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सीजी-रेरा ने लागू की वॉलन्टरी कॉम्प्लायंस स्कीम, सितंबर तक मिलेगी अधिकतम 90 प्रतिशत तक की छूट

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रायपुर। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (सीजी-रेरा) ने रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए वॉलन्टरी कॉम्प्लायंस स्कीम लागू की है। यह योजना सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी।

इस योजना के अंतर्गत 31 मार्च 2024 तक पंजीकृत सभी प्रोजेक्ट्स को लंबित तिमाही प्रगति रिपोर्ट और वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट एक साथ जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है। लंबित रिपोर्ट जमा करने पर विलंब शुल्क में 70 प्रतिशत तक छूट मिलेगी, वहीं जिन प्रोजेक्ट्स के पास मान्य कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र है, उन्हें 90 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी।

सीजी-रेरा ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का उद्देश्य प्रमोटरों को नियमों के पालन के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और उपभोक्ताओं का विश्वास मजबूत हो सके। प्राधिकरण ने सभी प्रमोटरों से अपील की है कि वे योजना अवधि में अनुपालन सुनिश्चित करें और निर्धारित समयसीमा में अपनी रिपोर्ट्स प्रस्तुत करें।

विस्तृत जानकारी सीजी-रेरा की आधिकारिक वेबसाइट https://rera.cgstate.gov.in/ तथा परिपत्र संख्या 115, 116 और 119 में उपलब्ध है। यह योजना रियल एस्टेट सेक्टर में अनुपालन संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

अब रियल स्टेट के विज्ञापनों में देना होगा नम्बर और क्यूआर कोड रेरा पंजीकरण

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रायपुर। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रेरा द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि अब सभी प्रकार के रियल एस्टेट विज्ञापनों में रेरा पंजीकरण नंबर और रेरा वेबसाइट का पता स्पष्ट रूप से प्रकाशित करना अनिवार्य होगा।

इन निर्देशों का पालन प्रिंट मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म, ब्रोशर, पोस्टर, होर्डिंग, पंपलेट और अन्य सभी प्रचार माध्यमों पर करना होगा। रेरा ने स्पष्ट किया है कि पंजीकरण नंबर और वेबसाइट पते का फॉन्ट प्रकार और आकार वही होना चाहिए जो प्रमोटर के मोबाइल नंबर और पते के लिए उपयोग किया गया है, ताकि उपभोक्ता आसानी से इस जानकारी को पढ़ और समझ सकें।

क्यूआर कोड से सीधे परियोजना की जानकारी

रेरा द्वारा जारी निर्देश के तहत, प्रत्येक विज्ञापन में रेरा द्वारा जारी क्यूआर कोड भी शामिल करना होगा। इस क्यूआर कोड को स्कैन कर खरीदार सीधे संबंधित परियोजना की विस्तृत जानकारी रेरा की आधिकारिक वेबसाइट पर प्राप्त कर सकेंगे।

नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

रेरा ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने वाले प्रमोटर्स या एजेंट्स के विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही छत्तीसगढ़ रेरा ने सभी प्रमोटर्स, एजेंट्स और विज्ञापन एजेंसियों से अपील की है कि वे उपभोक्ता अधिकारों और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन करें।


रेरा का बड़ा फैसला: प्रमोटर को 28 लाख रुपए ब्याज सहित लौटाने का आदेश, आवंटी को मिली राहत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने रियल एस्टेट क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक अहम फैसला सुनाया है। रेरा ने आशीर्वाद अपार्टमेंट परियोजना (कोहका, जिला दुर्ग) से जुड़े एक मामले में प्रमोटर को निर्देश दिया है कि वह आवंटी को 28.71 लाख रुपये की राशि ब्याज सहित तत्काल लौटाए।

यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब यह पाया गया कि आवंटी और प्रमोटर के बीच अनुबंध होने के दो साल बाद भी फ्लैट का पजेशन नहीं दिया गया। निर्माण कार्य लंबे समय तक अधूरा रहा, जिससे आवंटी को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।

रेरा के आदेशानुसार, प्रमोटर द्वारा मूलधन 23 लाख 71 हजार रुपये और उस पर 5 लाख रुपये ब्याज सहित कुल 28 लाख 71 हजार रुपये की राशि लौटाई जाएगी। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि प्रमोटर की लापरवाही ने उपभोक्ता का विश्वास तोड़ा है और साथ ही रेरा कानून का उल्लंघन किया है ।

रेरा रजिस्ट्रार ने इस संदर्भ में कहा कि रेरा का उद्देश्य है कि प्रत्येक होमबायर को समय पर उसका अधिकार मिले। यह आदेश उसी दिशा में एक मजबूत संदेश है कि कोई भी प्रमोटर उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी या देरी नहीं कर सकता।

रेरा के इस निर्णय से न केवल पीड़ित उपभोक्ता को राहत मिली है, बल्कि यह अन्य खरीदारों के लिए भी एक सकारात्मक संदेश बनेगा। रेरा ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे सजग रहें और समय पर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए इस मंच पर शिकायत दर्ज करें।

रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने रेरा की महत्वपूर्ण बैठक

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रायपुर। छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में बैंक खातों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अधिसूचित बैंक अधिकारियों एवं बिल्डर्स के संगठन (क्रेडाई) के सदस्यों के साथ आज स्थानीय न्यू सर्किट हाऊस में संयुक्त बैठक किया गया। बैठक में रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक महेन्द्र डोहरे, पंजाब नेशनल बैंक के जोनल मैनेजर और 28 राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के अधिकारी, साथ ही क्रेडाई (रायपुर और बिलासपुर) के सदस्य शामिल हुए।

रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने कहा कि बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए बैंकों द्वारा खाता संचालन रेरा के नियमों के अनुसार हो। रेरा ने कई अवसरों पर पाया है कि कुछ बैंकों द्वारा खातों के संचालन में अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे निवेशकों और बैंकों के हितों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। इसके लिए बैंकों को नियमों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि रेरा प्रावधानों के अनुसार, किसी भी प्रोजेक्ट के लिए तीन प्रकार के खाते आवश्यक हैं। कलेक्शन अकाउंट में जमा राशि का 70 प्रतिशत रेरा डेजिग्नेटेड खाते और 30 प्रतिशत राशि बिल्डर्स के प्रोजेक्ट से संबंधित खाते में अंतरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि रेरा खाते में जमा 70 प्रतिशत राशि समय-समय पर बिल्डर द्वारा कार्य की प्रगति के आधार पर बिल्डर के खाते में अंतरित किया जाता है, जिससे बिल्डर आबंटितों से प्राप्त राशि का दुरुपयोग नहीं कर सकता है।

बैठक में बैंकों ने रेरा के साथ मिलकर प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने तथा सॉफ्टवेयर में आवश्यक सुधार करने की सहमति दी। रेरा ने भविष्य में खातों की पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का संकल्प लिया। इस संबंध में विस्तृत जानकारी रेरा की वेबसाइट rera.cgstate.gov.in पर प्राप्त कर किया जा सकता है।

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