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दस या दस से अधिक श्रमिकों वाली दुकानों को कराना होगा श्रम विभाग में पंजीयन

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धमतरी। छत्तीसगढ़ राज्य में दस या दस से अधिक श्रमिकों-कर्मचारियों से काम लेने वाले दुकानदारों और नियोजकों को नये दुकान एवं स्थापना अधिनियम 2017 के तहत अपने दुकानों का पंजीयन श्रम विभाग में कराना होगा। इसके लिए श्रम विभाग के सभी जिला कार्यालयों को अधिकृत किया गया है। श्रम विभाग के जिला कार्यालय विभागीय पोर्टल shramevjayate.cg.gov.in के माध्यम से दुकानों और स्थापनाओं का ऑनलाईन पंजीयन करेंगे। छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना अधिनियम फरवरी माह से प्रभावशील हो गया है और अगले छः महीने में इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दुकानों और स्थापनाओं को श्रम विभाग में पंजीयन कराना अनिवार्य किया गया है।

अधिनियम के तहत लेबर कमिश्नर को मुख्य फेसिलिटेटर और लेबर इंस्पेक्टर तथा सब इंस्पेक्टर को फेसिलिटेटर के रूप में नियुक्त किया गया है। दुकानों और स्थापनाओं के पंजीयन के लिए नियोजित श्रमिकों-कर्मचारियों की संख्या के आधार पर पंजीयन शुल्क एक हजार रूपये से लेकर अधिकतम 10 हजार रूपये तक निर्धारित किया गया है। पंजीयन के बाद हर एक दुकान एवं स्थापना को श्रम पहचान संख्या वाला डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। पुराने दुकान एवं स्थापना अधिनियम, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम एवं कर्मचारी भविश्य निधि अधिनियम के तहत पंजीकृत दुकानों और स्थापनाओं को नये अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत माना जाएगा, परन्तु उन्हें नये अधिनियम लागू होने की तिथि से छः महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए उन्हें कोई पंजीयन शुल्क नहीं देना होगा। छः महीने बाद आवेदन करने पर नियमानुसार शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा।

नियोजकों को अपने दुकान या स्थापना के पंजीयन-श्रम पहचान संख्या में संशोधन या बंदीकरण की सूचना विभागीय पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन कर देनी होगी। नियोजकों को अपने कर्मचारियों के अभिलेख- पंजी आदि इलेक्ट्रॉनिक रूप में संधारित करना होगा। नियोजकों को हर साल 15 फरवरी तक विभागीय पोर्टल में वार्षिक रिपोर्ट ऑनलाईन अपलोड करना होगा। दुकानों और स्थापनाओं में कार्यरत महिलाओं को रात्रि पाली में भी प्रावधानों के अनुसार सुविधाएं देते हुए नियोजित किया जा सकेगा। कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश भी देना होगा।

बाजार में है रौनक, मैंने भी अपने घर के लिए की दीपावली की खरीदी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज धनतेरस के मौके पर राजधानी रायपुर में स्थानीय दुकानदारों से दीपावली की खरीदारी करने पहुंचे। इस दौरान बाजार में रौनक देखकर छत्तीसगढ़वासियों की तरह ही मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी खुशी नजर आयी। उन्होंने कहा कि, बीते दो साल दीपावली की त्योहारी सीजन का बाजार कोरोना की वजह से प्रभावित रहा। इस बार बाजार में भरपूर रौनक है। शासन की विभिन्न योजनाओं और नीतियों के चलते ग्रामीण, मजदूर, किसान से लेकर अधिकारी-कर्मचारी वर्ग सभी की जेब में पैसा है। यह पैसा अब बाजार तक पहुंच रहा है। इससे व्यापारी वर्ग भी उत्साहित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘त्योहार का अवसर है, ऐसे में मैं भी अपने परिवार के लिए खरीदारी करने पहुंचा हूं।


 

गोल बाजार में स्थानीय दुकानदारों ने दीये, मटका, रुई-बत्ती, मौली धागा, रक्षासूत्र, तोरण, बताशा, लाई समेत स्थानीय स्तर पर तैयार ग्रामीण उत्पादों की खरीदी की साथ ही दूसरों से भी ग्रामीण उत्पादों और स्थानीय दुकानदारों से सामान खरीदकर उनकी आर्थिक समृद्धि में योगदान देने की अपील की। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल के साथ छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढ़ेबर, रायपुर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार छत्तीसगढ़िया ग्रामीण उत्पादों को प्रोत्साहित करते हैं। इसी कड़ी में आज धनतेरस के मौके पर मुख्यमंत्री राजधानी रायपुर के गोलबाजार पहुंचे और ग्रामीण कुम्हारों द्वारा सजाए गए दुकानों में जाकर मिट्टी के दीये


