ईक्को कार के साइलेंसर से ज्वेलरी में उपयोग करने वाले डस्ट की करते थे चोरी।
चोरी का मास्टरमाइंड है इंजिनियर, गैंग बनाकर कर रहा था वारदात।
महासमुन्द पुलिस का दावा है कि पूरे भारत में इस तरह का यह दूसरी बार किया गया अपराध है, जिसमें कार के डस्ट से पैलेडियम धातु की चोरी की जा रही थी। चोर गिरोह का मास्टरमाइंड इंजिनियर है। किराये से ईक्को वाहन लेकर साइलेंसर की चोरी करते, साइलेंसर की डस्ट निकालकर बेच रहे थे। महासमुन्द सिटी कोतवाली और साइबर सेल की टीम ने सात चोरों को गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि ये मारूति ईको वाहनों के साइलेंसर से कीमती मेटल डस्ट पैलेडियम की चोरी करते हैं। आरोपियों से 20 किलोग्राम पैलेडियम बरामद किया गया है। जिसकी कीमत 4 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस का कहना है छत्तीसगढ़ राज्य में इस तरह का यह पहला मामला है।
गिरफ्तार सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं जो वर्तमान में महासमुंद जिले में निवासरत हैं। पुलिस के मुताबिक पैलेडियम धातु को ज्वेलरी बनाने में उपयोग में लाया जाता है।
प्रेसवार्ता आयोजित कर दी जानकारी
स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर एडिशनल एसपी मेघा टेंभुरकर साहू, एसडीओपी नारद सूर्यवंशी, कोतवाली टीआई शेर सिंह ने बताया कि जिले में साइलेंसर चोरी की रिपोर्ट लिखाने लोग लगातार पहुंच रहे थे। मुखबीर की सूचना पर पुलिस ने उक्त अंतरराज्यीय गिरोह के कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया।
इन स्थानों पर वाहनों को बनाया निशाना
आरोपी ईको मारूति वाहनों को ही निशाना बनाते थे। महासमुंद क्षेत्र के कचहरी चौक, टैक्सी स्टैंड, शेरगांव, जामगाव, बेमचा, इमलीभाठा, स्टेशन रोड तथा अन्य क्षेत्र फिंगेश्वर, राजिम, गरीयाबंद,धमतरी, बलौदा बाजार सहित कुल 48 ईको मारूति वाहनों को आरोपियों ने निशाना बनाया। मेटल डस्ट को गलाकर उसमें से पैलेडियम धातु निकाल कर बेचते थे। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखों में है।
छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसी वारदात
पुलिस कहा कि इस तरह की शिकायत छत्तीसगढ़ में पहली बार आयी। एस पी प्रफुल्ल ठाकुर ने जांच टीम गठित की थी। टीम को पता चला कि गंजपारा महासमुंद निवासी गोविंद सिंह राजपूत ईको मारूति वाहनों को किराए से लेकर जाता है तथा अपने साथियों के साथ वाहन में लगे साइलेंसरों की चोरी करता है। मुखबिर की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करने पुलिस की टीम बस स्टैंड महासमुंद पहुंचकर एक व्यक्ति को पकड़ा। पूछताछ करने पर वह अपना नाम गोविंद सिंह पिता कप्तान सिंह राजपूत उम्र 32 साल हाल मुकाम महासमुंद बताया। उसके पास एक थैला मिला जिसमें उक्त मैटल भरा था। आरोपी मूलतः उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
गैंग में ये लोग हैं शामिल
उसने बताया कि उत्तरप्रदेश निवासी इकरार खान, मुकीम खान, फरमान खान, साजिद खान, रिंकू उर्फ चंद्रजीत यादव, साजिद खान फेरी वाले थे और गोविंद के पिता से कपड़े खरीद कर फेरी कर बेचते थे। लाकडाउन में काम बंद होने से सोशल मीडिया के माध्यम से ईको मारूति वाहनों से साइलेंसर चोरी कर पैलेडियम धातु निकालना और बेचना सीखा। सभी ने मिलकर साइलेंसर चोरी की योजना बनाई।