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उत्तराखंड में कुदरत ने दूसरी बार बरपाया कहर , पढ़ें अब तक की पूरी खबर


देवों की नगरी उत्तराखंड (glassier burst in Uttarakhand) में रविवार को एक बार फिर से जल तांडव देखने को मिला। चमोली जिले के रैंणी गांव के पास एक ग्लेशियर फटने से हड़कंप मच गया। देखते ही देखते पानी विकराल रूप लेते हुए निचले इलाकों की ओर बढ़ने लगा, जिसमें सबसे पहले इसकी चपेट में ऋषि गंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट आया, ये प्रोजेक्ट इस आपदा में पूरी तरह तबाह हो गया।






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दिन बढ़ने के साथ ये जल प्रलय जोशीमठ, पीपलकोट, गोपेश्वर, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग की ओर आगे बढ़ी। तब तक सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ये जानकारी देश और दुनिया में फैल गई। जिससे बाद आनन-फानन में CM ने खुद इसका संज्ञान लिया। तुरंत मौके पर राहत और बचाव के लिए SDRF , NDRF की आठवीं बटालियन ,ITBP की टीमें भेजी गई। CM और DGP खुद आपदाग्रस्त इलाकों के लिए रवाना हुए।





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प्रदेश में बाढ़ के खतरे को देखते हुए बचाव कार्यों के लिए हवाई प्रयासों के समन्वय के लिए वायु सेना द्वारा टास्क फोर्स कमांडर के रूप में जॉली ग्रांट में एक एयर कमोडोर-रैंक अधिकारी तैनात किया गया। रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख जनरल बिपिन रावत बचाव कार्यों के लिए सैन्य प्रयासों की निगरानी की। इसके अलावा रुद्रप्रयाग में चिनूक हेलीकॉप्टर की भी तैनाती की गई है।





CM से लेकर PM ने जताई चिंता





उत्तराखंड में आई इस दैवीय आपदा को लेकर राष्ट्रपति, पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, ने चिंता जताई। सभी ने प्रदेश को हर संभव मदद का भरोसा दिया। इसके अलावा देश के अन्य राज्य जैसे यूपी, बिहार के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाने की बात कही।






https://twitter.com/vikrantiert/status/1358321422263701508




रैंणी गांव से शुरू हुई जल प्रलय (glassier burst in Uttarakhand) में अब तक काफी नुकसान हो चुका है। जिसके लिए राज्य सरकार ने 4 लाख और केंद्र सरकार ने 2 लाख के मुआवजे की घोषणा की है। इसके साथ ही घायलों को 50-50 हजार देने की बात कही गई है। बता दें कि इस घटना में अब तक 8 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। जबकि 170 लोगों की लापता होने की जानकारी मिल रही है, जिसका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।





ऋषिगंगा प्रोजेक्ट





आपदा ग्रस्त क्षेत्र में मौजूद ऋषिगंगा प्रोजेक्ट 2020 में कमीशन हुआ था। जिसमें 35 लोग काम करते थे। उसी के नीचे तपोवन में एनटीपीसी प्रोजेक्ट पर 176 लोग काम कर हे थे। यहां दो टनल है। एक में 15 लोग तो दूसरी में 35 लोग फंसे हुए है। सात लोगों के बरामद किए गए है, जबकि एक घायल का रेस्क्यू किया गया है।









प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर में दरार के कारण हुए दुखद हिमस्खलन के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए PMNRF से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि मंजूर की है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट कर कहा कि गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.





वैश्विक नेताओं ने जताया इस आपदा को लेकर दुख





विश्‍व के कई नेताओं ने उत्तराखंड के चमोली जिले में आई आपदा से पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। फ्रांस के राष्ट्रपति, अमरीकी विदेश विभाग, भारत में जापान के राजदूत और नेपाल ने मृतकों के परिजनों और मित्रों के प्रति संवेदना व्‍यक्‍त की।






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