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हेमचंद साहू हैं छत्तीसगढ़ के एकमात्र रेत कलाकार , मूर्तिकला के साथ-साथ रेत कलाकृति में भी हैं पारंगत

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अब तक बना चुके हैं 200 से अधिक  कलाकृति ,  हेमचंद को मिल चुके हैं कई अवसरों पर अवार्ड

रेत की तरह फिसलते समय चक्र को मुट्ठी में कर लेने की अदभुत कला। जीवन यात्रा को सफल कर लेने की हसरत ने गांव के नौजवान हेमचंद को रेत कलाकार बना दिया। हेमचंद साहू छत्तीसगढ़ के सुदर्शन पटनायक कहलाने लगे हैं। ओडिशा के प्रख्यात सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की रेत कलाकृतियों से प्रभावित होकर कुछ कर गुजरने की चाहत में शुरू की गई कलाकारी ने हेमचंद को सफलता के मुकाम पर ला खड़ा किया है। अब तो बड़े समारोह और विभिन्न अवसरों पर हेमचंद को लोग रेत कलाकृति बनाने के लिए आमंत्रित करने लगे हैं। 


छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के समीप स्थित है गांव तामासिवनी। यहां किसान परिवार में पैदा हुए हेमचंद। जिस स्कूल में पढ़े वहीं पहली रेत कलाकृति महज 22 साल की उम्र में बनाया। अब तो हेमचंद साहू ने स्वयं की योग्यता का लोहा मनवा लिया है। ओडिशा के सुप्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक उनके गुरु 'द्रोणाचार्य" हैं। सुदर्शन की कलाकृतियां देखकर उन्होंने मन ही मन उन्हें अपना गुरु मानकर अभ्यास आरंभ किया । अभी तक वे दो सौ से अधिक कलाकृतियां बना चुके हैं। 


 
हेमचंद साहू बताते हैं कि वे मूलतः मूर्तिकार हैं। मिट्टी और सीमेंट से मूर्ति बनाते हैं। इसी से उनकी आजीविका चलती है। रेत कलाकृति उनका शौक है।  सबसे पहले हाईस्कूल तामासिवनी में उन्होंने शिक्षक दिवस पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का रेत पर कलाकृति बनाई, जिसे बहुत प्रोत्साहन मिला। इसी बीच  जाने-माने रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक छत्तीसगढ़ आए थे। राजिम मेला में उन्हें रेत पर कलाकारी करते देखकर हेमचंद साहू मन ही मन उन्हें गुरू मान लेते हैं। उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित हुए। उन्ही के नक्शे कदम पर चलने लगे, अब वे छत्तीसगढ़ के प्रथम सेंड आर्टिस्ट हैं। 



हेमचंद साहू की रेत पर कलाकारी ज्यादातर संदेश परक होते हैं। किसी सामाजिक और वैश्विक मुद्दे को लेकर लोगों को जागरूक करने का संदेश वे कलाकृतियों से देते हैं। भविष्य में पीने के पानी की गंभीर समस्या को देखते हुए पानी बचाओ, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिससे पेड़ों की संख्या में लगातार कमी को देखते हुए पौधारोपण करने, रक्तदान महादान जैसे सन्देशपूर्ण कलाकृतियों के लिए मशहूर हैं।  कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाने, वन्यजीव हाथी को बचाने, अनेक महापुरुषों की जयंती-पुण्यतिथि पर कलाकृति, सिनेमा जगत के नायकों की कलाकृतियों सहित संदेश देने वाली अनेक रेत कलाकृतियां हेमचंद ने बनाई है। 


हेमचंद साहू छत्तीसगढ़ के एकमात्र रेत कलाकार हैं। उनकी प्रतिभा को अब तक कई अवसरों पर पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भी हेमचंद की प्रतिभा को सराहा है। इसके अलावा हेमचंद के नाम राजा मोरध्वज महोत्सव आरंग, ताराचंद स्मृति चिह्न, बेटी बचाओ अभियान के लिए पुरस्कार जैसे दर्जनों पुरस्कार मिले हैं।
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