राजनांदगांव कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जिले में लगातार बारिश की स्थिति को देखते हुए सभी विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने जिला स्तर और तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे चालू रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निचले इलाके में जहां जलभराव की स्थिति बन सकती है, उन स्थानों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था करने, राजस्व विभाग को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैयारी रखने और बाढ़ राहत और बचाव दलों को सतर्क रखने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि बारिश के दौरान बांधों में जल स्तर की निरंतर निगरानी भी करें और इसकी सूचना बाढ़ नियंत्रण कक्ष को दी जाए। कलेक्टर ने आम जनता से जल भराव की स्थिति में पुल-पुलियों को पार न करने की अपील की है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष का फोन नंबर 07744-220557 जारी किया गया है।
जिले में भारी बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान विभाग ने कोरबा जिले के अधिकांश स्थानों पर आने वाले पांच दिनों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इस दौरान अधिकांश स्थानों पर बादल छाए रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान लगभग 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए जाने की संभावना है। आगामी मौसम को ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों के लिए फसल सुरक्षा और पशुपालन से संबंधित सलाहकारी निर्देश मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी किए गए हैं।
कीट नियंत्रण विधि का प्रयोग
किसानों को रोपा किए गए खेतों में पांच सेंटीमीटर से ज्यादा पानी नहीं भरने, पानी ज्यादा होने पर तत्काल खेत से बाहर निकालने के निर्देश दिए गए हैं। दलहनी और तिलहनी फसलों में जल निकास की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है। सितंबर माह के दौरान धान के फसल में तना छेदक, भूरा माहो और गंगई कीट प्रकोप होने की संभावना रहती है। इसको ध्यान में रखते हुए किसानों की फसलों की सतत निगरानी करने और कीट नियंत्रण के लिए प्रारंभिक अवस्था में प्रकाश प्रपंच या समन्वित कीट नियंत्रण विधि का प्रयोग करने के लिए कहा गया है।
कीटनाशी दवाइयों का छिड़काव
कीट प्रकोप ज्यादा होने की स्थिति में मौसम खुलते ही अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारी से संपर्क कर कीटनाशी दवाइयों का छिड़काव करने का भी सलाह जारी किया गया है। धान की फसल में झुलसा रोग के लक्षण नाव आकार के धब्बे के रूप में दिखते ही ट्राई साइक्लोजोल 0.6 ग्राम प्रतिलीटर पानी का छिड़काव करने की सलाह दी गई है। धान में तना छेदक कीट की निगरानी के लिए फिरोमेन ट्रैप 2-3 प्रति एकड़ का उपयोग करने और प्रकोप पाए जाने पर 8-10 फिरोमेन ट्रेप का उपयोग करने कहा गया है। किसानों को धान फसल नहीं लगाने की स्थिति में कुल्थी, मूंग, उड़द, मक्का, सब्जी और चारे वाली फसलों की बुआई कर सकते हैं।
पौधों में सधाई के लिए कांट-छांट करने की सलाह
मौसम विज्ञान विभाग द्वारा बागवानी, पशुपालन, मुर्गी पालन और मृदा की तैयारी के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह भी जारी किए गए हैं। इसके अंतर्गत पपीते में फल झड़न को रोकने के लिए 20 पीपीएम की दर से नेप्थलीन एसिटीक एसिड का छिड़काव करने कहा गया है। जून में रोपित मुनगे की फसल और बीते साल लगाए गए आम के पौधों में सधाई के लिए कांट-छांट करने के सलाह दिए गए हैं।
जल निकास की व्यवस्था
सितंबर महीने में बकरियों को एंटोरोटॉक्सीमिया नामक बीमारी का टीका लगवाने के लिए कहा गया है। बढ़ते मेमनों को 6 से 10 सप्ताह की उम्र में इस बीमारी का टीका लगवाना चाहिए। मुर्गियों में खूनी दस्त से बचाव के लिए 30 ग्राम वर्मिक्स पाउडर पानी में मिलाकर तीन से पांच दिनों तक पिलाने के निर्देश जारी किए गए हैं। फल और सब्जी के खेतों में पानी भरे स्थान में जल निकास की व्यवस्था करने के भी सलाह दिए गए हैं।