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खलबोरा गांव में हर हाथ सीखेगा हुनर, हर परिवार को मिलेगा रोजगार

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ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने में उन्हें आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। इसमें शासन की विभिन्न योजनाओं से ग्रामीण परिवेश के अनुकूल रोजगार के अवसर तैयार किये जा रहे हैं। इसी दिशा में कलेक्टर भीम सिंह ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। जिसके तहत जिले के सुदूर धरमजयगढ़ विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य ग्राम खलबोरा में गरीबी मुक्त गांव की अवधारणा के साथ काम करने की कार्ययोजना बनाई गई है। 

गांव के हर परिवार को उसकी जरुरत और रुचि के मुताबिक आजीविका मूलक गतिविधि से जोड़ा जाएगा। साथ ही हर युवा को उसकी योग्यता और रूचि के मुताबिक स्किल डेवलपमेंट के तहत रोजगार मूलक कार्यों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसी सिलसिले में कलेक्टर  भीम सिंह सभी विभाग के जिलाधिकारियों की टीम लेकर खलबोरा गांव पहुंचे। जहां उन्होंने चौपाल लगाकर गांव वालों से चर्चा की और कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया।

रोजगार मूलक कार्यों का चिन्हांकन

खलबोरा धरमजयगढ़ विकासखंड में बसा एक आदिवासी बहुल गांव है। यहां अभी 94 परिवार निवासरत हैं। जिनमें से अधिकाश बिरहोर जनजाति के हैं। कलेक्टर भीम सिंह ने कार्ययोजना को मूर्तरूप देने गांव का सर्वे करवाया। गांव में निवासरत लोगों के रोजगार संबंधी जानकारी के साथ यहां उपलब्ध सुविधाओं और आवश्यकताओं की जानकारी जुटाई गई। इसके अंतर्गत हर परिवार द्वारा वर्तमान में किए जा रहे कार्य और उनके अतिरिक्त आय के लिए उनकी रूचि अनुसार रोजगार मूलक कार्यों का चिन्हांकन किया गया। जिसके आधार पर प्रत्येक परिवार के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।

कलेक्टर ने गांव वालों की ली बैठक

वहीं कलेक्टर भीम सिंह ने सभी अधिकारियों के साथ गांव वालों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने गांव वालों से चर्चा कर पूरी कार्ययोजना के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने सर्वे के आधार पर लोगों द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए दिखायी रूचि के अनुसार काम चिन्हांकित किए गए। जिसमें गांव वालों ने मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, सुकर पालन, बाड़ी विकास, कोसा धागा निर्माण, मशरूम उत्पादन कार्य करने के साथ युवक-युवतियों द्वारा मोबाइल रिपेयरिंग, राजमिस्त्री, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, नल फिटींग, कम्प्यूटर ऑपरेटिंग, सिलाई, ब्यूटी पार्लर जैसे कार्य के लिए ट्रेनिंग लेने की बात कही।

ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश

कलेक्टर सिंह ने सभी विभागीय अधिकारियों को उनकी योजना से लाभान्वित होने वाले परिवार को चिन्हांकित कर कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए। रोजगार अधिकारी को गांव के युवाओं को उनके इंट्रस्ट के आधार पर चिन्हित कर ट्रेड के ट्रेनिंग देने और उनके रोजगार के लिए प्लेसमेंट के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही अगर वे खुद का काम शुरू करना चाहते हैं तो विभागीय रोजना के माध्यम से उन्हें ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। 

वन अधिकार पत्र  तैयार करने के निर्देश

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत अतिरिक्त आय के लिए पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए भी कहा। कृषि विभाग और सहकारी बैंक को गांव में कैंप लगाकर केसीसी बनाने और कृषि कार्यों के लिए ऋण देने के लिए कहा। साथ ही कृषि यंत्र और सिंचाई के साधन सभी के खेत में उपलब्ध कराने के लिए कहा। जिससे किसान डबल ले सकें। इसी प्रकार आदिवासी और वन विभाग को सभी पात्र हितग्राहियों के वन अधिकार पत्र 15 दिन में तैयार करने के लिए कहा गया। 

