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राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मु ने महतारी वंदन योजना की 9वीं किश्त जारी की

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रायपुर। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ के पुरखौती मुक्तांगन में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना की 9वीं किश्त का अंतरण किया। इस योजना के तहत दीवाली से पहले राज्य की 69 लाख 68 हजार लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में एक-एक हजार रूपए के मान से कुल 651 करोड़ 37 लाख रुपए की राशि ऑनलाईन अंतरित की गई। योजना के तहत अब तक राज्य की महिलाओं को कुल 5878 करोड़ 37 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।

इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, लोकसभा क्षेत्र रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक खुशवंत साहेब एवं रोहित साहू उपस्थित थे।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने इस मौके पर महतारी वंदन योजना के हितग्राही श्रीमती ममता कश्यप और श्रीमती सत्यवती ध्रुव से इस योजना के लाभ के बारे में चर्चा की। महतारी वंदन योजना के राशि वितरण के इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों जैसे रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, बस्तर और सरगुजा से पारंपरिक वेशभूषा में लगभग 120 महिलाएं आयी थीं।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु से बातचीत के दौरान श्रीमती ममता कश्यप और श्रीमती सत्यवती धु्रव ने बताया कि महतारी वंदन योजना से मिली राशि से वो अपने बच्चों को लिए राशन खरीदने के साथ ही उनकी जरूरत का अन्य सामान खरीदने के लिए उपयोग करती है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने उन्हें शासन की ओर से मिलने वाली मदद का लाभ उठाकर अपने बच्चों को खूब पढ़ाने-लिखाने और उन्हें अफसर बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब बच्चे पढ़ेंगे, तभी परिवार और समाज आगे बढ़ेगा।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना का शुभारंभ एक मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण, आर्थिक स्वावलंबन और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत 21 वर्ष से अधिक आयु की पात्र विवाहित महिलाओं को एक-एक हजार रूपए की मासिक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

राष्ट्रपति से संवाद कर अभिभूत हुई ममता

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से बात करना मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है। मुझे देश की प्रथम महिला से बात करने का अवसर मिला, यह मेरा सौभाग्य है। ये कहना है बस्तर से पहुंची श्रीमती ममता कश्यप का। ममता बस्तर क्षेत्र की एक आदिवासी महिला है और महतारी वंदन योजना की हितग्राही है। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना से मुझे आर्थिक सुरक्षा का अहसास होता है। हर महीने मुझे मोबाइल में नोटिफिकेशन का इंतजार रहता है। इस बार मिली राशि से मैं दीवाली में बच्चों के लिए कपड़े और मिठाई खरीदूँगी। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा कक्षा नवमी मे पढता है। मैं इस राशि का उपयोग उसकी ट्यूशन फीस देने मे करती हूँ। उन्होंने बताया कि मेरे परिवार मे कुल पांच लोग है। दो एकड़ खेती है। रोजी मजदूरी के साथ जीवन चल रहा है। 

ऐसे मे महतारी वंदन योजना से हर महीने एक हजार रूपए मिलना, बहुत ही सुखद और राहत देने वाला होता है। उन्होंने महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग सोनमणि बोरा एवं प्रमुख सचिव संस्कृति अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द, आयुक्त आदिवासी विकास नरेंद्र दुग्गा, संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।

 

पुरखौती मुक्तांगन में नई साज-सज्जा के साथ बढ़ायी जाएगी सुविधाएं

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रायपुर। पुरखौती मुक्तांगन में नई साज-सज्जा कर इसे भव्य और आकर्षक बनाया जाएगा। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने आज विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि पुरखौती मुक्तांगन में पर्यटक सुविधाएं बढ़ायी जाए। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले पर्यटक एवं सैलानियों को बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए।

संस्कृति मंत्री भगत ने कहा कि पुरखौती मुक्तांगन में आने के लिए पर्यटकों को ऑनलॉइन टिकिट की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा टिकिट काउन्टर की संख्या बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने  कहा कि पुरखौती मुक्तांगन में नई साज-सज्जा की जाए। यहां प्रवेश द्वारा को और अधिक भव्य और आकर्षक बनाया जाए। यहां पार्किंग-स्पेस को भी बढ़ाया जाए।

चिन्हारी योजना की समीक्षा में उन्होंने अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने कलाकारों का पंजीयन, वरिष्ठता व राष्ट्रीय स्तर पर दिए गए कार्यक्रमों के आधार पर उनका ग्रेडेशन करने और कलाकारों की प्रोत्साहन राशि बढ़ाए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कलाकारों के पंजीयन, चिकित्सा सुविधा, पेंशन संबंधी प्रकरणों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

संस्कृति मंत्री भगत ने बैठक में छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परम्परा के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए पर्यटन केन्द्रों तथा सूचना केन्दों में आदिम कला संस्कृति व राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की ब्रोशर, पोस्टर लगाने के निर्देश दिए। मंत्री भगत ने गढ़ कलेवा की प्रगति की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 33 जिलों में से 16 जिलों में गढ़ कलेवा का संचालन किया जा रहा है। शेष जिलों में भी इस वर्ष गढ़ कलेवा का संचालन शुरू हो जाएगा। इस मौके पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक विवेक आचार्य सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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