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मीडिया को ग्रामीणों ने जानकारी दी है कि गांव का कोई प्रभावशाली व्यक्ति है। जो सत्तारूढ़ दल के एक बड़े नेता का खुद को रिश्तेदार बताते हैं। तेंदूवाही रोड किनारे सरहद पर बेशकीमती शासकीय जमीन करीब 20-25 एकड़ है। जिसे हथियाने के लिए इस साल पहली बारिश के बाद ट्रैक्टर से जोताई की गई। बाद धान छिड़ककर उस पर कब्जा करने का प्रयास किया गया। राजस्व रिकार्ड में यह बड़े झाड़ का जंगल है। जिसका वन अधिकार पट्टा बनाए जाने की आशंका भी ग्रामीण जाहिर कर रहे हैं।
जंगल को काटकर किए जा रहे अतिक्रमण
जब जंगल में धान बीज का अंकुरण नहीं हुआ और बारिश में झाड़ बड़े हो गए। कुछ छोटे पौधे बढ़कर पेड़ बनने लगे तो इसे बड़ी ही बेरहमी से कटवा दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी शिकायत करने पर गांव का दबंग व्यक्ति हमारी सरकार है। हम जो चाहें करेंगे। कहकर लोगों को चुप करा देते हैं। जंगल को काटकर किए जा रहे अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष है।
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पटवारी का कहना है
इधर, पटवारी चंद्रकांत बाघ का कहना है कि बारिश के शुरूआती दिनों में गांव के एक संपन्न व्यक्ति द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायत मिलने पर मौका मुआयना करके उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट दिए थे। अभी जंगल और झाड़ियों को काटकर बेजा कब्जा करने की जानकारी नहीं मिली है। यदि ऐसा हो रहा है तो सक्षम अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट देकर समुचित कार्रवाई करेंगे।