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मंत्री कवासी लखमा एक बार फिर सुर्खियों में , मंत्री का बीड़ी पीते वीडियो वायरल

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रायपुर। छग सरकार में आबकारी मंत्री कवासी लखमा हमेशा की तरह इस बार भी सुर्खियों में है. दरअसल कवासी लखमा इन दिनों अपने क्षेत्र में लगातार दौरे पर हैं।


इस दौरान एक गांव में एक ग्रामीण के साथ गांव में घूम घूम कर बीड़ी पीते और धुंआ उड़ाते बिंदास घूमने का वीडियो वायरल हो रहा है. इतना ही नहीं मंत्री अपने नाक से भी धुंआ छोड़ते दिख रहे है.

लखमा ने उन्हें रोका और उनसे एक बीड़ी की मांग कर दी। तब ग्रामीण ने एक बीड़ी निकाल कर लखमा को दे दी, और अपनी बीड़ी से ही उनकी बीड़ी जलाई। अब इस पुरे वाकये का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। लोग इस वीडियों पर तरह तरह के कमेंट भी कर रहे है। कुछ लोग इसे लखमा की सादगी बता रहे है, तो कुछ इसे गलत भी ठहरा रहे है।


राज मंडाई में शामिल हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा, खुद पर जंजीर से बरसाए कोड़े

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सुकमा। जिले में 12 साल बाद राज मंडाई (मेला) का आयोजन किया गया है। इस ऐतिहासिक मेले में प्रदेश के आबकारी मंत्री और सुकमा के कोंटा विधानसभा से विधायक कवासी लखमा भी शामिल हुए। उन्होंने खुद पर जंजीर से कोड़े बरसाए। साथ ही हाथों में मोर पंख पकड़ कर पारंपरिक अंदाज में देवी-देवताओं की आराधना की। यह वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।


9 अप्रैल से मेला शुरू हुआ है, जो 12 अप्रैल तक चलेगा। इसमें सुकमा, समेत पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश और ओडिशा के देवी-देवताओं के देव विग्रह शामिल होते हैं। आस्था, परंपरा की झलक इस मेले में देखने को मिलती है। इस राज मंडाई में केरलापाल परगना के लोग आयोजन करवाते हैं। इसे देखने और बस्तर के रीति-रिवाज संस्कृति को समझने देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां आते हैं।

मेले में शामिल होकर खुद पर कोड़े बरसाने वाले आबकारी मंत्री ने कहा कि, कोड़े बरसाना आसान नहीं हैं। हिम्मत देवी-देवता ही देते हैं। वहां मौजूद कुछ और लोगों ने भी अपनी आस्था दिखाई। किसी ने मुंह में गालों के बीच से सरिया आर-पार किया तो किसी ने पारंपरिक नृत्य किया।

सुकमा राज परिवार के सदस्य रामराजा मनोज देव ने बताया कि, सुकमा रियासत के हिसाब से 440 गांव के देवी-देवता इसमें शामिल होते हैं। यह मेला हर 12 साल में किया जाता है। उन्होंने बताया कि, सालों पहले जयपुर के राजा और सुकमा के राजा के बीच युद्ध हुआ था। जिसे सुकमा के राजा ने जीता था। उन्होंने अपने क्षेत्र को बढ़ाया था। उसी जीत की खुशी में हर साल राज मंडाई (मेला) का आयोजन किया जाता है।


छत्तीसगढ़ में भी शराबबंदी की तैयारी, अध्ययन दल बिहार रवाना हुई

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रायपुर।  छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की कवायद जारी है. प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले राज्य सरकार घोषणा पत्र में किये वादे शराबबंदी को पूरा करने की तैयारी में है. जिसको लेकर सरकार द्वारा गठित की गई शराबबंदी अध्ययन दल बिहार के लिए रवाना हुई है. बिहार से लौटकर अध्ययन टीम मिजोरम जाएगी. इसकी जानकारी आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने दी है.


आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि अध्ययन टीम अभी बिहार के लिए रवाना हुई है. बिहार के बाद टीम मिजोरम जाएगी. वहां से आने के बाद अध्ययन टीम सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी.

लखमा ने कहा कि छग में शराब बंदी होगी या नहीं, अभी कहना जल्दबाजी होगी. बस्तर के लोग पूजा पाठ में भी शराब का उपयोग करते हैं. बस्तर में शराब बंदी का सवाल ही नहीं उठता. इस दौरान मंत्री लखमा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा शराबबंदी को लेकर गंभीर नहीं है. भाजपा के लोग झूठ बोलने में माहिर हैं, इसलिए बैठक में नहीं आते और कमेटी में मेंबर नहीं भेजते.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में शराब बंदी को लेकर राज्य सरकार ने कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा को बनाया गया है.


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