किसान आंदोलन के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए हैं कि जब किसान पिता आंदोलन में शामिल होकर किसान एकता का नारा लगाते हुए आगे बढ़ रहा है और वहीं दूसरी तरफ उनका अपना बेटा वर्दी में खड़ा होकर उन्हें रोकने का प्रयास कर रहा है।
फतेहपुर पुटठी गांव के किसान का बेटा दिल्ली पुलिस में है।उनका कहना है कि बेटा अपनी ड्यूटी निभा रहा है और मैं किसानों के साथ हक की लड़ाई में कृषि कानून का विरोध कर रहा हूं। इस आंदोलन में भले ही हम आमने सामने है लेकिन हमारे दिल जुड़े हुए हैं।
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ऐसा ही एक मामला कृषि आंदोलन के दौरान देखने मिला जब चाचा और भतीजा आंदोलन के दौरान आमने-सामने आ गए. दरअसल इस किसान आंदोलन में ऐसे कई परिवार है जिनके परिवार के सदस्य पुलिस में हैं। इस दौरान अक्सर किसान और जवान कई बार भिड़े हैं।
किसान ने कहा दिल का रिश्ता तो रिश्ता है
भारतीय किसान युवा के पूर्व जिला अध्यक्ष का कहना है कि किसान आंदोलन के दौरान एक भी ऐसा काम नहीं करेंगे, जो बच्चों का सिर झुका दे। हमारे ही बच्चे ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें लाठी चलाने के लिए कहा जाएगा तो वे लाठी चलाएंगे और हम सहेंगे, लेकिन दिल का रिश्ता तो रिश्ता होता है।
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इस आंदोलन के दौरान जब किसानों से पूछा गया कि इस दौरान अपने ही बच्चों के सामने आकर रोके जाने से उन्हें कैसा महसूस होता है तो उनका है था कि हमारे घर के बच्चे हैं न हम चाहते हैं कि माहौल खराब हो और न ही उनकी ऐसी मंशा है। सरकार हमारी मांग मान ले तो आंदोलन खत्म हो जाएगा।