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अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले शिक्षा अधिकारी निलंबित

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रायपुर। दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने कलेक्टर दुर्ग से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी दुर्ग गोविंद साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन की यह कार्यवाही दुर्ग बीईओ द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही एवं पदीय अधिकार के दुरूपयोग के परिणाम स्वरूप की गई है।

साव पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत अपनी पत्नी श्रीमती कुमुदनी साव को अतिशेष शिक्षकों की सूची से मुक्त रखने के उद्देश्य से दस्तावेजों में जानबूझकर तथ्यात्मक त्रृटि की। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, सेक्टर-09, भिलाई में पदस्थ श्रीमती कुमुदनी साव उच्च वर्ग शिक्षक (हिन्दी) के पद पर कार्यरत हैं, जबकि परिशिष्ट-02 में उन्हें उच्च वर्ग शिक्षक (गणित) के रूप में दर्शाया गया।

इस प्रकार की कुटरचना विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए कर्त्तव्य के प्रति घोर लापरवाही और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 03 के प्रतिकूल आचरण है। उक्त मामले में आयुक्त राठौर ने साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। निलंबन अवधि के दौरान साव का मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, दुर्ग निर्धारित किया गया है।

 

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. शुक्ला और कलेक्टर क्षीरसागर बने विद्यार्थी

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महासमुंद। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला आज शनिवार को महासमुंद ज़िले के एक दिवसीय दौरे पर आए। सबसे पहले उन्होंने महासमुंद विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पटेवा का आकस्मिक निरीक्षण कर शिक्षण व्यवस्था का जायजा लिया। जहां स्कूल में शिक्षकों द्वारा कक्षाएं ली जा रही थी। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर के साथ कक्षा 12वीं के अंग्रेजी एवं भूगोल, कक्षा 11वीं के जीव-विज्ञान, गणित एवं वाणिज्य एवं कक्षा 10 वीं के विभिन्न विज्ञान कक्षाओं में विद्यार्थियों के साथ बैठकर शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जा रहे,



 शिक्षण प्रक्रिया से रूबरु हुए तथा शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाए जा रहे विषय से संबंधित प्रश्न भी पूछे। इस दौरान विद्यार्थियों ने बड़े ही उत्साह पूर्वक प्रश्नों के जवाब दिए। उन्होंने स्कूल में शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाने के शिक्षण पद्धति और विद्यार्थियों की तारीफ की। डॉ. शुक्ला ने रसायन प्रयोगशाला, स्टोर रूम, लाइब्रेरी, अटल टिकरिंग लैब, वॉटर फिल्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने अटल टिंकरिंग लैब बंद मिलने, विद्यार्थियों को लाइब्रेरी से पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराने, प्रयोगशाला का नियमित उपयोग नहीं कराने

निर्धारित समय सारणी नहीं बनाने और व्यवस्था सही नहीं होने पर जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती एस. चन्द्रसेन पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने स्टाफ रूम में उपस्थित शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर अव्यवस्था पर तत्काल सुधार करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में उपलब्ध शिक्षण सामग्रियों का विद्यार्थियों के लिए भरपूर उपयोग करें। जिसका उपयोग कर बच्चों के मानसिक एवं बौद्धिक स्तर में और अधिक वृद्धि हो और पढ़ाई में अधिक रूचि ले सके।

नवाचारी शिक्षकों द्वारा भी बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रचनात्मक तरीके से पढ़ाई कराएं।उल्लेखनीय है कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए राज्य के अधिकारियों को सभी स्कूलों में निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए 15 अगस्त तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव भी प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण कर गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे

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