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स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने चिकित्सालय का किया आकस्मिक निरीक्षण

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रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने रविवार को रात आठ बजे कवर्धा जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डो का भ्रमण कर मरीजों से इलाज के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होंने रात्रिकालीन ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ की जानकारी ली।
                    

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने उन्हें जिला चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया। परदेशी ने साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए अस्पताल द्वारा प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं में निरंतर सुधार के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग के सचिव परदेशी ने चिकित्सालय में आपातकालीन वार्ड, एसएनसीयू और सर्जिकल वार्ड का निरीक्षण कर वहां इलाजरत मरीजों से चर्चा की।
                  

उन्होंने मेडिकल वार्ड में उपचाररत मरीजों तथा उनके परिजनों से चर्चा कर चिकित्सालय की सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने वहां मरीजों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता की भी जानकारी ली। परदेशी ने एनआरसी और पीडियाट्रिक वार्ड का अवलोकन कर वहां मौजूद शिशु रोग विशेषज्ञ से अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूछा। कबीरधाम जिला पंचायत के सीईओ संदीप अग्रवाल, सीएमएचओ-सह-सिविल सर्जन डॉ. सूर्यवंशी और जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती सृष्टि शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।

शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पहले छात्रावास-आश्रम होंगे दुरूस्त

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रायपुर। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे सभी छात्रावास-आश्रमों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रावासों-आश्रमों की साफ-सफाई मरम्मत, पेयजल व्यवस्था, रंग-रोगन और मेस व्यवस्था के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करने कहा गया है। गौरतलब है कि छात्रावासों-आश्रमों की व्यवस्था के साथ ही सभी सहायक आयुक्तों को निगरानी समिति की बैठक और पालक-बालक सम्मेलन आहूत करने आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि छात्रावास-आश्रम शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ निःशुल्क भोजन, शुद्ध स्वच्छ पेयजल, विद्युत, भवन, योग, स्वास्थ्य परीक्षण, ट्यूशन की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा सभी विद्यार्थियों को  नाश्ते में मिलेट को भी शामिल करने कहा गया है। बस्तर एवं सरगुजा संभाग के छात्रावास-आश्रम शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए राज्य भ्रमण कराने की योजना का भी क्रियान्वयन किया जाए। छात्रावास-आश्रमों में स्वच्छता संबंधी निर्देश और हाथ धुलाई के चित्र अनिवार्य रूप से दीवारों पर अंकित कराने कहा गया है। विद्यार्थियों को खाने से पहले हाथों को साबून से धोना और साफ कपड़ो से पोछना अनिवार्य कराया जाए। छात्रावासों के आंतरिक दीवारों पर ज्ञानवर्धक चित्र, उपयोगी सामान्य ज्ञान, समय-सारणी तथा छात्रावास-आश्रम से जुड़े अधिकारियों के महत्वपूर्ण टेलीफोन एवं मोबाईल नंबर का उल्लेख किया जाए।

छात्रावास-आश्रमों मेें प्रवेश के लिए प्राचार्याे, प्रधानाचार्याे और अधीक्षकों के साथ बैठक कर स्कूलों से निम्न आय वर्ग के प्रतिभावान बच्चों के सूची तैयार करने और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार प्रवेश दिलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। रिक्त सीटों पर प्री-मेट्रिक छात्रावासों में कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को नियमानुसार प्रवेश दिया जाए। कन्या छात्रावास एवं आश्रम में पक्का भवन, अधीक्षक, चौकीदार एवं नगर सैनिक के लिए आवास गृह होना चाहिए। अधीक्षक का आवास गृह उसी भवन परिसर में हो तो उसके लिए पृथक निकासी द्वार की व्यवस्था की जाए। भवन में अहाता, बिजली, पेयजल तथा शौचालय समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। कन्या छात्रावास-आश्रमों में महिला नगर सैनिक पदस्थ किए गए है, किन्तु जिन कन्या संस्थाओं में महिला नगर सैनिक पदस्थ नही है, वहां पर रात्रि काल में महिला चौकीदार की व्यवस्था की जाए।  

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में अस्पतालों को क्लेम राशि के भुगतान हर तीन माह में करने दिए निर्देश

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रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक राजधानी रायपुर में आज से शुरू हुई। आज दिन भर चली बैठक में विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। साथ ही चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 की कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई। स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदीपन, महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभागीय कामकाज की समीक्षा की। 

सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, संभागीय संयुक्त संचालक, जिलों में पदस्थ विभागीय उप संचालक, ज़िला कार्यक्रम प्रबन्धक, जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे। संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं भीम सिंह ने बैठक में मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में आ रही कठिनाइयों और उनके संभावित निदान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने चालू अप्रैल महीने की समाप्ति तक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत सभी अस्पतालों के लंबित क्लेम राशि का नियमानुसार भुगतान पूर्ण करने के निर्देश दिए। 

उन्होंने भुगतान के लंबित मामलों के निराकरण के लिए हर तीन महीने में समीक्षा करने को कहा। उन्होंने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत डिजिटल रिकॉर्ड लिंकिंग बढ़ाने को कहा। इससे स्कैन एंड शेयर के माध्यम से पंजीयन से मरीज अस्पताल की लंबी लाइन से बच सकते हैं। भीम सिंह ने अस्पतालों के अधोसंरचना निर्माण के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ एचआईवी-एड्स से मृत्यु के मामलों में कमी लाने के लिए इसके मरीजों के इलाज का फॉलो-अप बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। बैठक में चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई। आज की बैठक में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, चिरायु योजना, एड्स नियंत्रण कार्यक्रम तथा परिवार कल्याण कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई।


दिव्यांग दम्पत्ति कुलदीप और संगीता को मिली जीवन की नई राह

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रायपुर। समाज कल्याण विभाग की निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना कई दिव्यांग दंपत्तियों के भावी जीवन को मजबूत आधार देने के साथ उनके सुखद भविष्य की नींव भी तैयार कर रही है। योजना के तहत मिली सहायता राशि से विवाह के पश्चात कई दिव्यांग दम्पत्तियों को रोजगार शुरू करने में सफलता मिली है। जिससे उनके जीवन में स्थिरता आई है। जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम बासनताला के कुलदीप तिर्की और उनकी पत्नी श्रीमती संगीता तिर्की भी उन दिव्यांग दम्पत्तियों में से है। जिन्होंने एक साथ जीवन जीने के सपने बुने। राज्य सरकार ने उन्हें उनके सपनों को पूरा करने के लिए निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत 1 लाख रूपए की राशि प्रदान की है।



दिव्यांग दम्पति ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य शासन ने उनकी आर्थिक सहायता करके रोजगार स्थापित करने में बहुत मदद की है। उन्होंने बताया कि वे इलेक्ट्रॉनिक काम जानते हैं और इस राशि का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक दुकान खोलने के लिए करेंगे। उन्होंने कहा कि एक लाख रूपए उनके लिए बहुत बड़ी सहायता राशि है। इससे वे अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन-यापन की नई राह तैयार कर सकेंगे। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना को दिव्यांगजनों के लिए लाभदायक बताया।

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