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होम आइसोलेशन के मरीजों को करनी चाहिए ऑक्सीजन स्तर की नियमित जांच

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कोरोना का संक्रमण(Corona Patient News) फिलहाल अभी धीमा हो गया है, लेकिन मृत्यु की संख्या अभी भी ज्यादा है। 15 जनवरी से 21 जनवरी यानी एक हफ्ते में 45 मृत्यु हुई, जिसमें 84 प्रतिशत पुरूष और 16 प्रतिशत महिलाओं की हुईं। राज्य स्तरीय डेथ आडिट रिपोर्ट (State level death audit report) में यह बात सामने आई कि 71 प्रतिशत मृत्यु कोमार्बिडिटी के कारण हुई, जबकि 29 प्रतिशत कोविड के कारण हुई। इसमें भी 60 साल से ज्यादा उम्र में केस फेटलिटी दर 4.77 और 45-59 साल की आयु के व्यक्तियों में 1.59 CFR दर्ज किया गया।





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समिति ने यह भी रिव्यू किया कि 27 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटो के अंदर हुई, जबकि 7 प्रतिशत मृत्यु 2 से 3 दिनों के अंदर हो जाती है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य रेणु पिल्ले की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला,मेकाहारा के विशेषज्ञ डॉ. ओ पी सुंदरानी,यूनीसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. श्रीधर और संयुक्त संचालक डॉ. सुभाष पांडे उपस्थित थे।





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सभी जिलों से प्राप्त आंकड़ों का केस वार विश्लेषण किया गया और जिलों को इसमें सुधार करने संबंधी निर्देश जारी करने को कहा गया। बालोद के 55 साल के पुरूष को 10 जनवरी से सांस में तकलीफ हो रही थी, लेकिन 12 जनवरी को जांच कराने के बाद पॉजिटिव आने पर 15 जनवरी को रायपुर के निजी अस्पताल में इलाज के बाद भी स्वस्थ नहीं हुए और उनकी उसी दिन मौत हो गई। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण उनकी मृत्यु हुईं।





लगातार हो रही मरीजों की मौत(Corona Patient News)





सरगुजा के 55 वर्षीय पुरूष को 9 जनवरी से कफ की शिकायत आने पर 11 जनवरी को पहले CT स्कैन कराया गया। इसके बाद कोरोना जांच कराई गई, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अंबिकापुर में भर्ती कराया गया। बाद में उन्हें रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के बाद भी 16 जनवरी को उनकी मौत हो गई।





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वहीं जांजगीर-चांपा के एक 50 वर्ष पुरूष मरीज की एंटीजन रिपोर्ट 19 जनवरी को पॉजिटिव आई। इसके बाद उसने चिकित्सकों की सलाह नहीं मानी और होम आइसोलेशन में रहा। इसी बीच सांस की तकलीफ के कारण उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के पहले ही उसकी मौत हो गई। महासमुंद की 45 वर्ष की महिला को डायरिया की शिकायत होने पर कोरोना जांच में एंटीजेन पॉजिटिव आया और अस्पताल में कर इलाज किया गया, लेकिन दो दिन बाद उसकी मौत हो गई।





करते रहे नियमित जांच





यूनीसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. श्रीधर ने कहा कि इसीलिए सभी को बार -बार समझाया जा रहा है कि सर्दी,खांसी , बुखार, थकान ,दस्त जैसे के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और कोरोना जांच कराएं। साथ ही चिकित्सक की सलाह के मुताबिक ही काम करें। डॉ. सुंदरानी ने कहा कि होम आइसोलेशन के मरीजों को अपने ऑक्सीजन स्तर की जांच नियमित करना चाहिए और 95 से कम आने पर तुरतं अपने चिकित्सक को और कंट्रोल रूम को भी बताना चाहिए। कंट्रोल रूम से होम आइसोलेशन के मरीजों को शुरू के 7 दिन नियमित फोन से तबीयत पूछे जाने के निर्देश दिए गए।


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