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अच्छी खबर- छत्तीसगढ़ में अब किसानों को 1200 रुपए बोरी में मिलेगी डीएपी खाद

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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के महाप्रबंधक ने बताया कि राज्य के किसानों को अब डीएपी उर्वरक 1200 रूपए प्रति बोरी की दर पर प्रदाय की जाएगी । भारत सरकार द्वारा डीएपी उर्वरक पर 20 मई से सब्सिडी बढ़ाए जाने के कारण खाद की बढ़ी हुई कीमत में कमी आई है। बता दें कि डीएपी उर्वरक निर्माता कंपनियों द्वारा खाद के दाम में एकाएक प्रति बोरी लगभग 900 रूपए की वृद्धि किए जाने के कारण इसका दाम 1200 रुपये प्रति बोरी से बढ़कर लगभग 1900 रुपये प्रति बोरी हो गया था, जो सरकार द्वारा सब्सिडी बढ़ाए जाने के कारण फिर से घटकर 1200 रूपए प्रति बोरी हो गया है ।





गौरतलब है कि खरीफ सीजन 2021 के लिए राज्य में डीएपी उर्वरक की आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा आमंत्रित निविदा में निर्माता कंपनियों द्वारा प्रति बोरी डीएपी खाद की सप्लाई के लिए 1800 रुपए से लेकर 2026 रुपए की दर दी गई थी । राज्य स्तरीय उर्वरक क्रय समिति द्वारा राज्य में डीएपी उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रदायकों से 1800 से लेकर 1950 रुपए एमआरपी प्रति बोरी की दर से डीएपी क्रय करने का निर्णय लिया गया था।





छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के महाप्रबंधक ने बताया कि 20 मई 2021 से पूर्व प्रदायकों द्वारा राज्य को 30,119 मेट्रिक टन डीएपी उर्वरक की आपूर्ति की गई थी । उर्वरक की उक्त मात्रा पर अतिरिक्त सब्सिडी के संबंध में भारत सरकार सेअभी दिशानिर्देश प्राप्त नहीं हुआ है । सब्सिडी बढ़ाए जाने का निर्देश प्राप्त होते ही 20 मई से पूर्व प्रदायकों द्वारा प्रदाय की गई डीएपी उर्वरक की उक्त मात्रा पर भी 1200 रुपए प्रति बोरी की नवीन दर लागू की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य में 20 मई के बाद प्रदायकों द्वारा प्रदाय की गई डीएपी उर्वरक की कीमत 1200 रुपए प्रति बोरी निर्धारित कर दी गई है और किसानों को 1200 रुपए प्रति बोरी में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।


धान के बदले अन्य फसलों की खेती पर छत्तीसगढ़ सरकार देगी प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2020-21 में धान तथा 2021-22 से धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों पर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 9000 रूपए इनपुट सब्सिडी देने फैसला लिया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गौठानों में तैयार सुपर कम्पोस्ट खाद न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।






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वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा।





मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में मंत्री परिषद उपसमिति के सदस्य कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव कृषि अमृत खलको, राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य उपस्थित थीं।





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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ सीजन 2020-21 में धान के रकबे वाले खेतों में यदि किसानों द्वारा आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से अन्य चिन्हित फसलों की खेती की जाती है, तो उन्हें 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ के मान से दी जाएगी। खेतों में पेड़ लगाने वाले किसानों को आगामी तीन वर्ष तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।





मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि विभाग को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान के बजाए अन्य फसलों की खेती पर प्रति एकड़ के मान से किसानों को दी जाने वाली 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी, गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ अब सुपर कम्पोस्ट खाद के उत्पादन एवं इसके विक्रय मूल्य एवं लाभ का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा ताकि राज्य के ज्यादा से ज्यादा किसान इसका फायदा उठा सकें। बैठक में कृषि विभाग के पंजीयन पोर्टल में धान के साथ साथ अन्य फसलों के पंजीयन के लिए इस पोर्टल को अपग्रेड करने, खरीफ फसलों की गिरदावरी के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसका एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए।






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गोबर उत्पादित खाद ’सुपर कम्पोस्ट’





बैठक में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ साथ अब अतिशेष गोबर से आर्गेनिक मेन्योर खाद के उत्पादन एवं इसके विक्रय को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अतिशेष गोबर से तैयार होने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद को सुपर कम्पोस्ट नाम दिया और इसकी मार्केटिंग की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।





यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई 2020 से राज्य के ग्रामीण अंचलों में सुराजी गांव योजना के तहत पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है। इन गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है और इससे महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से बडे पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण भी किया जा रहा है। गौठानों में अतिशेष गोबर से सुपर कम्पोस्ट खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। अतिशेष गोबर से तैयार की जाने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद, जिसे सुपर कम्पोस्ट नाम दिया गया है। यह खाद वास्तव में बेसल डोज खाद है। जिसे गोबर की कम्पोस्टिंग कर तैयार किया जाता है। यह बेहतर गुणवत्ता वाली खाद है, जिसका उपयोग किसान खेती में कर सकेंगे। यह खाद किसानों को न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जाएगी।


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