नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा में हर वर्ष लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं। जिसकी वजह से इस परीक्षा को पास करने के लिए खूब मेहनत करनी होती है। यही कारण है कि अधिकतर अभ्यर्थियों का पहली बार में चयन नहीं होता है। लेकिन कुछ अभ्यर्थी ऐसे होते हैं, जिनका पहले ही प्रयास में चयन हो जाता है,उन्हीं अभ्यर्थियों में शामिल हैं वैभव गोंडाने।
यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए वैभव ने इतनी मेहनत की कि उनका चयन पहली ही बार में हो गया है। इस समय वैभव एक आईएएस अफसर हैं। वैभव गोंडाने को यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2018 में ऑल इंडिया रैंक 25वीं मिली थी।
मात्र 22 वर्ष की आयु में यूपीएससी की परीक्षा पास कर उन्होंने इतिहास रच दिया था। वैभव गोंडाने से जब इस सफलता को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए उन्होंने कक्षा 10वीं से ही तैयारी शुरू कर दी थी।
सालों तक तैयारी करने के बाद जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी तो उनका पहले ही प्रयास में चयन हो गया। वैभव गोंडाने मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले है। उनका मानना है कि सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के पास मोटिवेशन होना जरूरी है। क्योंकि सेल्फ मोटिवेशन और पढ़ाई की बदौलत ही इस परीक्षा को पास किया जा सकता है।
वैभव का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी आप 50-50 के फार्मूले से कर सकते हैं। उनके हिसाब से 50% तैयारी रीडिंग के जरिए और 50% तैयारी नोट्स मेकिंग, आंसर राइटिंग, मॉक टेस्ट व अखबार के जरिए की जा सकती है।
ऐसे में अगर आप तैयारी को दो हिस्सों में बांट देंगे तो आप बेहतर तैयारी कर पाएंगे और सफलता आपके कदम चूमेगी।
वैभव का मानना है कि थोड़ी-बहुत पढ़ाई से यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा को पास नहीं किया जा सकता है। इसके लिए बेहतरण रणनीति और समर्पण की जरूरत होती है।