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आयुष्मान वय वंदना कार्ड वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरदान साबित होगा, 5 लाख तक मुफ्त इलाज की विशेष सुविधा मिलेगी

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 महासमुंद : केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक विशेष सुविधा शुरू की गई है। “आयुष्मान वय वंदना कार्ड“ के माध्यम से 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। यह सुविधा उनके पारिवारिक आयुष्मान कार्ड से अलग होगी, जिससे वे स्वतंत्र रूप से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।


जिले में 62,137 पात्र हितग्राहियों का वय वंदना कार्ड बनाया जाना है, जिनमें से अब तक 7,834 हितग्राहियों (12.6 प्रतिशत) का कार्ड बन चुका है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों को आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। इसी प्रकार से एपीएल परिवारों को 50 हजार रुपये तक का इलाज मुफ्त उपलब्ध होता है। यदि परिवार में 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक हैं, तो वे अपना वय वंदना कार्ड बनवाकर अतिरिक्त 5 लाख रुपये तक की अलग से स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। आयुष्मान वय वंदना कार्ड“ बनाने के लिए केवल आधार कार्ड की आवश्यकता होगी। यह कार्ड सरकारी स्पतालों और च्वाईस सेंटरों में मुफ्त में बनाया जाएगा। यदि पहले से आयुष्मान कार्ड बना हुआ है, तो ई-केवाईसी अनिवार्य होगी।

वय वंदना कार्ड को मोबाइल ऐप या पोर्टल https://beneficiary.nha.gov.in/ के माध्यम से आधार लिंक मोबाइल ओटीपी, बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट, या फेस ऑथेंटिकेशन द्वारा बनाया जा सकता है।

जिले में शत प्रतिशत हितग्राहियों को लाभ दिलाने कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार बचे हुए हितग्राहियों के लिए विशेष महाअभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत ग्राम सचिव, रोजगार सहायक, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बैंक सखियां, और अन्य विकासखंड स्तरीय कर्मचारी शिविर लगाकर कार्ड बनाने में सहायता करेंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने आधार कार्ड के साथ नजदीकी सरकारी अस्पताल या च्वाईस सेंटर पर जाकर जल्द से जल्द वय वंदना कार्ड बनवा लें। इस कार्ड के माध्यम से उन्हें भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य समस्या के दौरान आर्थिक कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

स्वास्थ्य मितान को चार माह से नही मिला वेतन कौन हैं जिम्मेदार केंद्र सरकार या कम्पनी..?

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 रायपुर : आयुष्मान भारत योजना जो कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है इस योजना के अंतर्गत राज्य शासन से अनुबंधित कंपनी (TPA) FHPL के अंर्तगत स्वास्थ्य मितान की भर्ती की गई थी जो कि पूरे राज्य में लगभग 750 की संख्या में कार्यरत है ।


विगत 4 माह से FHPL कंपनी द्वारा इन स्वास्थ्य मितान को वेतन भुगतान नहीं किया गया है जिससे सभी स्वास्थ्य मितान के सामने आर्थिक संकट आ पड़ा है वर्तमान में नवरात्रि दशहरा और आगे दीपावली जैसे त्योहार है जिससे सभी कर्मचारी आर्थिक और मानसिक रूप से काफी परेशान है ।


पिछले माह ही कोरबा जिले में कार्यरत काशीराम पटेल (स्वास्थ्य मितान) जो कि सीएमएचओ ऑफिस कोरबा में कार्यरत है जो एक ट्रक दुर्घटना के शिकार हो गए उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई मृतक की पत्नी जो कि 5 माह की गर्भवती और एक बच्चा है इतना कुछ होने के बाद भी कंपनी ने किसी भी प्रकार का कोई सहयोग मृतक के परिवार को नहीं किया ।

वेतन से संबंधित और काशीराम पटेल के आर्थिक मदद के लिए पूरे राज्य के स्वास्थ्य मितान चंदा कर दुखित परिवार को सहयोग किए न ही जिला स्वास्थ्य विभाग और संबंधित कंपनी से किसी भी प्रकार का सहयोग नही किया गया और 07 अक्टूबर को राज्य के समस्त जिलों से लग्भग़ 400 की संख्या में स्वास्थ्य मितान रायपुर स्वास्थ्य मंत्री जी से उनसे निवास में मिले (और इससे पहले भी 2 से 3 जिले के स्वस्थ्य मितान मंत्री जी को विलंब वेतन के संबंध में अवगत कराए थे) और मंत्री जी ने तुरंत संचालक स्वास्थ्य सेवाए ऋतुराज रघुवंशी सर को फोन करके वेतन से संबंधित समस्या दूर करने के लिए कहा और साथ ही हमारी मांग स्टेट नोडल एजेंसी स्वस्थ्य विभाग के अंतर्गत समायोजन का रखा गया था जिसे स्वास्थ्य मंत्री जी स्वास्थ्य मितान पद को स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत किसी एक मद से समायोजन किया जाएगा ये आश्वासन उनके द्वारा कर्मचारियों को दिया इसके बाद सभी स्वास्थ्य मितान पुराना नर्सेज हॉस्टल के पास FHPL ऑफिस गए वहा से राज्य प्रबंधक रिजवान सर को लेकर संचनालय स्वास्थ्य सेवाए सेक्टर 19 नया रायपुर गए ।

