Responsive Ad Slot


 

Showing posts with label संपत्ति. Show all posts
Showing posts with label संपत्ति. Show all posts

सुगम ऐप : संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

No comments Document Thumbnail

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पहल पर प्रदेश में तकनीकी नवाचारों के निरंतर प्रयास से नागरिकों की सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी कड़ी में वित्त एवं पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश में रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और जनता के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से सुगम ऐपका शुभारंभ किया गया है। सुगम मोबाइल ऐप के माध्यम से छत्तीसगढ़ के सभी पंजीयन कार्यालयों में पंजीयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा रहा है। इसके लिए एनजीडीआरएस (नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) प्रणाली के अंतर्गत नई सुविधा शुरू की गई है। यह पहल धोखाधड़ी की संभावनाओं को रोकने के लिए उठाई गई है, ताकि संपत्ति के दस्तावेज़ पंजीयन को अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाया जा सके।

सुगम ऐप का उपयोग संपत्ति के तीन कोणों से फोटो अपलोड करने के लिए किया जाएगा, जिससे संपत्ति की वास्तविक भौतिक स्थिति को चिन्हांकित किया जा सके। ऐप स्वचालित रूप से संपत्ति के अक्षांश और देशांतर को कैप्चर कर एनजीडीआरएस प्रणाली के ऑनलाइन आवेदन में स्टोर कर देता है। इस तकनीक के इस्तेमाल से दस्तावेजों की पारदर्शिता और सुरक्षा में वृद्धि होगी।

सुगम ऐप अलग से कोई पंजीयन सॉफ्टवेयर नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्ति के फोटो और उसकी अवस्थिति (अक्षांश-देशांतर) को एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर में कैप्चर करने के लिए तैयार किया गया है। दस्तावेज लेखक, अधिवक्ता या पक्षकार इस ऐप का उपयोग करते हुए एनजीडीआरएस प्रणाली के माध्यम से दस्तावेजों का पंजीयन पहले की तरह ही कर सकते हैं।

पंजीयन विभाग की नई ऑनलाईन सर्च और नकल सुविधा से नागरिकों को मिलेगी राहत

No comments Document Thumbnail

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पहल पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनता को ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें देने तथा उन्हें लाभान्वित करने के लिए कई सुधार कार्य किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में वित्त एवं पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश में नागरिकों की सुविधा और पंजीयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से पंजीयन विभाग में ऑनलाईन सर्च और नकल की सुविधा शुरू की है। जिसके तहत अब संपत्ति संबंधी रजिस्ट्री की जानकारी और सत्यापित प्रति (नकल) घर बैठे ऑनलाइन प्राप्त की जा सकती है।

इस नई सुविधा से नागरिक संपत्ति क्रय-विक्रय से पहले उसकी रजिस्ट्री और संबंधित लेन-देन का विवरण आसानी से देख सकेंगे। किसी भी संपत्ति को खरीदने से पहले इच्छुक व्यक्ति निर्धारित शुल्क जमा कर पक्षकार का नाम, ग्राम, खसरा नंबर आदि दर्ज कर उस संपत्ति से संबंधित सभी रजिस्ट्री दस्तावेज़ों को खोज सकते हैं। इसके अलावा, लोग ऑनलाइन सत्यापित रजिस्ट्री की प्रति (नकल) भी डाउनलोड कर सकेंगे, जिससे रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर काटने की जरूरत खत्म हो जाएगी और भीड़भाड़ में भी कमी आएगी।

यह सुविधा न केवल आम जनता के लिए बल्कि वित्तीय संस्थाओं और अन्य हितधारकों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी। बैंक और वित्तीय संस्थान संपत्ति के विरुद्ध ऋण देते समय सर्च रिपोर्ट की मांग करते हैं। अब वे भी एक क्लिक के जरिए यह जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और आवश्यक रजिस्ट्री की प्रति डाउनलोड कर सकेंगे।

इस नई सुविधा संपत्ति क्रय-विक्रय से पहले सही जानकारी प्राप्त कर धोखाधड़ी से बचाव के साथ ही रजिस्ट्री खो जाने या अन्य कारणों से उसकी सत्यापित प्रति आसानी से उपलब्ध कराने में सहायक होगा। इसी तरह रजिस्ट्री ऑफिस में भीड़भाड़ कम होने से लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और नागरिकों को संपत्ति संबंधी मामलों में सूचनाप्रद निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।

सोनकर समाज के लोगों ने बनाये 14 स्कूल, शिक्षा के क्षेत्र में ही मेहनत करने से होता है विकास - मुख्यमंत्री बघेल

No comments Document Thumbnail

रायपुर। मैंने देखा है कि सोनकर समाज का बसेरा शहरों के किनारे के गांवों में होता है। रायपुर की बात करें तो सुंदर नगर से लाखे नगर तक बहुत से खेत थे, जिसमें सोनकर समाज के लोगों ने बाड़ी लगाई थी। शहर का विस्तार होना था, तो यह तो होना ही था कि इनके मालिक जमीनों को बेच देते। बात यह है कि इन पैसों का किस तरह इस्तेमाल किया जाए। यह खुशी की बात है कि सोनकर समाज ने इसे शिक्षा में निवेश किया। जिस जगह बाड़ी थी, उस जगह इमारतें भी हैं और समाज का स्कूल भी है।



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कुम्हारी में आयोजित सोनकर समाज के युवक-युवती परिचय सम्मेलन में सोनकर समाज द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सोनकर समाज के लोगों ने 14 स्कूल बनवाये, शिक्षा के क्षेत्र में इतनी रुचि बताती है कि समाज प्रगतिशील है और प्रगति में शिक्षा के मूल्य को समझता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा संपत्ति का असल उपयोग सिखाती है। शिक्षित व्यक्ति ही उसे सकारात्मक दिशा में खर्च कर सकता है और भविष्य को भी मजबूत कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वर्गीय श्रीमती बिन्नी बाई सोनकर के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि रायपुर की नगर माता बिन्नी बाई ने समाज के कल्याण के लिए अपनी जीवन भर की पूंजी अर्पित की। यह दानशीलता की बड़ी मिसाल है। उन्होंने अपने पूरे जीवन भर की कमाई एक साथ जनहित के लिए अर्पित कर दी। आप लोग सौभाग्यशाली हैं कि आपके समाज ने ऐसी विभूतियां दी हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सोनकर समाज की दानशीलता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आप लोग मूलतः कृषि से जुड़े हुए समुदाय के लोग हैं। इस वक्त हमारा सबसे बड़ा दायित्व पैरादान को प्रोत्साहित करने का है।

आप लोग सभी जानते हैं कि पराली जलाने से प्रदूषण फैलता है। दिल्ली में कोरोना काल में आक्सीजन की जरूरत काफी पड़ी क्योंकि प्रदूषण की वजह से अधिकांश लोगों के फेफड़े कमजोर पड़ गये थे। मैं अभी दिल्ली गया था वहां देखा कि प्रदूषण और कोहरे की वजह से पास की चीजें भी देखनी कठिन थीं। हमें अपनी हवा को बचाना है, मिट्टी को बचाना है। पराली जलाने पर मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं। आप सभी पैरादान कीजिए। कुम्हारी में समाज के भवन के लिए मुख्यमंत्री ने 23 लाख रुपए की घोषणा भी की। इस मौके पर समाज के अध्यक्ष शारदा प्रसाद सोनकर, कुम्हारी नगर पालिका अध्यक्ष राजेश्वर सोनकर एवं समाज के अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.