कोरिया कलेक्टर श्याम धावड़े लगातार जिले में सुपोषण अभियान के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सुपोषण अभियान की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने नोडल ग्राम प्रभारियों को उनके प्रभार गांवों में विशेष पहल करते हुए सुपोषण अभियान की मॉनिटरिंग कर कुपोषण मुक्त कराने के निर्देश दिए। हर नोडल अधिकारी को एक से 5 ग्राम के मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर धावड़े ने सभी ग्राम नोडल अधिकारियों को 2 महीने का समय दिया है। 14 नवंबर 2021 बाल दिवस के अवसर पर इस विशेष अभियान की समीक्षा की जाएगी। शिक्षा, स्वास्थ्य और सुपोषण पर अपनी प्राथमिकता जाहिर करते हुए कलेक्टर ने अभियान के संचालन में लापरवाही बरतने वाले सेक्टर प्रभारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। कलेक्टर के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने 35 सेक्टर प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इन सेक्टर प्रभारियों को नोटिस जारी
विकासखंड खड़गवां के सेक्टर देवाडांड़ रतनपुर की पर्यवेक्षक निर्मला बरवा, बंजारीडांड विश्वासी बेक, खडगवां बडेसाल्ही खीस्टीना लकड़ा, कटकोना बरदर उषा अरमों, उधनापुर सरस्वती सिंह, चिरमी पोड़ी विनीता सिंह, चिरमिरी इन्दू पूहूप, कोडा कौशिल्या देवी जाटवार, विकासखंड मनेंद्रगढ़ के सेक्टर पारोडोल खोंगापानी की पर्यवेक्षक आशा देवी, मनेंद्रगढ़ शहरी और ग्रामीण शिल्पा अग्रहरी, झगराखांड सुमन सिंह, कछौड बिहारपुर चिन्ता तिवारी, कठौतिया रूपा चतुर्वेदी, नागपुर सरिता राठौर, केल्हारी सावित्री चंद्रा और विकासखंड बैकुंठपुर के सेक्टर सलका की पर्यवेक्षक शीला एक्का को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इन्हें जारी हुआ कारण बताओ नोटिस
इसी तरह चेरवापारा शंभू गहरवार, चरचा अनिता साहू, पटना रनई विमला भगत, नगर चंद्रशीला मेहता, गिरजापुर असरीता जायसवाल, बैकुंठपुर गौरी राजपूत सरभोका रेणु जायसवाल, बुड़ार मानमती, पतरापाली दीपश्याम, जमगहना प्रकृति भट्ट, विकासखंड भरतपुर के सेक्टर कोटाडोल खमरौध की पर्यवेक्षक गीता गौटिया, देवगढ़-कमर्जी-कुवारपुर सरोजबाला, भगवानपुर कंजिया नर्मदा अनन्त, माड़ीसरई जनकपुर नरबदिया मरकाम, बहरासी बडगांवकला संतोषी रात्रे और विकासखंड सोनहत के सेक्टर रामगढ़ की पर्यवेक्षक फिलसिता लकड़ा, भैंसवार-सोनहत प्रभा लकड़ा, कटगोडी-सोनहत सुषमा एक्का और सुंदरपुर रजौली की पर्यवेक्षक कौशिल्या बरेठ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
साल 2019 में हुई थी सुपोषण अभियान की शुरुआत
बता दें कि 2 अक्टूबर 2019 से शासन की ओर से सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई है। जारी नोटिस में पर्यवेक्षकों के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों का लगातार निरीक्षण और मॉनिटरिंग नहीं किया जाना बताया गया है। इसकी वजह से शासकीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता और लापरवाही बरतने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत सभी सेक्टर प्रभारियों को 7 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है।
लर्नेट स्किल प्रा.लि. को कारण बताओ नोटिस
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत रोजगारोन्मुखी व्यावसायिक पाठ्यक्रम को पढ़ाने वाले प्रशिक्षकों के मानदेय के संबंध में राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्यावसायिक शिक्षा प्रमुख आईएलएंडएफएस (लर्नेट स्किल) प्रा.लि. संस्था को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि पत्र प्राप्ति के 4 दिन के अंदर बीते 2 महीने का व्यावसायिक प्रशिक्षकों का मानदेय भुगतान करना सुनिश्चित करें। अगर 04 कार्यालयीन दिवस के अंदर मानदेय भुगतान की कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो अनुबंध की शर्तों के मुताबिक एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।
घोर वित्तीय अनियमितता
कारण बताओ नोटिस में बताया गया है कि व्यावसायिक प्रशिक्षकों द्वारा संज्ञान में लाया गया है कि संस्था द्वारा माह मई 2021 का मानदेय जारी न कर सीधे जून 2021 का मानदेय जारी किया गया है और सैलरी स्लिप माह मई का जारी किया गया है। इसी तरह माह जुलाई 2021 का मानदेय जारी न कर सीधे माह अगस्त 2021 का मानदेय जारी किया गया है। इस तरह संस्था द्वारा किए गए कार्यों से यह प्रतीत हो रहा है कि यह कार्य संस्था अपने प्रबंधन शुल्क बचाने की कोशिश कर रही है, जो कि घोर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
कई बार जारी हो चुकी है नोटिस
बता दें कि संस्था को राज्य कार्यालय द्वारा पूर्व में विभिन्न पत्रों के माध्यम से कारण बताओ सूचना जारी की जा चुकी है, लेकिन संस्था द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षकों के मानदेय माह मई और जुलाई 2021 का 14 सितंबर 2021 तक जारी नहीं किया गया। जिसके कारण व्यावसायिक प्रशिक्षकों द्वारा राज्य परियोजना कार्यालय में उपस्थित होकर लगातार ज्ञापन सौंपा जा रहा है।