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हमर चिरई-हमर चिन्हारी पक्षी महोत्सव शुरू, बेमेतरा के गिधवा-परसदा जलाशय को मिलेगी अंतराष्ट्रीय पहचान

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देश-विदेश से आने वाले पक्षियों के लिए गिधवा-परसदा जलाशय एक बेहतरीन आश्रय स्थल के रूप में उभर रहा है। शीत ऋतु में यहां आने वाले इन प्रवासी पक्षियों के मद्देनजर बेमेतरा जिले के इस जलाशय में पक्षी महोत्सव (Hummer Chirai Hummer Chinhari) की शुरूआत की गई है। प्रकृति से और नजदीक जुड़ने का प्रयास है।





गिधवा-परसदा जलाशय में 150 प्रजाति पक्षियों का होता है प्रवास(Hummer Chirai Hummer Chinhari)





महोत्सव में चित्रकला, फोटो प्रदर्शनी, रंगोली, पिनटैन, मैराथन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। पक्षी महोत्सव प्रदेश में अपनी तरह का पहला आयोजन है। गिधवा-परसदा के दो बड़े जलाशयों में पिछले 25 साल से विदेशी पक्षी आ रहे हैं। यूरोप-आफ्रिका महाद्वीप से भी हजारों मील समुद्र पार कर पक्षी आते हैं। यहां देशी और विदेशी 150 प्रजाति के पक्षियों का प्रवास होता है।









सामान्य रूप से अक्टूबर से फरवरी तक उनका इस जलाशय के पास निवास रहता है। पक्षी महोत्सव के आयोजन से छत्तीसगढ़ और बाहर के सैलानी इसका लाभ उठा सकेंगे। वहीं पक्षी प्रेमियों और पक्षी विज्ञानियों के लिए भी अध्ययन और शोध का अवसर मिलेगा।





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सलीम अली इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों से ली जाएगी सहायता





प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने पक्षी महोत्सव (Bird festival) के शुभारंभ अवसर पर कहा कि पक्षी महोत्सव के आयोजन से गिधवा-परसदा जलाशय की पहचान आने वाले समय में अन्तराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा हमर चिरई-हमर चिन्हारी के अन्तर्गत आने वाले समय मे दिसंबर माह में प्रदेश के 07 स्थानों में पक्षी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, इसके लिए सलीम अली इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों से चर्चा कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जायेगी।









प्रधान मुख्य वन संरक्षक चतुर्वेदी ने कहा कि आदिकाल से मनुष्य और पक्षियों (Bird festival) का सामंजस्य रहा है। वेदों मे भी पक्षियों का चित्रण किया गया है। मनुष्य प्राचीन समय से पेड़ और पशु पक्षियों की पूजा करते आ रहा है। उन्होंने कहा कि गिधवा-परसदा जलाशय का परिवेश और आबोहवा देशी और विदेशी पक्षियों के अनुकूल है, जिसके चलते यहां अक्टूबर और फरवरी के बीच मे पक्षी अपना डेरा डालते हैं। इन जलाशयों के आस-पास पक्षियों के लिए अच्छा भोजन मिलता है। आने वाले समय मे कोशिश होगी की हर साल दिसंबर माह के अन्त में पक्षी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।









इस अवसर पर वन विभाग के सचिव प्रेम कुमार, राज्य जैवविविधता बोर्ड के सदस्य सचिव अरुण पाण्डेय, कलेक्टर बेमेतरा शिव अनंत तायल, मुख्य वन संरक्षक संजीता गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वृत्त शालिनी रैना ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल, अपर कलेक्टर संजय कुमार दीवान, एएसपी विमल कुमार बैस, एसडीओ वन बेमेतरा पुष्पलता, सरपंच ग्राम पंचायत गिधवा केशव साहू, सरपंच नगधा थानसिंह वर्मा, सरपंच परसदा राजेश साहू सहित ग्रामीण उपस्थित थे।






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