कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों का आंदोलन जारी है। 14 दिन से आंदोलनरत किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई पांच दौर की बैठक बेनतीजा रही। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद भी सरकार किसानों को मना पाने में असमर्थ रही। इसे लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस की।
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कृषि मंत्री ने बतायी 10 अहम बातें-
- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस कानून में ऐसे प्रावधान हैं कि बिना जोखिम उठाए पैसे मिलें। किसान की जमीन को पूरी तरह से सुरक्षित रखने का प्रबंध किया गया है। अगर विवाद होता है तो एसडीएम 30 दिन के भीतर उसका निराकरण करेगा।
- पहले यूरिया की काफी किल्लत होती थी। जब किसानों को जरूरत होती थी तो मुख्यमंत्री दिल्ली आ जाते थे। कई बार यूरिया लूटने की घटनाएं भी हुईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरिया की पूर्ति नियमित की।
- कृषि कानूनों पर कांट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर किसानों में डर है। कृषि मंत्री ने कहा कि समझौता किसान की फसल का होगा। किसान की जमीन, पट्टा या लीज पर नहीं ली जा सकेगी। फसल तैयार करने के दौरान कोई खेत पर कोई ढांचा बनाने की जरूरत पड़ी तो बाद में ये ढांचा हटाना पड़ेगा। पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात में कांट्रैक्ट फार्मिंग पहले से ही हो रही है।
- कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि हम बार-बार एमएसपी के बारे में किसानों को आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन अब भी किसानों को कोई शंका है तो मोदी सरकार एमएसपी पर लिखकर देने को तैयार है।
किसानों को डर है कि इन कानूनों से एपीएमसी की मंडियां खत्म हो जाएंगी। किसान प्राइवेट मंडी के चंगुल में फंस जाएगा। राज्य सरकार प्राइवेट मंडियों का पंजीकरण कर सकें ऐसी व्यवस्था की जाएगी। - कृषि कानून में प्रावधान है कि पैन कार्ड से व्यापारी खरीदारी कर सकता है, लेकिन किसानों को लगता था कि कोई भी पैन कार्ड के जरिए खरीदकर भाग जाएगा। इस आशंका के समाधान के लिए राज्य सरकार को शक्ति दी जाएगी कि वह इस प्रकार की परिस्थिति में कोई भी नियम बना सकती है।
- कृषि मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में एमएसपी को डेढ़ गुना करने की बात कही थी, हमने उसे भी पूरा करने की कोशिश की। अधिक उम्र के किसानों के लिए भी केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। किसानों की सामाजिक सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। नया कानून नए मौके और नई टेक्नोलॉजी लेकर आएगा।
- तोमर ने कहा कि जब तक कृषि और कृषक और गांव दोनों आत्मनिर्भर नहीं होंगे तब तक कृषि क्षेत्र का उत्थान नहीं हो सकता। फसलों की खरीदी पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हुई। हमारी कोशिश है कि ऐसी संरचनाओं का निर्माण किया जाए जिससे किसानों को फायदा हो। हर्बल पार्क, मधुमक्खी पालन के लिए लोन उपलब्ध कराया जाए।
- कृषि मंत्री ने कहा कि उपज बेचने के बाद किसान को उसकी कीमत मिलने का प्रावधान हो जाएगा, लेकिन इस कानून में यह प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। हमें लगता है कि लोग इसका फायदा उठाएंगे, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे, बुवाई के समय उसे मूल्य की गारंटी मिल जाएगी। किसान की भूमि को पूरी सुरक्षा देने का प्रबंध किया गया है।
- आरोप लग रहे थे कि कृषि कानून अवैध हैं क्योंकि कृषि राज्य का विषय है और केंद्र सरकार ये नियम नहीं बना सकती है। इस बारे में तोमर ने स्पष्ट किया कि केंद्र के पास व्यापार पर कानून बनाने का अधिकार है।