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विश्व हाथी दिवस - 2024 : हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका: भूपेन्द्र यादव

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 रायपुर : केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विश्व हाथी दिवस पर स्थानीय होटल में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज ही नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन प्रणाली का, वन विभाग द्वारा दो करोड़ रूपए की लागत से निर्मित अत्याधुनिक ऑडिटोरियम ‘दण्डकारण्य‘ का भी शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप और सांसद बृजमोहन अग्रवाल, वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।


केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए हाथियों के संरक्षण के लिए भारत की भागीदारी से किए गए प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका रही है। केन्द्रीय मंत्री यादव ने हाथियों के संरक्षण एवं मानव कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अंतर-क्षेत्रीय जुड़ाव (क्रॉस सेक्टोरल एंगेजमेंट) की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंनेे कहा कि यदि हम हाथियों को बचाएंगे तो वन भी समृद्ध होंगे, क्योंकि हाथियों को ‘पारिस्थितिकी तंत्र के इंजीनियर‘ के रूप में जाना जाता है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने देश में मानव-हाथी द्वंद को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, हाथी परियोजना के निदेशक रमेश पाण्डेय तथा छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. निवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी सुधीर अग्रवाल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, वन्यप्राणी विशेषज्ञ, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, कृषि, विद्युत एवं रेल्वे विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत में जंगली हाथियों की सबसे बड़ी और सुरक्षित संख्या है। हाथियों की पिछली गणना अखिल भारतीय समन्वित हाथी गणना अनुमान 2017 के अनुसार, भारत में 29 हजार 964 हाथी हैं। भारत में हाथी गलियारों से संबंधित 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 14 राज्यों में 33 हाथी रिजर्व (ईआर) और 150 हाथी गलियारे हैं। भारत में हाथियों को विभिन्न खतरों से कानूनी रूप से बचाने के लिए सर्वाेत्तम कानून बनाए गए हैं। हमारे देश में हाथियों के संरक्षण के लिए एक सुदृढ़ संस्थागत ढांचा भी मौजूद है।

देश में हाथियों के संरक्षण के प्रति अनुकूल जनमत है, जिसे मजबूत नेतृत्व का भी समर्थन प्राप्त है। इस प्रकार, यह विश्व हाथियों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए तथा मानव कल्याण और वन्यजीव संरक्षण के बीच सामंजस्य स्थापित करने की कला और विज्ञान सीखने के लिए भारत की ओर उन्मुख है।

केन्द्रीय मंत्री यादव ने कहा कि हर वर्ष 12 अगस्त विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस उत्सव का उद्देश्य हाथियों के कल्याण के लिए विश्व को एक साथ लाना है, जो अपने पूरे क्षेत्र में लुप्तप्राय हैं। एक वैश्विक अग्रणी के रूप में भारत भी ‘विश्व हाथी दिवस‘ मनाता है। इस वर्ष पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार, रायपुर में ‘विश्व हाथी दिवस‘ समारोह की संयुक्त मेजबानी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ जैविक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है और यहां हाथियों की भी अच्छी खासी संख्या है। मानव और हाथियों के बीच के द्वंद को कम करने के नजरिए से छत्तीसगढ़ को उच्च प्राथमिकता दी गई है।

छत्तीसगढ़ में हाथी-मानव द्वंद रोकने चलाया जा रहा है जनजागरूकता अभियान - मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा है कि छत्तीसगढ़ का हाथियों से बहुत पुराना नाता है। हमारे लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता हाथी-मानव द्वंद को रोकना है। इसके लिए राज्य सरकार लगातार जागरूकता कार्यक्रम संचालित कर रही है। अनेक नवाचार किए जा रहे हैं। हाथियों के विचरण की जानकारी ग्रामीणों को देने के लिए सरगुजा से हमर हाथी हमर गोठ रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है, ग्रामीणों को अपनी ओर हाथियों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए राज्य सरकार गज यात्रा अभियान चला रही है। ‘गज संकेत एवं सजग’ ऐप के माध्यम से हाथी के विचरण की जानकारी ग्रामीणों को मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथी-मानव द्वंद को रोकने के लिए पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का प्रबंधन किया जा रहा है। हाथियों द्वारा फसल क्षति के लिए किसानों को दिया जा रहा मुआवजें की राशि कम है, इसे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। हाथी-मानव द्वंद को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ को सफलता मिली है।

 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के प्रयास से विश्व हाथी दिवस का आयोजन रायपुर में कल, केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव होंगे मुख्य आतिथि

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अथक प्रयासों से विश्व हाथी दिवस का आयोजन छ.ग. राज्य की राजधानी रायपुर में 12 अगस्त को शाम 7.30 बजे लाभांडी स्थित स्थानीय होटल में किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश में लगातार जैव विविधिता एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की जा रही है।


