पश्चिम बंगाल के बाद त्रिपुरा में TMC और BJP के बीच टकराव सामने आ रही है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तृणमूल कांग्रेस की 2 महिला सांसदों के काफिले पर त्रिपुरा में हमला हुआ है। इसे लेकर सांसदों ने BJP कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया है। इनमें एक महिला सांसद डोला सेन और दूसरी महिला सांसद अपरूपा पोद्दार है। इधर, TMC ने ऐलान किया कि BJP के विरोध के बावजूद आज 'खेला होबे दिवस' का पालन किया जाएगा।
दोनों सांसदों ने आरोप लगाया है कि उन पर दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया में हमला किया गया है। जानकारी के मुताबिक डोला सेन और अपरूपा पोद्दार बेलोनिया में जिस कार से यात्रा कर रहे थे, उसे निशाना बनाया गया। इस हमले के एक व्यक्ति के घायल होने की भी जानकारी है। डोला सेन ने आरोप लगाया है कि वो वहां इलाके में तिरंगा फहराने गई थीं, तभी उनके काफिले पर हमला किया गया।
TMC MP Dola Sena alleges that her convoy was attacked near Belonia town in South Tripura district, where she had gone to hoist the National Flag. pic.twitter.com/mua2yiqlUA
— ANI (@ANI) August 15, 2021
"Some TMC leaders and I were attacked in Sabroom and Belonia in Southern Tripura where we had gone to hoist Tricolour on the occasion of #IndependenceDay. Police were a silent spectator," says TMC MP Dola Sen. pic.twitter.com/9DmqB8zQgX
— ANI (@ANI) August 15, 2021
TMC प्रवक्ता का आरोप
वहीं तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में जंगलराज चल रहा है। वहां कोई स्वतंत्र नहीं है। चिंताजनक स्थिति है। TMC सांसदों पर हमले किए गए क्योंकि वह झंडा फहराने जा रही थीं। BJP भयभीत है। इसी कारण से हमला कर रही है। अब मानवाधिकार आयोग कहां है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। त्रिपुरा के लोगों को इस तरह से जंगलराज में रहने नहीं दिया जाएगा। इसका प्रजातांत्रिक तरीके से बदला लिया जाएगा। वहां अपातकाल से भी खराब स्थिति है।
त्रिपुरा में BJP और TMC में टकराव
बता दें कि पश्चिम बंगाल के बाद त्रिपुरा में BJP और TMC के बीच खूनी संघर्ष देखने को मिल रहा है। मामला कुछ ऐसा है कि टीएमसी त्रिपुरा में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसी वजह से पिछले कुछ दिनों के अंदर TMC के कई बड़े नेता त्रिपुरा के दौरे पर नजर आए हैं। हाल ही में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी त्रिपुरा में विरोध का सामना करना पड़ा था, BJP कार्यकर्ताओं ने अभिषेक बनर्जी को काले झंडे दिखाए थे और इतना ही नहीं अभिषेक बनर्जी सहित TMC के 6 नेताओं के खिलाफ त्रिपुरा पुलिस ने FIR दर्ज की थी। इस बीच हमले के खिलाफ TMC के नेताओं ने अगरतला में गांधी मूर्ति के सामने धरना दिया।
TMC सांसद डोला सेन ने लगाया आरोप
हमले को लेकर TMC सांसद डोला सेन ने कहा कि 'कुछ TMC नेताओं के साथ में दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया और सबरूम में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने गई थी कि उस वक्त हमला हो गया। पुलिस वहां पर मूकदर्शक बनी रही।' इससे पहले TMC के वरिष्ठ नेता ब्रात्य बसु ने त्रिपुरा में विपक्षी माकपा की भाजपा की 'आतंक फैलाने की राज्य प्रायोजित युक्ति' के विरोध में कथित रूप से सड़कों पर नहीं उतरने और पार्टी समर्थकों की रक्षा नहीं करने को लेकर आलोचना करते हुए वामपंथी समर्थकों से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने की शनिवार को अपील की।
मंत्री बसु ने BJP पर लगाया गंभीर आरोप
साल 2018 में BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा सत्ता से बेदखल होने से पहले 25 साल तक राज्य पर शासन कर चुके माकपा ने इस आरोप से इनकार किया और कहा कि उसके कार्यकर्ता और नेताओं ने BJP पार्टी के हमले का सबसे पहले सामना किया है। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ तृणमूल नेता उत्तर-पूर्वी राज्य का दौरा कर रहे हैं, जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। पश्चिम बंगाल में मंत्री बसु ने कहा 'जब BJP ने त्रिपुरा में आतंक फैलाना शुरू किया है, तो मुख्य विपक्षी दल माकपा के नेता विरोध करने के लिए सड़कों पर नहीं उतर रहे हैं। अगर नेता समर्थकों के साथ खड़े नहीं होते हैं तो उन्हें हमारी पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए।' बसु ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि माकपा को तृणमूल कांग्रेस का विरोध करके BJP की मदद नहीं करनी चाहिए।
'कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन'
बसु ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा आतंक फैलाये जाने के बाद राज्य के लोग आश्रय तलाश रहे हैं। BJP कार्यकर्ताओं के कथित हमले में घायल हुए लोगों सहित तृणमूल के कम से कम 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को 8 अगस्त को 'कोविड मानदंडों का उल्लंघन' करने के आरोप में त्रिपुरा में गिरफ्तार किया गया था। बसु ने कहा कि 'हम पर BJP के प्रश्रय प्राप्त गुंडों द्वारा हमला किया गया और हमारे खिलाफ मामला दर्ज किया गया लेकिन हम डरे नहीं। यह एक राज्य प्रायोजित भय उत्पन्न करने की रणनीति है, लेकिन हम इसका सामना करना जानते हैं। ममता दीदी हमारे साथ हैं। अगर माकपा कार्यकर्ता आपको सुरक्षा नहीं दे रहे हैं तो तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाएं।' बता दें कि TMC और BJP के बीच टकराव लगातार जारी है।