बिहान योजना से जुड़ी महिलाएं सिलाई-कढ़ाई करने, जैविक खाद बनाने और खुद बनाए सामानों को बजार में बेचने का काम करती हैं।
जिले के विकासखंड बागबाहरा के अंदरूनी गाँव कोमाखान की एकता महिला स्व-सहायता समूह दीदीयों के जज्बे के आगे अब लोहा भी नरम पड़ गया है। यहाँ की बिहान समूह की महिलाएं आजीविका के रूप में लोहे की तार फेंसिंग का निर्माण कर रही है। इन महिलाओं ने बीते माहों में 169 बण्डल फेंसिंग तार का निर्माण कर 1,90,365 रुपए का विक्रय किया जा चुका है। इनके फेंसिंग तार को सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा माँग की जा रही है।
आर्थिक स्थिति मजबूत
जिले की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने साबित कर दिया की उनके अन्दर भी परिवार को आर्थिक सहायता देने की क्षमता है। ऐसे में बिहान की योजनाएं उन्हें और मजबूत कर रही है। बिहान की योजनाओं का लाभ उठा कर महिलाएं सिर्फ अपने ही परिवार के आर्थिक स्थिति को मजबूत नहीं कर रही है बल्कि और भी लोगों को रोजगार प्रदान कर उन्हें भी आगे बढ़ने में मदद कर रही है। ये महिलाएं फेसिंग तार के साथ आचार, पापड़, निरमा, साबुन, फिनाइल आदि निर्माण कर रही है। कलेक्टर डोमन सिंह भी उनसे मिलने पहुचें थे। इनके द्वारा बनाए जाने वाले फेंसिंग तार की प्रक्रिया और उपकरण आदि देखें। महिलाओं ने बताया कि काम मुश्किल था पर मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया तो काम आसान लगने लगा। कलेक्टर ने उनके काम की तारीफ की।
जिले की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने साबित कर दिया की उनके अन्दर भी परिवार को आर्थिक सहायता देने की क्षमता है। ऐसे में बिहान की योजनाएं उन्हें और मजबूत कर रही है। बिहान की योजनाओं का लाभ उठा कर महिलाएं सिर्फ अपने ही परिवार के आर्थिक स्थिति को मजबूत नहीं कर रही है बल्कि और भी लोगों को रोजगार प्रदान कर उन्हें भी आगे बढ़ने में मदद कर रही है। ये महिलाएं फेसिंग तार के साथ आचार, पापड़, निरमा, साबुन, फिनाइल आदि निर्माण कर रही है। कलेक्टर डोमन सिंह भी उनसे मिलने पहुचें थे। इनके द्वारा बनाए जाने वाले फेंसिंग तार की प्रक्रिया और उपकरण आदि देखें। महिलाओं ने बताया कि काम मुश्किल था पर मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया तो काम आसान लगने लगा। कलेक्टर ने उनके काम की तारीफ की।