Responsive Ad Slot


 

Showing posts with label संस्कृति-परंपराओं. Show all posts
Showing posts with label संस्कृति-परंपराओं. Show all posts

विश्व आदिवासी दिवस : राजधानी में दो दिवसीय खेल मड़ई का आयोजन

No comments Document Thumbnail

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर आदिवासी समाज और सभी नागरिकों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ देश के उन प्रदेशों में शामिल है, जहां पर करीब तीस प्रतिशत आदिवासी निवासरत् हैं और उन्हें शुरू से ही संस्कृति-परंपराओं और प्रकृति का संरक्षक माना गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के शहीद बिरसा मुण्डा, वीर नारायण सिंह, वीर गुंडाधुर और रानी दुर्गावती जैसे महान लोगों ने सर्वोच्च बलिदान भी दिया है।



 खेल मड़ई-फोटो प्रदर्शनी आयोजित

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में दो दिवसीय पारंपरिक खेल मड़ई का आयोजन किया जा रहा है। इस खेल मड़ई का आज अंतिम दिन है। राजधानी के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में आयोजित इस खेल मड़ई में राज्य के सत्रह जिलों के लगभग सात सौ प्रतिभागी हिस्सा ले रहें है। खेल मड़ई में विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों के पारंपरिक खेलों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिनमें फुगड़ी, गेड़ी, रस्साकसी, मटका दौड़ जैसे खेल शामिल हैं। इस मड़ई में तीरंदाजी विशेष आकर्षण का केन्द्र रही। जनजातीय महोत्सव में स्कूली बच्चों के साथ ही युवाओं ने भी हिस्सा लिया। 

आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे इस खेल प्रतियोगिता में जिला स्तर पर चयनित प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। खेल मड़ई सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी कल रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में हुआ। इस अवसर पर पिछड़ी जनजातीय समूह के सांस्कृतिक दलों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मांदर बजाकर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

वहीं, विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राज्य के आदिवासी समुदाय की विविध और अनूठी संस्कृति पर केंद्रित तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का आयोजन कल से रायपुर में शुरू होगा। संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी महंत घासीदास संग्रहालय में लगाई जाएगी। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन है।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.