रायपुर में आयोजित विश्व हाथी दिवस के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भारत सरकार भूपेन्द्र यादव के मुख्य आतिथ्य और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में वन मंत्री केदार कश्यप, केन्द्रीय वन महानिदेशक एवं भारत सरकार के विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार के साथ ही एलीफेंट एक्सपर्ट उपस्थित रहेंगे।

मुख्यमंत्री साय पूर्व में रायगढ़ सांसद भी रह चुके हैं। वे स्वयं जिला जशपुर के ग्राम बगीया जैसे वनांचल क्षेत्रों से आते हैं, जहां हाथियों का अधिक विचरण होता है। वनांचल क्षेत्र में रहते हुए वे स्वयं वनवासियों की जीवन शैली तथा वनों पर उनकी निर्भरता से भलीभांति परिचित हैं। राज्य में मानव-हाथी द्वंद की समस्या के कारण हाथियों द्वारा फसल नुकसान, जनहानि तथा सम्पति की हानि की जाती है। इन सारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विशेष कर वनवासियों के हित में कार्य करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में विश्व हाथी दिवस के परिपेक्ष में प्रोजेक्ट एलीफेंट की स्टीयरिंग कमेटी की 20वीं मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है।

कमेटी से छत्तीसगढ़ राज्य में मानव-हाथी द्वंद की रोकथाम, हाथियों से होने वाले जन-धन के नुकसान के बेहतर प्रबंधन के संबंध में सुझाव प्राप्ति हेतु स्टीयरिंग कमेटी में भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर उच्च अधिकारी, साथ ही वन्यप्राणी विशेषज्ञ, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, कृषि, विद्युत एवं रेल्वे विभाग के अधिकारी सदस्य हैं। केन्द्रीय मंत्री द्वारा हाथी मित्र दल, समाजसेवा संगठन एवं वन्यप्राणी क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले जनसामान्य नागरिकों से छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष में चर्चा करेंगे। साथ विभिन्न तकनीकों के माध्यम से जैसे कि ड्रोन तकनीक, इन्फारमेंशन तकनीक के माध्यम से हाथियों के विचरण पर लगातार नजर रखे जाने के संबंध में चर्चा होगी।

इस कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन सरंक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ व्ही.निवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सुधीर कुमार अग्रवाल सहित राज्य के भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

विश्व हाथी दिवस: हाथी की सुरक्षा के लिए संवेदना अभियान की शुरूआत

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रायपुर। ’’विश्व हाथी दिवस’’ 12 अगस्त 2023 के अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देश और पीसीसीएफ व्ही. श्रीनिवास राव तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सुधीर अग्रवाल के मार्गदर्शन में वनमण्डल धरमजयगढ़ में विभिन्न आत्मानंद स्कूल के बच्चों द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। वनमण्डल में वन्य प्राणी हाथी की सुरक्षा हेतु संवेदना अभियान की शुरूआत की गई और हाथियों की सुरक्षा हेतु शपथ ली गई।

स्वामी आत्मानंद स्कूल, धरमजयगढ़ के बच्चों को काष्ठागार डिपो धरमजयगढ़ में "The Elephant whisperers" movie का स्क्रीनिंग किया गया और हाथी व्यवहार के बारे में बताया गया। विद्यालयों में चित्रकला, निबंध, क्विज कंपटीशन आदि का आयोजन किया गया और विश्व हाथी दिवस मनाया गया। इस मौके पर धरमजयगढ़ दौरे पर आए एपीसीसीएफ अरुण पांडे ने हाथी मित्र दल और ट्रैकर से मुलाकात कर मानव हाथी द्वंद्व की जानकारी ली और अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर हाथी मित्र दल को टॉर्च, छाता, फर्स्ट एड किट सामग्री का वितरण भी किया गया।


विश्व हाथी दिवस : गज गौरव राष्ट्रीय पुरुस्कार से सम्मानित हुए महासमुन्द के वनरक्षक दीपक शर्मा और गजयात्रा टीम

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रायपुर। विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त के अवसर पर भुवनेश्वर ओडिशा में देशव्यापी  समारोह का आयोजन किया गया । इस समारोह में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन भारत सरकार के मंत्री  भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री  अश्विनी कुमार चौबे, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री उड़ीसा  प्रदीप कुमार अमत द्वारा सामान्य वनमंडल महासमुंद में पदस्थ वन रक्षक  दीपक शर्मा एवं गजयात्रा की टीम को गज गौरव अवार्ड से सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ से इस वर्ष यह सम्मान लेने वाले दीपक शर्मा अकेले वन रक्षक हैं। वन मंत्री  मोहम्मद अकबर ने इस उपलब्धि के लिए  दीपक शर्मा तथा छत्तीसगढ़ की गज यात्रा टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है .


