राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) पबजी गेम को भारत (PUBG in INDIA) में शुरू करने के पक्ष में नहीं है। NCPCR ने कहा है कि वह उचित कानूनों के बनने तक मशहूर ऑनलाइन गेमिंग ऐप पबजी को भारत में फिर से शुरू किए जाने के पक्ष में नहीं है। इसी साल सितंबर में भारत ने 118 चीनी मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित किया था जिनमें पबजी भी शामिल था।
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सरकार का कहना था कि ये ऐप भारत की संप्रभुता एवं अखंडता, देश की रक्षा और सुरक्षा तथा लोक व्यवस्था के लिए हानिकारक हैं। पबजी ने भारत में अपनी सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। अधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में एनसीपीसीआर की अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि भारत में उचित कानून बनने तक पबजी को फिर से शुरू नहीं किया जाना चाहिए।
NCPCR गेम शुरू करने के पक्ष में नहीं
इस बारे में पूछे जाने पर कानूनगो ने कहा, 'यह एक आंतरिक बैठक थी। प्रथम दृष्टया, एनसीपीसीआर (PUBG in INDIA) देश में इस तरह के गेम को शुरू करने की अनुशंसा के पक्ष में नहीं है।'
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में इसका उल्लेख किया गया कि इस गेम के कारण देश में कई लोगों की जान गईं हैं। पबजी की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
PUBG की लत छोड़ रहे बच्चे
एक स्टूडेंट ने बताया कि पहले वह माता-पिता से छुप-छुपकर PUBG खेला करते थे, लेकिन जब मार्क्स कम आने लगे तो एहसास हुआ कि यह गलत है। फिर PUBG की लत छोड़ने की कोशिश की, थोड़ा कामयाब हुए, लेकिन PUBG के पूरी तरह बैन होने से उसको पूरी तरह से भूल पाए हैं।
PUBG बैन होने का सकारात्मक असर
PUBG जैसे खतरनाक गेम के भारत में बैन होने का सकारात्मक असर दिखने लगा है। हालांकि ये असर थोड़ा धीमा है, लेकिन मनोचिकित्सक खुद मानते हैं कि धीरे-धीरे बच्चों के सिर से PUBG का नशा पूरी तरह से उतर जाएगा।