मटका की खरीदारी की। वहीं छोटी दुकानें सजाकर बैठी महिला दुकानदार मीना बाई गवली, मंजू पवार, बुधियारिन बाई के पास जाकर हाथ से तैयार किए गए मौली धागा, रक्षा सूत्र, पूजा पैकेट, तोरण आदि की खरीदी की। मुख्यमंत्री ने सड़क पर एक डंडे के सहारे अपनी दुकान चला रहे 11 वर्षीय मासूम शेख फरहान से पांच नग माला भी खरीदी और बदले में पांच सौ रुपये बच्चों को दिए। गोलबाजार में खरीदारी के दौरान मुख्यमंत्री ने वहां पहुंची युवती आम्रपाली गनवीर से पूछा कि वे क्या-क्या खरीद रही हैं, युवती ने बताया कि वो स्थानीय दुकानदारों से ही खरीदी कर रही हैं जिस पर प्रसन्न होकर मुख्यमंत्री ने उन्हें मयूर पंख उपहार में भेंट किया। वहीं अपने पिता के साथ मिट्टी के दीयों की खरीदी करती नन्हीं बच्ची आसू बाया को देखकर मुख्यमंत्री बघेल ने बच्ची को आत्मीय भाव से गोद में लेकर दुलार किया।



इसके बाद त्योहारी मौके पर मिष्ठान खरीदने मालवीय रोड स्थित दुकान पहुंचे, जहां उन्होंने गुड़ चिक्की, गुजराती मावा लड्डू, पापड़ी, मिल्क केक और चिवड़ा फल्ली खरीदा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खासतौर से ऑरेंज बर्फी और फाफड़ा का स्वाद भी चखा। फिर मुख्यमंत्री बघेल लाखेनगर स्थित हिंद स्पोर्टिंग ग्राउंड पर सजे पटाखा दुकानों पर पहुंचे और परिवार के सदस्यों व बच्चों के लिए अनार, चकरी, लाइट, रस्सी, रॉकेट, टॉय गन, फूलझड़ी जैसे पटाखे खरीदे। इस दौरान बीते 52 साल से पटाखा दुकान लगा रहे पटाखा व्यवसायी सुनील कुमार गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मिलकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी जानकारी में पहली बार कोई मुख्यमंत्री स्वयं पटाखा खरीदने पहुंचे हैं।

 स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी

इस मौके पर मुख्यमंत्री बघेल ने सभी को धनतेरस, रूप चौदस व दीपावली की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना हम सबकी जिम्मेदारी है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा तो कहीं-न-कहीं यह छत्तीसगढ़ के विकास की गति को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने परम्परागत व्यवसाय, हस्तशिल्प व हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए वन धन विकास केन्द्र, छत्तीसगढ़ हर्बल से लेकर सी-मार्ट (छत्तीसगढ़ मार्ट) की शुरुआत की है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि, दीपावली का त्योहार कुम्भकार समुदाय के लिए विशेष रूप से उम्मीदों का अवसर होता है, जब उनका व्यवसाय अपेक्षाकृत अधिक होता है और उन्हें आर्थिक संबलता मिलती है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाएं फूल झाड़ू, धान की बालियों से झालर, बांस की टोकरी समेत टेराकोटा जैसे अनेक तरह के उत्पाद तैयार कर रही हैं। इनकी खरीदी कर इन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

शासकीय योजनाओं से हर चेहरे पर है खुशी

बाजार में रौनक को लेकर एक सवाल पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिये किसानों को उनकी उपज का सही दाम दे रही है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के माध्यम से गरीब, मजदूर वर्ग को आर्थिक सहायता दी जा रही है। गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ में गोपालकों व गौठान समितियों तथा महिला स्व-सहायता समूहों के लिए आय का बड़ा स्त्रोत बन चुकी है। 



छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने साथ ही शासकीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में हाल ही में पांच प्रतिशत की वृद्धि की गई। अब राज्य के शासकीय कर्मचारियों को 33 प्रतिशत तक महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। व्यापार-उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएं और नीतियां अपनायी गईं। इस तरह से हर वर्ग को आर्थिक रूप से समृद्ध और संबल करने का प्रयास बीते पौने चार साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। बाजार में दिख रही रौनक सरकार के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है। शासकीय योजनाओं से हर वर्ग के चेहरे पर खुशी है।

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