देशव्यापी अवार्ड में महासमुंद जिले से नाम का चयन होना गर्व का विषय है। महासमुन्द वनमण्डल अधिकारी  पंकज राजपूत ने बताया कि मानव हाथी द्वंद को रोकने के लिए वन मंत्री  मोहम्मद अकबर सदैव संवेदनशील रहते हैं, एवं उनकी मंशा थी कि वन विभाग एवं ग्रामीणों के मध्य किसी ऐसी कड़ी की आवश्यकता है जो ग्रामीण भाईयो को और अधिक जागरूक कर सके जिस कड़ी का काम गजयात्रा की टीम ने किया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय रायपुर का सतत् मार्गदर्शन गजयात्रा की टीम को हमेशा मिलता रहा है, प्रधान मुख्य वन संरक्षक छत्तीसगढ़  व्ही.श्रीनिवास राव ने हमेशा गजयात्रा की मुहिम को आगे बढ़ाने एवं मानव हांथी द्वंद को रोकने की वनमण्डल महासमुंद के प्रयासों को बल दिया है, वनमंत्री की मंशा अनुरूप, प्रधान मुख्य वन संरक्षक के निर्देशन पर गजयात्रा का शुभारंभ 08 अक्टूबर 2021 को किया गया। 

गजयात्रा के माध्यम से प्रतिदिन 3 चरणों में ग्रामीणों को हाथियों से सुरक्षित रहने के उपायों को बता कर जागरूक किया जा रहा है,अब तक लगभग 70 हजार लोगों को गजयात्रा के माध्यम से जागरूक किया जा चुका है। जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्र सिरपुर व  हाथी विचरण क्षेत्र मोहन्दी, अरण्ड, बागबाहरा, कोमा, कोना, बकमा, खट्टी,तुमगाव  में फिलहाल हाथियों की आमद  कुछ कम हुई है। इससे पहले क्षेत्र में हाथी की दस्तक होते ही गांव सूनसान पड़ जाता था। लोग हाथी को भगाने तरह -तरह के उपाय करते थे।आतिशबाजी, मिर्च,मशाल जलाकर हाथियों को भगाया जाता था, और अपनी जान जोखिम में डालते थे। इससे हाथी आक्रामक हो गये थे। इससे ग्रामीण, हाथी हिंसा के शिकार हो रहे थे। यह सब देखते हुए गजयात्रा कार्यक्रम शुरू की गई। 

वनरक्षक  दीपक ने टीम के साथ गांव गांव जाकर चौपाल लगाकर प्रोजेक्टर में फिल्म दिखाकर एवं लोगो से चर्चा कर ग्रामीणों को हाथियों के व्यवहार एवं सुरक्षा के उपायों को समझाया है। गजयात्रा की टीम द्वारा ग्रामीणों को उनकी सामान्य भाषा एवं शैली में गीतों और कहानियों के माध्यम से हाथियों के प्रति संवेदनशील बनाने का सफल प्रयास किया है, तथा शासन द्वारा प्रदाय क्षतिपूर्ति का विवरण ग्रामीणों विस्तार से बताया गया एवं हाथी मानव द्वंद को सद्भावनापूर्ण बताया। जिससे हिंसा घटी है एवं जन घायल, जन हानि की घटनाएं शून्य हुई है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भारत सरकार द्वारा  गजयात्रा के सराहनीय कार्य के लिए  दीपक शर्मा एवं टीम को राष्ट्रीय स्तर पर गज गौरव अवार्ड से नवाजा है और अकेला महासमुंद वनमंडल अखिल भारतीय गज गौरव अवार्ड के लिये सम्मानित हुआ है। 

वन रक्षक दीपक शर्मा से बातचीत में उन्होंने बताया की गज गौरव पुरुस्कार प्राप्त होने का पूरा श्रेय  वनमंडल अधिकारी  पंकज राजपूत को जाता है, उनके मार्गदर्शन में गजयात्रा की पूरी रूपरेखा तैयार की गई एवं विकास चंद्राकर नोडल अधिकारी के नेतृत्व में गजयात्रा सफल हो पाई है, गजयात्रा में मेरे साथ टीम के रूप में कमल नारायण यादव, भूपेंद्र दास, विवेकानंद क्षेत्रपाल, अमित दीवान, रंगवीर टंडन, भुवन साहू ने कदम से कदम मिलाकर गजयात्रा को सफल बनाया है। 

प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी छत्तीसगढ़ सुधीर अग्रवाल भी उक्त देशव्यापी समारोह में शामिल हुए तथा गजयात्रा टीम का उत्साह वर्धन हेतु भुवनेश्वर उड़ीसा में उपस्थित रहे। दीपक शर्मा , कमल नारायण यादव , विवेकानंद क्षेत्रपाल, अमित कुमार दीवान गज गौरव अवार्ड भुवनेश्वर उड़ीसा में प्राप्त किए हैं।

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