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झूठे शपथ पत्र पर आर्य समाज का दूसरा विवाह शून्य, अब होगा केस दर्ज

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक और सदस्यगण की उपस्थिति में शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में जमीन विवाद के प्रकरण में उभय पक्ष के साथ नगर निगम रायपुर जोन क्रमांक 3 से सब इंजीनियर और वार्ड के पार्षद भी उपस्थित रहे। सब इंजीनियर को प्रकरण की छायाप्रति दस्तावेज आयोग द्वारा दिया गया।  


वार्ड के पार्षद और सब इंजीनियर जमीन का मौका मुआयना कर आयोग को 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। साथ ही इस प्रकरण पर अनावेदक ने अगर शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा किया है तो बेदखल करने की भी कार्रवाई करने के भी निर्देश आयोग ने दिए हैं। एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने दूसरी शादी करने में षड्यंत्र किया। साथ ही पत्नी के साथ घरेलू हिंसा किया गया है। 

अनावेदकगण के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश 

वहीं झूठा शपथ पत्र भी आर्य समाज में प्रस्तुत कर दूसरा विवाह किया है, जिनके अभिलेखों की जांच पुलिस थाना के द्वारा किए जाएंगे। साथ ही पति और सास के खिलाफ इस प्रकरण में कई धाराओं के तहत केस दर्ज किए जाने के पूरे आधार है। आवेदिका के साथ हुए घरेलू हिंसा के आधार पर आवेदिका अपने दस्तावेज के साथ पुलिस थाना जाकर अनावेदकगण के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

पत्नी और बच्चों के भरण पोषण की सहमति 

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका पत्नी और अनावेदक  के मध्य एक सहमति पत्र हाथ से लिखा हुआ आयोग को प्रस्तुत किया गया जिसमें पत्नी ने 15,000 रुपये भरण पोषण प्रतिमाह पति द्वारा बैंक खाते में जमा करने प्रस्ताव दिया, जिसे पति ने स्वीकार किया। पति डेंटल कॉलेज में कार्यरत हैं। आवेदिका के साथ दो बेटियां भी है, जो अध्ययनरत है, जिनका रहन सहन आवेदिका कर रही है।

प्रकरण को किया गया नस्तीबद्ध

अनावेदक पति को महीने की पहले हफ्ते में मासिक वेतन मिल जाता है। इस प्रकरण में आयोग ने कहा कि पत्नी के बैंक खाते में प्रतिमाह पैसा पति द्वारा दिया जाएगा, जिसे अनावेदक पति ने सहमति दी। इस प्रकार प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया गया।

पुलिसकर्मी नहीं हुआ उपस्थित

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को अनावेदक क्रमांक 1 से वर्तमान में किसी प्रकार से कोई शिकायत नहीं है, अनावेदक क्रमांक 2 अनुपस्थित रहे। अनावेदक कुरूद प्रधान आरक्षक पद पर कार्यरत हैं। अनावेदक क्रमांक 2 पुलिस का जिम्मेदार कर्मचारी होने के बावजूद अपनी मां के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करता है। आगामी सुनवाई में धमतरी पुलिस अधीक्षक के माध्यम से अनावेदक क्रमांक 2 को उपस्थित कराने आयोग द्वारा निर्देशित किया गया है।

आयोग करेगा 6 माह निगरानी

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदिका अपनी देवरानी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया गया है कि देवर के साथ अवैध संबंध का आरोप लगाकर बदनाम करती है और चारित्रिक लांछन लगाती है। आवेदिका की शिकायत को विस्तार से सुना गया अन्य अनावेदकगण  को भी आयोग द्वारा सुना गया दोनों को आयोग द्वारा समझाइश दिया गया। देवर देवरानी को सशर्त रखने के लिए  परिवारजन सहमत हुए। इस प्रकरण को 6 महीने तक आयोग के निगरानी में रखा गया है।

दोनों पक्षों के बीच दस्तावेजों को देखने की आवश्यकता 

निजी महाविद्यालय के एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित दोनों पक्षों के बीच दस्तावेजों को देखने की आवश्यकता है ऐसी स्थिति में आवेदिका बिंदुवार अपने कथनों को अनावेदकगणों को पोस्ट ऑफिस के माध्यम से भेजेंगी। अनावेदकगण  इन दस्तावेजों को प्राप्त करने के बाद तत्काल अपना जवाब आवेदिका को भेजेंगे। दोनों पक्ष दस्तावेज मिलने के बाद आयोग को जानकारी देंगे तब प्रकरण को सुनवाई के लिये रखा जायेगा। आवेदिका के द्वारा किये गये सेवा का अनुभव प्रमाण-पत्र अनावेदकगण आवेदिका के आवेदन के साथ देने आयोग ने निर्देशित किया।

बीमार होने के कारण ससुर नहीं हो पाए उपस्थित

एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित अनावेदक ससुर अस्वस्थ होने के कारण अनुपस्थित रहे। उभय पक्षों को सुनने के बाद यह स्पष्ट होता है कि पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ एक झूठी कहानी गढ़ी थी, क्योंकि अनावेदक पति के बड़े भाई और उसकी भाभी  इन दोनों ने भी आवेदिका की गलती बताई है। सास का कहना है कि वह ऐसी किसी घटना के बारे में नहीं जानती है। 

20 प्रकरण सुनवाई 

आयोग के समक्ष पति ने जिस तरह से अपने भाइयों, भाभी, मां के साथ मिलकर अपनी बात को साबित करने का प्रयास किया, जिसमें पति के द्वारा किया जा रहा षड्यंत्र स्पष्ट समझ आता है। ऐसी स्थिति में इस प्रकरण में आवेदिका को थाना में इन सभी अनावेदकगणों के खिलाफ FIR दर्ज करा सकती है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। महिला आयोग के समक्ष महिला उत्पीड़न से संबंधित 20 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए, 18 प्रकरणों में पक्षकार उपस्थित रहे,  जिनमें 6 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया है। बाकी प्रकरणों को आगामी सुनवाई में रखा गया ।

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