शेड निर्माण कराने के निर्देश

रेशम विभाग को कोसा पालन और धागा निकालने की ट्रेनिंग देने के साथ धागा निकालने वाली मशीन उपलब्ध कराने के निर्देश कलेक्टर भीम सिंह ने दिए। जिससे गांव की महिलाएं अपने खाली समय में धागा निकाल कर प्रतिमाह 5-6 हजार रुपये अतिरिक्त कमा सके। तैयार धागे की बिक्री के लिए बुनकरों से लिंकेज कराने के लिय भी कहा गया। पशुपालन विभाग को मुर्गी, बकरी, शूकर पालन के लिए कार्य करने और मनरेगा से शेड निर्माण का कार्य करने के लिए कहा। 

आजीविका मूलक कार्यों में जोड़ने के निर्देश

उद्यानिकी विभाग को पोषण बाड़ी के तहत गांव के शत-प्रतिशत परिवारों को बीज किट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मछली पालन के लिए मनरेगा से डबरी निर्माण कराने के साथ मछली बीज उपलब्ध कराने के लिए कहा। कलेक्टर सिंह ने कहा कि मुर्गी पालन से प्राप्त अंडे और पोषण बाड़ी की सब्जियों को आंगनबाड़ी में कुपोषण मुक्ति के लिए प्रशासन ही खरीद लेगा। बिहान अंतर्गत महिला समूह को एक्टिव करने और उन्हें रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध कराकर आजीविका मूलक कार्यों में जोड़ने के निर्देश दिए।

शिक्षा, स्वास्थ्य, सुपोषण पर भी जोर

कलेक्टर सिंह ने गांव में शिक्षा पर जोर देते हुए सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल भेजने के लिए कहा। उन्होंने बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए। साथ ही गांव में 05 कंप्यूटर उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा। जिससे बच्चों के साथ अन्य इच्छुक भी कंप्यूटर चलाना सीख सकें। उन्होंने कहा कि जो बच्चे उच्च शिक्षा लेना चाहते हैं उन्हें आदिवासी विकास विभाग के छात्रावास में प्रवेश दिया जाएगा। कलेक्टर  ने गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं भी नियमित रूप से उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसके लिए हर हफ्ते गुरुवार को विशेष कैंप लगाने के लिए कहा। बच्चों के टीकाकरण पर भी विशेष फोकस रखने के लिए कहा। गांव में कुपोषण मुक्ति के लिए भी अच्छा कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर सिंह ने बच्चों को गरम भोजन और पोषण आहार नियमित उपलब्ध करवाने के लिए कहा। पालकों से भी अपने बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए कहा।

किसानों का बनेगा उत्पादक संगठन

खलबोरा के किसानों का उत्पादक संगठन भी बनाया जाएगा। जिससे उन्हें कृषि की उन्नत तकनीक और बेहतर उत्पादन में सहयोग के साथ फसल के विक्रय के लिए मार्केट और मंडियों के साथ लिंकेज किया जाएगा। इस कार्य में कृषि विभाग के साथ एनजीओ की सहायता भी ली जाएगी। इसके साथ ही गांव में सभी के खाते खोलकर बीमा योजना से जोड़ा जाएगा। पेंशन के लिए गांव में जो पात्र हितग्राही होंगे, जिन्हें अभी योजना का लाभ नही मिल रहा है, उन्हें चिन्हांकित कर योजना का लाभ दिया जाएगा।

बिजली पानी की आपूर्ति भी होगी सुव्यवस्थित

गांव में बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी व्यवस्थित किया जाएगा। कलेक्टर सिंह ने बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर लगाने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन के तहत क्रेडा के द्वारा पेयजल आपूर्ति हेतु पंप इंस्टालेशन का कार्य एक हफ्ते में पूरा करने के निर्देश उन्होंने दिए हैं।

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