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खिलाड़ियों को 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में मिलेंगे बोनस अंक, एनसीसी-एनएसएस को भी लाभ

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 रायपुर : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10 वीं एवं 12 वीं के स्पोर्ट्स स्टूडेंट्स को बोर्ड परीक्षा में 10 से 20 तक बोनस अंक दिए जाएंगे। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड, साक्षरता कार्यक्रम के स्वयंसेवक एवं अन्य चयनित गतिविधियों में शामिल छात्रों को भी बोनस अंक का लाभ मिलेगा।


छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की सचिव पुष्पा साहू ने इसके लिए शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर खिलाड़ियों की सूची मांगी है। राज्य स्तरीय खेलों में भाग लेने वाले छात्रों को 10 अंक, राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी करने वालों को 15 अंक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 20 अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे।

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जिला शिक्षा अधिकारियों और शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देशित किया है कि अपने क्षेत्र के स्कूलों से पात्र छात्रों की सूची निर्धारित समय तक माध्यमिक शिक्षा मंडल कार्यालय भेजें, ताकि परीक्षा के दौरान बोनस अंक जोड़ने की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जा सके।

छ त्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सत्र 2024-25 की बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को खेल और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर बोनस अंक देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए सभी स्कूलों से पात्र विद्यार्थियों की सूची 25 मार्च 2025 तक मांगी गई है।

इस योजना के तहत केवल भारतीय ओलंपिक संघ, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और अन्य मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा प्रमाणित प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्र ही पात्र होंगे। इसके अलावा, एनसीसी के आरडी परेड, वायु सैनिक, नौसेना और थल सेना कैंप में भाग लेने वाले कैडेट्स को भी अंक दिए जाएंगे। इस निर्णय का उद्देश्य छात्रों को खेलों और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना है।

पोषण पखवाड़ा : जंक फूड की जगह ’मिलेट्स’ को दैनिक जीवन में अपनाएं युवा

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रायपुर। पोषण पखवाड़े के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज यूनिसेफ के सहयोग से युवाओं में पोषण जागरूकता के लिए राज्य स्तरीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के माध्यम से युवाओं को मिलेट्स के फायदे समझाते हुए उन्हें दैनिक जीवन में मिलेट्स को शामिल करने के लिए प्रेरित किया गया। वेबीनार से फेसबुक लाइव के माध्यम से नेहरू युवा केन्द्र, भारत स्काउट-गाइड, एनएसएस, यूनिसेफ सहित विभागीय अमले सहित बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया।

महिला एवं बाल विकास विभाग के नोडल अधिकारी जी.एस.मरावी ने बताया कि 20 मार्च से महिला एवं बाल विकास द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान लोगों में पोषण जाकरूकता और व्यवहार परिवर्तन के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। विभागीय अधिकारी श्रीमती श्रुति नेरकर ने कहा कि पहले पूर्वज अन्न या मिलेट्स का प्रयोग करत थे। लेकिन बदलते समय में घरों में खानपान की शैली बहुत बदल गई है।

मिलेट्स को फिर भोजन में शामिल कर पोषण के सभी फायदे लिये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग कुपोषण से लंबे समय से लड़ाई कर रहा है। बच्चों, महिलाओं, किशोरियों को पोषण आहार और रेडी टू ईट प्रदान किया जा रहा है। लेकिन इसमें विभाग के साथ समाज के हर व्यक्ति की सहभागिता जरूरी है। पोषण संबंधित व्यवहार और खानपान परिवर्तन में युवा बड़ी भूमिका निभा सकते है। मिलेट्स से कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं। युवा जंक फूड को छोड़कर पौष्टिक भोजन और स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।

यूनिसेफ के न्यूट्रीशन विशेषज्ञ महेन्द्र प्रजापति ने बताया कि मिलेट्स पचने में आसान होते हैं इसलिए बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक के लिए उपयोगी हैं। इसमें सारे पौष्टिक तत्व मिल जाते हैं। कम पानी और जमीन में अधिक उपज के कारण यह पर्यावरण के भी अनुकूल है। ये ज्यादा महंगे भी नहीं होते। उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में वृद्धि और विकास तेजी से होता है। इस समय संतुलित आहार लेना जरूरी है। आजकल प्रोसेस्ड फूड के दुष्प्रभाव के कारण कुपोषण और मोटापा अधिक देखने को मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि 2016 से 18 के बीच किये गए न्यूट्रीशन सर्वे के अनुसार बड़ी संख्या में किशोर और किशोरियों में आयरन, विटामिन ए, डी और विटामिन बी-12 की कमी देखी गई। यह भी पाया गया है कि बड़ी संख्या में किशोर नमक, शक्कर और फैट रिच फूड लेते हैं। प्रोसेस्ड फूड या जंक फूड में कैलोरी बहुत ज्यादा होती है और प्रोटीन और फाइबर बहुत कम होते हैं। इसके कारण युवाओं को उचित पोषण नहीं मिल रहा है। मिलेट्स के माध्यम से युवा संतुलित आहार ले सकते हैं, इसमें सभी सूक्ष्म और बड़े पोषक तत्व मिल जाते है।यूनिसेफ के विशेषज्ञ अभिषेक सिंह ने युवाओं के लिए पोषण और मिलेट्स कोलोकप्रिय बनाने में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन को प्रभावित करने के लिए लक्षित समूह को समझना और उनके मिथकों को दूर करना जरूरी है।

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