रायपुर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के 11 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सब युवा नये भारत के राजदूत हैं। देश को आपको अपना शत-प्रतिशत देना होगा। कोई भी व्यक्तिगत हित राष्ट्र हित से बढ़कर नहीं है। युवाओं को अपने चारों ओर देखना होगा, सिर्फ सरकारी नौकरियां ही जीवन का लक्ष्य न हो। युवाओं के पास अब नये भारत में धरती से लेकर आकाश तक असीमित अवसर हैं।
नये भारत में युवाओं के लिए धरती से लेकर आकाश तक कामयाबी के हैं असीमित अवसर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
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पक्ष-विपक्ष में सामंजस्य रहना चाहिए, तभी लोकतंत्र फलेगा-फूलेगा और सकारात्मक परिणाम देगा: जगदीप धनखड़
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रायपुर । भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष के विधायकों में लगातार संपर्क और सामंजस्य होना चाहिए, तभी लोकतंत्र फलेगा-फूलेगा और सकारात्मक परिणाम देगा। आप सदन में प्रतिद्वंदी नहीं हैं, वहां सौहार्द्रपूर्ण वातावरण होना चाहिए। आप लोग सामंजस्य बनाकर जनहित में बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलते रहती है।
सदन में नये विधायकों को पुराने विधायकों से भी काफी कुछ सीखने मिलेगा। उपराष्ट्रपति ने संविधान सभा के गठन और भारत के संविधान के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विधायिका के सदस्यों को संविधान को जानना जरूरी है। जनआकांक्षाओं के अनुरूप कानूनों में बदलाव विधायिका का प्रमुख कार्य है। प्रचलित कानूनों में बदलाव भारत में ही नहीं दुनिया के सभी देशों में होता है। उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में मौलिक अधिकार बहुत अहम हैं। इसके बिना प्रजातंत्र नहीं चल सकता है।
उपराष्ट्रपति ने विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोई भी अधिकार बिना जिम्मेदारी के नहीं आता। आप सदन में अपने बोले हुए हर शब्द के लिए जवाबदेह हैं। आप सब लोग इतिहास का हिस्सा रहेंगे। आपके योगदान का आगे मूल्यांकन होगा। नये विधान के निर्माण में आपकी चिंता, चिंतन और मंथन दिखाई देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष की सबसे बड़ी ताकत सदन को चलने देने में है। अनावश्यक व्यवधान को जनता पसंद नहीं करती है। उन्होंने कहा कि सदन नियमों से चलता है। सभी सदस्यों को इन नियमों को मानना होता है। जनता चाहती है कि सदन में उनके मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा हो और जनप्रतिनिधियों द्वारा जनकल्याणकारी निर्णय लिए जाएं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विपक्ष द्वारा सरकार की आलोचना रचनात्मक और समाधानपूर्ण होना चाहिए। विपक्ष को जनता के मुद्दों को टेलीस्कोप की तरह देखना चाहिए और सरकार के काम पर माइक्रोस्कोप की तरह नजर रखना चाहिए। राज्य के धन का सदुपयोग हो, यह बजट चर्चा के दौरान आप लोगों को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय अनुकंपा छत्तीसगढ़ पर बहुत है। यह विकास की सारी संभावनाएं समेटे हुए हैं। उन्होंने सभी विधायकों से अपील की कि छत्तीसगढ़ को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान हमारे नवनिर्वाचित विधायकों को संसदीय परंपरा और कार्यप्रणाली के बारे में जानने-समझने को मिलेगा। हमारी यह छठवीं विधानसभा काफी ऊर्जावान और युवा है। हमारे 90 में से 50 विधायक पहली बार निर्वाचित होकर आए हैं, उनके लिए यह काफी उपयोगी होगा। पुराने विधायकों के लिए भी यह रिविजन का अवसर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों ने जिन उम्मीदों से हमें चुनकर भेजा है, उसे पूरा कर पाने में हम सभी सफल होंगे, ऐसी उम्मीद है।
प्रबोधन कार्यक्रम के पहले दिन के अंतिम सत्र को उपमुख्यमंत्री अरूण साव और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी संबोधित किया। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, उत्तरप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी और छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा भी आज के अंतिम सत्र में मौजूद थे।
आदिवासी हमारे देश की शान हैं : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
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छत्तीसगढ़ के आदिवासी छात्र-छात्राओं ने संसद का भ्रमण किया, भारत के उपराष्ट्रपति से मुलाकात की
