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Kumbh Mela 2025 : इस सदी का महाकुंभ ‘डिजिटल महाकुंभ’ के रूप में जाना जाएगा : योगी आदित्यनाथ

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 Kumbh Mela 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शहीद का बलिदान कौम की जिंदगी होती है। देश, धर्म के लिए बलिदान होने वाली लंबी श्रृंखला सदैव से समाज को नया जीवन देती रही है। आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर पीएम मोदी ने आगामी 25 वर्ष का लक्ष्य रखते हुए कहा कि देश को 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाना है। उन्होंने पंच प्रण की बात कही। इसमें मुख्यतः गुलामी के अंशों को सर्वथा समाप्त करना, महापुरुषों पर गौरव की अनुभूति, सुरक्षा बलों के जवानों का सम्मान करना है। इस दौरान उन्होंने कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ-2025 होने जा रहा है। यह मुहूर्त 144 वर्ष बाद आया है। महाकुंभ के बहाने प्रयागराज और आसपास के शहरों का भी कायाकल्प हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इस सदी का महाकुंभ ‘डिजिटल महाकुंभ’ के रूप में जाना जाएगा।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज (सोमवार) को होटल ताज में आयोजित ‘शौर्य सम्मान-2025’ कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने शहीदों के परिजनों सहित उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित किया।

सुरक्षा के बिना सभ्य समाज की कल्पना नहीं की जा सकती

उन्होंने कहा कि यहां 1965-1971 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में भागीदार, शहीदों के परिजनों, भारतीय सेना के जवानों, देश के अंदर विभिन्न ऑपरेशन में भाग लेने वाले स्मृतिशेष जवानों के परिजनों का सम्मान हुआ। सुरक्षा के बिना सभ्य समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। स्वतंत्रता का अहसास हो, लेकिन हमारी स्वतंत्रता दूसरे की स्वतंत्रता में बाधा न बने। बाबा साहेब ने जो संविधान दिया, उसके अनुसार सुरक्षा की पहली शर्त सुशासन है। सुशासन की स्थापना के लिए जो जवान दिन-रात लगे रहते हैं, उन्हें सम्मान देना राष्ट्रीय दायित्वों के निर्वहन जैसा है।

यूपी की पहचान दंगाग्रस्त और अराजक प्रदेश के रूप में थी

सीएम योगी ने 2017 के पहले और अब के उत्तर प्रदेश का अंतर बताते हुए कहा कि 2017 के पहले कोई सुरक्षित नहीं था। नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ होता था। उनके पास नौकरी और रोजगार नहीं था। यूपी की पहचान दंगाग्रस्त और अराजक प्रदेश के रूप में थी। आज उत्तर प्रदेश सुरक्षित है। स्वत:स्फूर्त भाव के साथ प्रदेश में सभी कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। तंत्र वही है, बस सरकार का चेहरा बदल गया। यह वही प्रदेश है, जहां पहले कोई निवेश नहीं करता था। 2017 के पहले हर परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े होते थे। प्रत्येक सप्ताह दो से तीन बड़े दंगे होते थे, लेकिन आज प्रदेश दंगामुक्त है। सर्वाधिक निवेश को आमंत्रित करने वाला प्रदेश है। बिना भेदभाव के योग्यता के आधार पर सरकारी-निजी क्षेत्र में नौकरी और रोजगार की गारंटी देने वाला प्रदेश है।

यह नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का बदला स्वरूप है

उन्होंने कहा कि 2017 के पहले पुलिस भागती थी, अपराधी दौड़ाता था। आज अपराधी हांफते-हांफते मर रहा है। पुलिस, अपराधी और उनके आकाओं को सही जगह पहुंचा रही है। यह नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का बदला स्वरूप है। यहां सुरक्षा, सम्मान, पहचान भी है। इस साल के अंत तक जब गंगा एक्सप्रेसवे बन जाएगा तो देश का 55 फीसदी एक्सप्रेसवे यूपी के पास होगा। सबसे अधिक रेलवे नेटवर्क, एयरपोर्ट, मेट्रो संचालित, सर्वाधिक नगर निकाय, आस्था को गौरव के साथ आगे बढ़ाने वाला प्रदेश उत्तर प्रदेश होगा।

महाकुंभ के बहाने प्रयागराज और आसपास के शहरों का भी कायाकल्प हुआ

सीएम ने आगे कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ-2025 होने जा रहा है। यह मुहूर्त 144 वर्ष बाद आया है। महाकुंभ के बहाने प्रयागराज और आसपास के शहरों का भी कायाकल्प हुआ है। 200 से अधिक सड़कों को सिंगल से डबल, डबल से फोरलेन, फोरलेन से सिक्सलेन बनाया गया। एक वर्ष में एक शहर में 14 नए फ्लाईओवर बनकर तैयार हुए। रेलवे स्टेशनों का पुनरुद्धार हुआ, एयरपोर्ट नए सिरे से देखने को मिल रहा है।

इस सदी का महाकुंभ ‘डिजिटल महाकुंभ’ के रूप में जाना जाएगा

उन्होंने कहा कि अक्षयवट, सरस्वती देवी, बड़े हनुमान, महर्षि भारद्वाज, श्रृंगवेरपुर, पातालपुरी कॉरिडोर आदि पहली बार देखने को मिलेंगे। दुनिया की तीसरी बड़ी आबादी के बराबर श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। एक दिन में 10 करोड़ श्रद्धालु भी आ गए तो आसानी से स्नान कर पुण्य प्राप्त करेंगे। ‘स्वच्छ महाकुंभ’ के लिए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की व्यवस्था है। 1.50 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में इस सदी का महाकुंभ ‘डिजिटल महाकुंभ’ के रूप में जाना जाएगा। प्रयागराज महाकुंभ आस्था और आधुनिकता का संगम होगा। अयोध्या, काशी, मां विंध्यवासिनी धाम, चित्रकूट, लखनऊ, श्रृंगवेरपुर आदि आध्यात्मिक विरासत से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने भारतीय संस्कृति के समागम में सभी को आमंत्रित किया। 

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