वहा सभी स्वास्थ्य मितान सहायक संचालक राज्य नोडल एजेंसी आयुष्मान भारत श्री धर्मेद्र गहवाई सर से मिले और अपनी समस्या से अवगत कराए इसके बाद सभी स्वास्थ्य मितान ने कंपनी द्वारा वेतन नहीं देने के लिए संचालक महोदय को ज्ञापन दिए। आज लगभग 5 माह पूर्ण होने वाले है और सभी स्वास्थ्य मितान के सामने बहुत बड़ा संकट आ गया है ।

आयुष्मान योजना में इंश्योरेंस या ट्रस्ट, व्यापक सहमति बनाने के बाद होगा निर्णय: स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल

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रायपुर। आयुष्मान भारत योजना को इंश्योरेंस व ट्रस्ट मोड में चलाने को लेकर चिकित्सकों और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के बीच निवास कार्यालय में विस्तृत चर्चा हुई। इसको लेकर चिकित्सकों व विभाग के बीच व्यापक सहमति निर्मित कर निर्णय पर पहुंचने की बात स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कही।

चिकित्सकों ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में आने वाली समस्याओं और अन्य मुद्दों पर स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष अपनी बात रखी। इस दौरान आयुष्मान योजना में चिकित्सकों की शिकायतों के समाधान के लिए सुधारात्मक कदम उठाने पर भी विचार हुआ। मंत्री जायसवाल ने कहा कि सरकार चिकित्सकों के साथ मिलकर योजना के हित में किसी भी तरह का निर्णय लेगी।

चर्चा के दौरान एमबीबीएस और स्नात्कोत्तर के छात्रों के बॉन्ड को समाप्त करने की मांग पर भी चर्चा हुई। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों को बॉन्ड से मुक्त करने की दिशा में विचार किया जाएगा। इसके साथ ही रूरल बॉन्ड की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया, ताकि छात्रों का समय खराब न हो। स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वस्त किया कि शासकीय सेवा के दौरान स्नात्कोत्तर की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों को अब तीन वर्षों का सवैतनिक अध्ययन अवकाश मिलेगा। पूर्ववर्ती सरकार ने इसे घटाकर दो वर्ष कर दिया था, जिसे अव्यवहारिक मानते हुए इसे पुनः तीन वर्षों के लिए करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में नर्सिंग होम एक्ट के तहत् 30 बिस्तरों के अस्पताल को छूट देने की मांग पर भी चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री जी ने इस पर सहमति जताते हुए शीघ्र ही आदेश जारी करने को लेकर आश्वस्त किया। उन्होंने पर्यावरण, फायर फाईटिंग आदि के लिए सिंगल विंडो की प्रक्रिया शुरू करने की भी बात कही। पी.एन.डी.टी. एक्ट, छात्रावास संबंधी समस्या, चिकित्सक प्रोटेक्शन एक्ट, संविदा चिकित्सकों के नियमितीकरण, राज्य चिकित्सा प्रशासनिक सेवा प्राधिकरण के गठन, बायोमेडिकल वेस्ट प्लाण्ट को लेकर भी स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल से चर्चा हुई। सभी विषयों पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने सहमति बनाते हुए सुधार या किसी निर्णय पर पहुंचने का आश्वासन दिया।  

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल के साथ विशेष सचिव चंदन कुमार, संचालक,  महामारी डॉ. सुरेन्द्र पामभोई, राज्य नोडल अधिकारी, आयुष्मान भारत, डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, डिप्टी डायरेक्टर, चिकित्सा शिक्षा डॉ. प्रतीक प्रधान, डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना, आईएमएस के प्रदेश अध्यक्ष, डॉ. विनोद तिवारी, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. विमल चोपड़ा, डॉ. कमलेश्वर अग्रवाल, डॉ. प्रशांत द्विवेदी, डॉ. सुरेन्द्र शुक्ला, डॉ. अशोक त्रिपाठी, डॉ. प्रेम चौधरी समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।


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