कोरोना जब से दुनिया में आया है, तब से सबके जीवन में आफत बनके टूटा है। वहीं कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में जमकर उत्पात मचाया है। वहीं इंसानों के साथ ही जानवरों पर भी इसका असर पड़ने लगा है। बीते महीने के दौरान भारत में चिड़ियाघर के जानवरों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद CSIR यानी सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) की लुप्त प्रजातियों के संरक्षण की प्रयोगशाला (LaCONES) ने COVID पर चिड़ियाघर की फ्रंटलाइन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी द्वारा जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक CSIR-CCMB के निदेशक डॉ। विनय के नंदीकुरी ने कहा कि 'दिशा-निर्देश में वन्यजीवों के कोविड टेस्ट के लिए सैंपल इकट्ठा करने के प्रोसेस को आसानी से समझने के लिए एक डीटेल प्रोटोकॉल बताया गया है। उसमें फ्रंटलाइनर द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न शामिल हैं।'
जानवरों में कोरोना के मामले
बता दें कि हाल के समय में LaCONES की टीम ने जानवरों से विभिन्न प्रकार के नाक, ऑरोफरीन्जियल, रेक्टल और फेकल नमूनों का उपयोग करके कोरोना की टेस्ट करने की कोशिश की है। LaCONES DNA-आधारित आणविक जीव विज्ञान उपकरणों का उपयोग करके वन्यजीवों के सैंपल का लगातार परिक्षण करता रहा है। अब इसी तरीके के इस्तेमाल से जानवरों में कोरोना के मामलों के संक्रमण का पता लगाया जा रहा है।
डॉ. कार्तिकेयन वासुदेवन ने दी जानकारी
CSIR-CCA के प्रभारी वैज्ञानिक के डॉ. कार्तिकेयन वासुदेवन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी सिफारिशें चिड़ियाघर के कर्मचारियों को जानवरों के परीक्षण केंद्रों को भेजने से पहले उचित रूप से सैंपल करने और पैक करने में मदद करेंगी। चिड़ियाघरों के साथ-साथ टेस्टिंग सेंटर्स के लिए प्रक्रिया को आसान बनाएगी।
जानवरों की कोरोना टेस्ट करने की तैयारी
बता दें कि कोरोना की वजह से एक बाघ की बीते दिनों मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक बाघ में कोरोना के लक्षण दिखने के बाद उसका कोरोना टेस्ट किया गया था। जिसका रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बाघ का इलाज जारी था, लेकिन बीते दिनों की उसकी मौत हो गई। जिसके बाद से जानवरों की भी कोरोना टेस्ट करने की तैयारी की जा रही है।