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सभी वैकल्पिक सर्जरी ठंड के मौसम में कराएं, संक्रमण का खतरा होता है कम : डॉ. युगल चंद्राकर

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 रायपुर : महासमुंद स्थित सोहम क्रिटिकल केयर एंड मैटरनिटी अस्पताल के निदेशक डॉ. युगल चंद्राकर ने मरीजों की सुरक्षा और शीघ्र स्वस्थ होने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण सलाह दी है कि सभी वैकल्पिक (इलेक्टिव) सर्जरी ठंड के मौसम में कराई जानी चाहिए। ठंड के मौसम में बैक्टीरिया और वायरस की सक्रियता कम होने के कारण संक्रमण का खतरा भी काफी कम हो जाता है, जिससे सर्जरी के बाद घाव तेजी से भरते हैं।


डॉ. चंद्राकर ने बताया कि हर्निया, हाइड्रोसील, पाइल्स, फिशर और फिस्टुला जैसी वैकल्पिक सर्जरी, जिन्हें आपातकालीन स्थिति में नहीं किया जाता, ठंड के मौसम में कराना मरीजों के लिए अधिक सुरक्षित होता है। उन्होंने कहा, “सर्दियों में सर्जरी कराने से न केवल घाव जल्दी ठीक होते हैं, बल्कि मरीजों को एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाओं की आवश्यकता भी कम होती है। इससे मरीजों की रिकवरी तेजी से होती है और अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि भी घट जाती है।”

उदाहरण के तौर पर हर्निया और हाइड्रोसील जैसी सर्जरी में, गर्मी के मौसम में घाव के संक्रमण का खतरा अधिक होता है, जबकि सर्दियों में यह जोखिम कम हो जाता है। पाइल्स, फिशर और फिस्टुला जैसी सर्जरी में भी सर्दी के मौसम में बेहतर परिणाम मिलते हैं। सोहम अस्पताल ने सर्दियों में इन सर्जरी के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, ताकि मरीजों को बेहतर और सुरक्षित उपचार मिल सके।

अस्पताल प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सर्जरी के बाद मरीजों की देखभाल में किसी प्रकार की कमी न हो। अनुभवी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की टीम हर समय सेवा में तत्पर रहेगी। इसके अलावा, संक्रमण से बचाव के लिए अस्पताल में विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं।

डॉ. युगल चंद्राकर ने कहा, “हमारा उद्देश्य मरीजों को संक्रमण रहित और सुरक्षित सर्जरी का अनुभव प्रदान करना है। सभी मरीजों से आग्रह है कि जो भी हर्निया, हाइड्रोसील, पाइल्स, फिशर, फिस्टुला जैसी सर्जरी की योजना बना रहे हैं, वे इसे सर्दी के मौसम में कराएं। इससे वे शीघ्र स्वस्थ होंगे और संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा।”

मरीज अपनी सर्जरी की जानकारी और अपॉइंटमेंट के लिए सोहम अस्पताल के हेल्पलाइन नंबर 8770428965 पर संपर्क कर सकते हैं। सोहम अस्पताल की यह पहल चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता और सुरक्षा सुनिश्चित करने का उदाहरण है।

शीत लहर में हाइपोथर्मिया का खतरा,गर्म कपड़ों और सावधानी रख करें बचाव-सीएमएचओ

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बलौदाबाजार। ठंड के मौसम के साथ ही प्रदेश में कई स्थलों पर शीत लहर का भी प्रकोप शुरू हो जाता है ऐसे में कई प्रकार के खतरे इससे हो सकते हैं जिसका बचाव करना बहुत जरूरी है। इस बारे में मौसम की जानकारी का बारीकी से पालन करें और जहां तक संभव हो शीत लहर के दौरान घर से बाहर रहने और यात्रा से बचना चाहिए। इससे बचाव के लिए नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थों का लगातार सेवन करते रहना चाहिए और यदि कंपकपी हो रही हो,उंगलियों में सफेद या पीलापन दिख रहा हो सुन्नता महसूस हो रही हो तो इससे बचाव के लिए किसी चिकित्सक से अवश्य संपर्क करना सही होगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने आगे कहा की बच्चों एवं बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है पूरी कोशिश करें कि स्वयं को गर्म रखें तथा ताजा भोजन का सेवन करें जिसमें फल सब्जियों सहित विटामिन सी का भी समावेश होना आवश्यक है। शीत लहर के कारण लापरवाही करने पर शीतदंश या हाइपोथर्मिया जैसी स्थिति निर्मित हो सकती है जिसमें शरीर के तापमान में कमी,कंपकपी, बोलने में कठिनाई, नींद ना आना,मांसपेशियों में अकड़न, भारी सांस लेना जैसे लक्षण प्रकट हो सकते हैं । कुछ मामलों में कमजोरी या व्यक्ति अचेत भी हो सकता है ऐसी स्थिति में तत्काल व्यक्ति को चिकित्सक से परामर्श कर अपना उपचार करवाने की आवश्यकता होती है।

कभी-कभी कुछ लोग ठंड से बचने के लिए कोयला जलाकर आग सेंकते हैं परंतु इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि, बंद कमरे में कभी भी कोयला जला कर यह सब नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है जो बहुत ज़हरीली है और लोगों की जान भी ले सकती है। हाइपोथर्मिया की स्थिति में व्यक्ति को गर्म स्थान पर लिटाना चाहिए और उसके कपड़े बदल कर, उसके शरीर को कंबल, गर्म कपड़े,सूखी तौलिया या चादर से ढक दें शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय दिया जाना चाहिए।  किसी भी हालत में शराब का सेवन सही नहीं है। शराब के सेवन से शरीर के तापमान में कमी हो जाती है जो रक्त वाहिकाओं को संकराकर देता है जिससे हाइपोथर्मिया का खतरा और बढ़ जाता है अगर कंपकपी ज्यादा बढ़ रही है

तो तुरंत ही स्वयं को गर्म रखने का प्रयास करना सही होता है। अचेत अवस्था में व्यक्ति को कोई पेय पदार्थ न दें। शीतलहर से बचने हेतु सावधानी रखना सबसे सही और सटीक उपाय होता है। कलेक्टर ने सभी सीएमओ एवं सीईओ  को दिए अलाव जलाने के निर्देश कलेक्टर रजत बंसल ने आज जिले के तापमान में अचानक गिरावट के चलते सभी संबंधित अधिकारियों को गावों एवं शहरों के प्रमुख चौक चौराहो में अलाव जलाने के निर्देश दिए है।

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