रायपुर : भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि आदिवासी हमारे देश की शान हैं। उप राष्ट्रपति ने अपने निवास पर छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से आए आदिवासी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा “मैं आपको यही कहूंगा कि आप इस देश के मालिक हैं। आप जमीन से जितना जुड़े हुए हैं और कोई वर्ग नहीं जुड़ा हुआ है’’।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और राजनांदगांव जिले के 140 आदिवासी छात्र-छात्राएं और मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के 60 छात्र-छात्राएं आज उप राष्ट्रपति से ‘जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम’ के तहत उप राष्ट्रपति के निवास पर उनसे मुलाकात के लिए पहुंचे थे। इस वर्ष देश भर के 25 प्रमुख शहरों में ‘जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम’ कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। प्रत्येक कार्यक्रम में 200 प्रतिभागी होते हैं। गुरुग्राम (हरियाणा) में भी एक कार्यक्रम 15 से 21 जनवरी, 2024 तक हो रहा है। इस कार्यक्रम में भाग ले रहे छात्र-छात्राएं आज उप राष्ट्रपति से मिले। छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश के आदिवासी छात्र-छात्राओं ने ‘जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम’ के तहत संसद का भ्रमण भी किया।
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय द्वारा पिछले 15 वर्षों से जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम (TYEP) का संचालन युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में दूर-दराज के व उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के जनजातीय युवक-युवतियों को देश भर के प्रमुख शहरों में भ्रमण पर ले कर जाते हैं। इस कार्यक्रम के उद्देेश्य प्रमुखतः आदिवासी युवाओं की आकांक्षा (Aspiration) बढ़ाना, उन्हें देश की विकास गतिविधियों, योजनाओं व रोजगार के अवसरों से अवगत कराना और देश के दूसरे भागों के युवाओं से मिलवाना है।
उपराष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2024 की शुरुआत मेरे लिए, राज्यसभा परिवार के लिए और उपराष्ट्रपति के परिवार के लिए बहुत ही सौभाग्यशाली रहेगी क्योंकि आपके कदम यहां पड़ चुके हैं। धनखड़ ने कहा कि जनजाति की ताकत, इनके महत्व और प्रतिभा को समझना है तो राष्ट्रपति भवन चले जाइए। जनजाति वर्ग की मती द्रौपदी मुर्मु भारत की राष्ट्रपति हैं। भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा और जीवंत लोकतंत्र है, जो तेजी से प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। धनखड़ ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज भारत अमृत काल में है। दुनिया हमारी प्रगति को देखकर आश्चर्यचकित है। उपराष्ट्रपति ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से कहा कि आपके सबल कंधों पर विकसित भारत के निर्माण का दायित्व है। उन्होंने सभी छात्रों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
नई संसद में पहली बार लहराया तिरंगा, उपराष्ट्रपति ने गजद्वार पर किया ध्वजारोहण
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नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 17 सितंबर को नई संसद भवन के गजद्वार पर ध्वजारोहण किया. इस दौरान लोकसभा स्पीकर के अलावा संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन और राज्यसभा और लोकसभा में विभिन्न दलों के नेता भी उपस्थित रहे.
बता दें कि नई संसद भवन में ध्वजारोहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हुआ है. समारोह में नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुख़ अब्दुल्ला भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में यह एक नया अध्याय खुल रहा है. हम इंतजार कर रहे थे कि कब नए संसद भवन में जाएंगे और अब वह दिन आ गया है.
पीएम के जन्मदिन पर उन्होंने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री को मुबारबाद देता हूं, उनकी लंबी उम्र हो.'
जानकारी के मुताबिक, संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से पुरानी इमारत में बुलाया गया है. 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन संसद की पुरानी बिल्डिंग से कामकाज नई इमारत में शिफ्ट होगा. विशेष सत्र के बाकी के 4 दिन का कामकाज भी यहीं पर होगा.
कार्यक्रम में मल्लिकार्जुन खड़गे नहीं पहुंचे
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा महासचिव प्रमोद मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वे CWC की बैठक के लिए हैदराबाद में हैं. संसद के कार्यक्रम का निमंत्रण 15 सितंबर की शाम को मिला था, जबकि CWC की बैठक काफी दिन पहले से तय थी, इसलिए 17 सितंबर को होने वाले समारोह में शामिल होना उनके लिए संभव नहीं होगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए संसद भवन में कर्मचारियों का ड्रेस कोड भी बदल गया है. पार्लियामेंट स्टाफ के लिए नए ड्रेस कोर्ड के तहत नेहरू जैकेट और खाकी रंग की पैंट को शामिल किया गया है. लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, ब्यूरोक्रेट्स बंद गले के सूट की जगह मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहनेंगे. उनकी शर्ट भी कमल के फूल के डिजाइन के साथ गहरे गुलाबी रंग में होगी.