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Breaking News : अंकित बागबाहरा कांग्रेस से निष्कासित, सामाजिक समरसता बिगाड़ने का मामला


महासमुन्द। कांग्रेस के बागबाहरा ग्रामीण के प्रथम ब्लॉक अध्यक्ष अंकित बागबाहरा उर्फ अंकित अग्रवाल को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी आदेश के अनुसार अंकित को 6 साल के पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में अनुमोदन के बाद विधिवत रूप से अंकित को निष्कासित कर दिया गया है। क्षेत्र के बहुसंख्यक साहू समाज पर अनर्गल टिप्पणी वाला वीडियो वायरल करना कांग्रेस नेता अंकित को भारी पड़ गया।





यह समूचा मामला





17 मई 2021 को 3:54 बजे एक वीडियो बागबाहरा एक्सप्रेस व्हाट्सएप्प ग्रुप में अंकित अग्रवाल ने वायरल किया। इस वीडियो में सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाला कंटेंट था। इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई। वीडियो डिलीट करने स्थानीय लोगों ने आग्रह किया। जिसे दरकिनार कर दिया गया। ग्रुप में विवाद बढ़ने पर ग्रुप एडमिन ने अंकित को ग्रुप से हटा दिया। आक्रोशित युवाओं और नगर साहू समाज बागबाहरा ने अंकित बागबाहरा से दूरभाष पर संपर्क कर इस गलती के लिए सार्वजनिक खेद प्रकट करने का आग्रह किया। जिस पर कांग्रेस नेता का रवैया अड़ियल होने से विवाद गहरा गया।





कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर।




साहू समाज ने दी थी दो दिन की मोहलत





मामला जिला साहू संघ के संज्ञान में आने पर जिलाध्यक्ष धरमदास साहू ने अंकित बागबाहरा से संपर्क कर 19 मई को दोपहर 12 बजे तक समाज की माता-बहनों को अपमानित करने वाला वीडियो वायरल करने के लिए क्षमा याचना कर मामले का पटाक्षेप कर लेने मोहलत दी। लेकिन, अंकित ने इसे भी हल्के में लिया। इस पर 19 मई को लिखित रिपोर्ट बागबाहरा थाना में दर्ज कराई गई। तब कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए कतिपय प्रिंट मीडिया में अंकित ने खेद प्रकट करने का खबर प्रकाशित कराया। इससे नाराज सामाजिक नेताओं ने कूटनीति करने का आरोप लगाते हुए लामबंद हो गए।





22 को एफआईआर और 26 को हुई गिरफ्तारी





सामाजिक दबाव बढ़ने पर पुलिस ने 22 मई को इस मामले में एफआईआर दर्ज किया। धारा 505 (2) के तहत अपराध पंजीबद्ध होने पर बचाव के लिए सत्तारूढ़ दल का समर्थन लेकर गिरफ्तारी से अंकित बचते रहे। सामाजिक पदाधिकारियों ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम से मिलकर समूचे मामले से अवगत कराया। तब पुलिस के समक्ष 26 को अंकित ने आत्मसमर्पण किया। न्यायालय से जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से समाज को नीचा दिखाने कथित रूप से प्रपंच करने लगे। इससे उद्वेलित होकर निष्कासन के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओ ने मोर्चा खोल दिया। अंततः आज निष्कासन की कार्यवाही की गई।


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