज्य केरल में लोको पायलट एसोसिएशन के सदस्यों ने इस कदम का विरोध किया है।
दोनों विभागों में टेंशन
प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन शेखर कुमार नीरज ने कहा कि मामले के चलते दोनों राज्यों, वन विभाग और रेलवे विभाग के बीच एक तरह से टेंशन का माहौल बन गया है। नीरज ने कहा कि केस दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अनिवार्य है। उन्होंने ये भी कहा कि कहा कि हम अब न्यायिक रूप से चीजों को आगे बढ़ा रहे हैं। दोनों विभागों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
वन विभाग का कर रहे सहयोग: रेलवे
एक ट्वीट के जवाब में दक्षिण रेलवे ने कहा कि वे वन विभाग के साथ सहयोग कर रहे हैं। फिलहाल जांच जारी है। लोको पायलटों की लापरवाही के दावे के समर्थन में अब तक कोई सबूत नहीं है। इस पर सिर्फ एक संभावना के आधार पर चर्चा की जा रही है। शनिवार को हुए पोस्टमार्टम से पता चला था कि एक हथिनी गर्भवती भी थी। शुक्रवार की रात, मैंगलोर से चेन्नई जा रही तेज रफ्तार ट्रेन ने वालयार और एत्तिमदई के बीच लाइन के पास 3 हाथियों को टक्कर मार दी। इसमें एक नर और दो मादा हाथी थे। हादसे के बाद तीनों ने दम तोड़ दिया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।