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छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामलों में कमी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सम्मानित

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विश्व मलेरिया दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामलों में गिरावट के लिए सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में से एक है, जो मलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान और मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर से यहां API दर (Annual Parasite Incidence यानी प्रति एक हजार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीजों की संख्या) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। साल 2018 में जहां प्रदेश की API  2.63 थी, वह 2021 में घटकर 0.92 पर पहुंच गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव ने इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही मितानिनों समेत मैदानी स्तर पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों में अभियान के अंतर्गत लोगों की मलेरिया जांच और इलाज उपलब्ध कराने में मैदानी अमले ने बेहद गंभीरता और सक्रियता से काम किया है। उनकी मेहनत से छत्तीसगढ़ को ये सम्मान मिला है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक प्रियंका शुक्ला और संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने नई दिल्ली में राज्य शासन की तरफ से ये सम्मान ग्रहण किया।

आकांक्षी जिलों में चलाया गया अभियान

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा जनवरी-फरवरी-2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी जिलों में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का पहला चरण संचालित किया गया था। घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हजार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हजार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हजार और पांचवे चरण में 14 लाख 36 हजार लोगों की मलेरिया जांच की गई। इस दौरान पहले चरण में पॉजिटिव पाए गए 64 हजार 646, दूसरे चरण में 30 हजार 076, तीसरे चरण में 16 हजार 148, चौथे चरण में 11 हजार 363 और पांचवे चरण में 11 हजार 321 मलेरिया पीड़ितों का तत्काल इलाज शुरू किया गया। 

मलेरिया के मामलों में लगातार कमी

साल 2016 में 26.78 API वाले बस्तर संभाग की API 2021 में घटकर 7.07 पर पहुंच गई है। बस्तर संभाग में अभियान के अच्छे असर को देखते हुए मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत इसे प्रदेश के कुल 21 जिलों में विस्तारित किया गया है। अभियान के पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवे चरण में मलेरिया पॉजिटिविटी दर क्रमश 4.6 प्रतिशत, 1.27 प्रतिशत, 1.03 प्रतिशत, 0.56 और 0.79 प्रतिशत दर्ज की गई है। अभियान के प्रभाव से मलेरिया के मामलों में लगातार कमी आ रही है।

मलेरिया दिवस पर सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए छत्तीसगढ़ को किया जाएगा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित

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दुनियाभर में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा 25 अप्रैल को नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ राज्य को प्रदेश में मलेरिया के मामले में आए गिरावट के लिए सम्मानित किया जाएगा। 

छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में से एक है, जो मलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में पूरे देश में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर श्रेणी-3 से सीधे श्रेणी-1 में पहुंच गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है।

आकांक्षी जिलों में चलाया गया अभियान

राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा जनवरी-फरवरी-2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी जिलों में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का पहला चरण संचालित किया गया था। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सफलता को देखते हुए इसे पूरे प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने के लिए मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की गई। अब तक प्रदेश में बस्तर संभाग में इस अभियान के 5 चरण और अन्य संभागों में 2 चरण संचालित किए गए हैं। 

लोगों की RD किट से मलेरिया की जांच

मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के 5 चरणों में अब तक प्रदेश में कुल 87 लाख 84 हजार 271 लोगों की मलेरिया जांच की गई है। अभियान से मलेरिया के मामलों में छत्तीसगढ़ में 62.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं प्रदेश में मलेरिया टेस्ट पॉजिटिविटी दर 4.60 प्रतिशत से घटकर 0.79 प्रतिशत पर आ गई है। इन अभियानों में मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे बस्तर के पहुंच विहीन, दुर्गम-दूरस्थ इलाकों में घर-घर पहुंचकर सभी लोगों की RD किट से मलेरिया की जांच की गई। 

अंगूठे में निशान लगाकर मार्किंग

पॉजिटिव पाए गए लोगों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य पदार्थ खिलाकर तत्काल मलेरिया के इलाज के लिए दवाई का सेवन चालू किया गया। मितानिनों की निगरानी में उन्हें दवाइयों की पूरी खुराक खिलाई गई। अभियान के दौरान हर घर और हर व्यक्ति की जांच सुनिश्चित करने के लिए घरों में स्टीकर चस्पा कर जांच किए गए लोगों के पैर के अंगूठे में निशान लगाकर मार्किंग की गई है। 

शिशु-मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में मदद

मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के प्रभाव से API (Annual Parasite Incidence) यानि प्रति एक हजार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीजों की संख्या में बड़ी कमी आई है। प्रदेश में साल 2018 में मलेरिया एपीआई जहां 2.63 थी। वह साल 2021 में घटकर 0.92 रह गई है। अभियान से मलेरिया उन्मूलन के साथ ही एनीमिया और कुपोषण को खत्म करने और शिशु-मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिली है।

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