रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कुदरगढ़ महोत्सव आस्था, भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर इस अंचल के आस्था के प्रमुख केन्द्र कुदरगढ़ मंदिर धाम को केन्द्र सरकार की ’प्रसाद योजना‘ में शामिल किया है। इससे यहां के विकास के लिए केन्द्र सरकार से मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ धाम में चैत्र नवरात्र के अवसर पर आयोजित कुदरगढ़ महोत्सव का समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
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कुदरगढ़ महोत्सव आस्था, भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम: मुख्यमंत्री साय
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मुख्यमंत्री साय ने कुदरगढ़ धाम में बनने वाले रोपवे का भूमिपूजन किया। यह रोपवे दो वर्ष में बनकर तैयार होगा। इस अवसर पर उन्होंने कुदरगढ़ धाम के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने प्रशासनिक भवन एवं सर्व सुविधायुक्त सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50-50 लाख तथा गढ़वातियां माता मंदिर में सीढ़ी निर्माण और पेयजल व्यवस्था हेतु 50 लाख सहित कुल 1 करोड़ 50 लाख रुपये के निर्माण कार्यों की घोषणा की। इस दौरान रोपवे निर्माण के लिए अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने धाम में चिकित्सालय निर्माण की भी घोषणा की, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।
मुख्यमंत्री साय ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए माता कुदरगढ़ी से प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की और श्रद्धालुओं को चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर 105 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 43 विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने भटगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए सुशासन रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के विकास के लिए भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत 148 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। प्रदेश की पांच शक्तिपीठों सूरजपुर के कुदरगढ़, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी, रतनपुर की मॉ महामाया, डोंगरगढ़ की मॉ बम्लेश्वरी और दंतेवाड़ा की मॉ दंतेश्वरी शक्तिपीठ के विकास के लिए चार धाम की तर्ज पर योजना बनाई गई है। राज्य सरकार द्वारा तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की गई है। इस योजना में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ विधवा, परित्यक्ता और दिव्यांगजनों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पात्र नागरिकों से इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के तहत 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में कुंभ के दौरान छत्तीसगढ़ का मंडप बनाया गया था, जहां छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को ठहरने और भोजन के निःशुल्क व्यवस्था की गई थी।
मुख्यमंत्री साय ने राज्य को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास योजनाओं के साथ-साथ समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। अंदरूनी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नियद नेल्लानार योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ ग्रामीणों को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। यहां बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े और सांसद चिंतामणि महाराज ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश की समृद्धि, शांति और उन्नति की कामना की। साथ ही रोपवे निर्माण के लिए बधाई देते हुए इसे ऐतिहासिक पहल बताया।
समापन समारोह में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम के दौरान भक्ति संगीत ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में माता कुदरगढ़ को समर्पित भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों की योजनाओं पर लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण किया।
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