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नक्सलियों ने एक ही दिन में 3 बड़ी वारदातों को दिया अंजाम, ग्रामीण की हत्या, 4 जवान घायल

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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की कायराना हरकत की खबरें आए दिन सामने आती रहती है। वहीं कई बार इसका खामियाजा हमारे सूरक्षाबल के जवानों को भुगतना पड़ता है।  बीजापुर जिले में नक्सलियों ने ऐसे ही कायराना करतूत को अंजाम दिया है। दरअसल, नक्सलियों ने बीजापुर में पुलिस कैंप पर हमला कर दिया। नक्सलियों ने कैंप पर 10 से ज्यादा BGL यानी बैरल ग्रेनेड लॉन्चर भी दागे। वहीं करीब आधे घंटे चली मुठभेड़ में 4 जवान घायल हुए हैं। इनमें से प्रधान आरक्षक टुकेश्वर ध्रुव और प्रधान आरक्षक जितेंद्र मंडा को रायपुर रेफर किया गया है। जबकि 2 जवानों का इलाज बीजापुर जिला अस्पताल में जारी है।

मुठभेड़ कुटरू थाना इलाके में हुई है। जानकारी के मुताबिक कुटरू इलाके के दरभा में CAF बटालियन का कैंप है। ये इलाका पूरी तरह से नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। बताया जा रहा है कि आधी रात के बाद नक्सलियों ने पुलिस कैंप को घेर लिया और फायरिंग शुरू कर दी। जवानों के कैंप पर नक्सली लगातार BGL दागते रहे। जवानों ने भी जवाब दिया। वहीं गोलियों की आवाज सुनकर बैरक में सोए जवान भी जाग गए और फायरिंग शुरू कर दी। करीब आधा घंटे तक दोनों ओर से फायरिंग होती रही। 


जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली अंधेरे का फायदा उठा जंगल की ओर भाग निकले हैं। इस मुठभेड़ में 2 CAF और 2 जिला पुलिस बल के जवान घायल हुए हैं। मुठभेड़ के बाद इलाके की सर्चिंग बढ़ा दी गई है। बस्तर IG सुंदरराज पी ने कहा 2 जवानों को रायपुर के राम कृष्ण अस्पताल में इलाज के हेलिकॉप्टर के माध्यम से ले जाया गया है। दोनों जवानों की स्थिति खतरे से बाहर है। अन्य दो जवानों का बीजापुर जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

नक्सलियों ने गला रेतकर की ग्रामीण की हत्या 

वहीं सुकमा के अंदरूनी गांव में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की गला रेतकर हत्या कर दी। उसका शव सड़क पर पड़ा मिला। ग्रामीण अपने एक रिश्तेदार के घर आया हुआ था। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने इसे नक्सली वारदात बताया है। वहीं SP सुनील शर्मा ने इसे साजिशन हत्या की आशंका जताई है।  

जानकारी के मुताबिक तेलंगाना में रहने वाला आदिवासी ग्रामीण दुधी गंगा (32) कोलाइगुड़ा इलाके के पोलमपल्ली में अपने एक रिश्तेदार के घर आया था। वहां रात में किसी ने उसकी गला रेतकर हत्या कर दी और शव सड़क पर फेंक दिया। अगले दिन सुबह लोगों ने शव देखा तो नक्सली दहशत से चुप हो गए। SP सुनील शर्मा ने बताया कि दुधि गंगा की हत्या मामले में दो बातें सामने आई हैं। साल 2014 में दुधि दुष्कर्म के एक मामले में जेल गया था। वहां से दो साल बाद छूटा तो तेलंगाना में जाकर रहने लगा था। अब करीब 6 साल बाद वह आदिवासियों का त्योहार मनाने के लिए अपने एक रिश्तेदार के पास पोलमपल्ली गांव लौटा था। उसके शव के पास कहीं भी नक्सली बैनर या पर्चा बरामद नहीं हुआ है। ऐसा लग रहा है कि साजिशन उसकी हत्या की गई है।

नक्सलियों ने 6 गाड़ियों को किया आग के हवाले 

इधर, नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में 6 गाड़ियों को जला दिया। जानकारी के मुताबिक बारसूर थाना क्षेत्र में करीब 150 वर्दीधारी नक्सली पहुंचे थे, जो गाड़ियों में आग लगाकर भाग निकले। दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती गांव मंगनार में PMGSY का सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। इसी सड़क निर्माण का नक्सली विरोध कर रहे हैं। बताया गया है कि वर्दीधारी नक्सली मंगनार गांव पहुंचे थे। इनमें कुछ महिला नक्सली भी शामिल थीं। यहां पहुंचने के बाद पहले इन्होंने ग्रामीणों से वहां से जाने के लिए कहा। फिर पंचायत भवन में खड़ीं 6 ट्रैक्टरों में डीजल डाला और उसमें आग लगी दी। 

आग लगने से ट्रैक्टर जल गए हैं। इसके बाद नक्सलियों ने मौके पर एक बैनर भी बांधा है। जिसमें उन्होंने सड़क निर्माण के ठेकेदार को धमकी भी दी है। ये बैनर पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी भाकपा की तरफ से लगाया गया है। बैनर में नक्सलियों ने मंगनार से सातधार और गीदम तक रोड का निर्माण कर रहे ठेकेदार संतोष को चेतावनी दी है। इसके अलावा सभी ग्रामीणों और सरपंच-सचिवों को भी चेतावनी देते हुए पूंजीपतियों और पुलिस से दूर रहने की बात भी बैनर में कही गई है।

नक्सलियों ने लगाया बैनर  

बैनर लगाने के बाद नक्सली मौके से भाग निकले। घटना के बाद से ही गांव में दहशत का माहौल है। ऐसा पहली दफा नहीं है कि नक्सलियों ने इस तरह की हरकत की है। इससे पहले भी नक्सली बस्तर के कई इलाकों में सड़क निर्माण के विरोध में या जवानों के कैंप के विरोध में ऐसा कर चुके हैं।

बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे है। जबकि सूरक्षाबल के जवान कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी कर रहे है, जिससे बौखलाएं नक्सली इस तरह के कायरना हरकत कर रहे है।बता दें कि प्रदेश में बीते साल के मुताबले इस साल नक्सली हमले और गतिविधियां कम हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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