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अब होटलों के मेन्यू में शामिल होंगे मिलेट्स के बने व्यंजन

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रायपुर। राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के होटलों में अब लोगों को मिलेट्स से बने व्यंजनों का लुत्फ़ उठाने को मिलेगा। जल्द ही होटलों के मेन्यू में मिलेट्स आधारित व्यंजनों को शामिल किया जाएगा। इसे लेकर संचालक कृषि के मार्गदर्शन में संयुक्त संचालक और राजधानी रायपुर के 64 होटल संचालकों के बीच बैठक हुई। मिलेट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के फायदे की वजह से मिलेट्स का दैनिक आहार में उपभोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। इससे मिलेट्स फसल क्षेत्र वृद्धि व उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। होटल, रेस्टोरेंट संचालकों ने भी मिलेट्स आधारित व्यंजनों व उत्पादों को अपने प्रतिष्ठान के मेन्यू में शामिल करने आश्वस्त किया।



गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 घोषित किया गया है, जिससे मिलेट्स के उत्पाद को जनसामान्य के दैनिक आहार में शामिल कर उपभोग को बढ़ावा देने प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसी कड़ी में बीते दिनों कृषि विभाग की ओर से रायपुर क्षेत्र के होटल, रेस्टोरेंट, मार्ट के संचालकों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मिलेट उत्पाद के प्रचार-प्रसार के साथ प्रतिष्ठान के मेन्यू में मिलेट्स उत्पाद को शामिल करने का आग्रह किया गया। इससे ग्राहकों को मिलेट्स आधारित व्यंजन सुगमतापूर्वक उपलब्ध हो सकेगा। इस दौरान बताया गया कि मिलेट्स में पोषक तत्वों की अधिकता के कारण इसे न्यूट्रीसीरियल्स भी कहा जाता है।

इसमें प्रोटीन, रेशा, थायमिन, राइबोफ्लेविन, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस आदि अच्छी मात्रा में पायी जाती है। मिलेट्स फसल में शामिल रागी में प्रोटीन व कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने एवं कुपोषण दूर करने में सहायक है। रागी रेशा उदर विकार, उच्च रक्तचाप तथा आंतों के कैंसर से शरीर की रक्षा करती है। इसी तरह कुटकी में 37-38 प्रतिशत तक रेशा होता है, जो शिशु खाद्य पदार्थ, स्नैक्स एवं अन्य प्रंसस्कृत उत्पाद के लिए उपयोगी खाद्य घटक है। वहीं कोदो में प्रोटीन 11 एवं रेशा 14 प्रतिशत तक पाया जाता है, जो हृदय विकार, उच्च रक्तचाप तथा उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए उत्तम आहार है। मिलेट्स में मुफ्त ग्लूकोज़ बहुत कम समय के लिए होता है, जो मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त आहार है।

मिलेट मिशन लागू करने वाला अग्रणी राज्य है छत्तीसगढ़ :

उल्लेखनीय है कि मिलेट फसल के फसल क्षेत्र वृद्धि एवं उत्पादन बढ़ाने के साथ ही फसल के उपार्जन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन करते हुए आमजन तक सुगमता से उत्पाद पहुंचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलेट मिशन लागू की गई है। छत्तीसगढ़ में मिलेट्स फसलों में प्रमुख रूप से कोदो, कुटकी, रागी एवं ज्वार व बाजरा का उत्पादन किया जाता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में उत्पादित कोदो, कुटकी एवं रागी का छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ के माध्यम से वर्ष 2021 में 52,728 क्विंटल उपार्जन किया गया। वहीं वर्ष 2022-23 में 13 हजार टन मिलेट्स उपार्जन का लक्ष्य है।

मिलेट्स से बनते हैं अनेक व्यंजन :

मिलेट्स से रागी खीर, लड्डू, माल्ट, केक, सेवईं, ईडली, हलवा, पुलाव, कुटकी खीर, कुटकी चाय, जैम, कोदो खीर, ज्वार चॉकलेट, ब्राउनी आदि बनाए जाते हैं। कोदो व कुटकी को मुख्य भोजन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।

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