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बासिंग कैम्प परिसर में मुख्यमंत्री ने लगाई जन-चौपाल

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नारायणपुर। ओरछा विकासखण्ड़ के बासिंग सुरक्षा कैंप में आयोजित जन चौपाल कार्यक्रम में  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शासकीय जनकल्याणकारी योजनाओं का क्षेत्र में क्रियान्वयन का जायजा लेने आप लोंगों के बीच आया हूँ। सुशासन तिहार के माध्यम से जनता की समस्याओं और मांगों के लिए कार्यक्रम किया जिसमें प्राप्त आवेदनों का विभागों द्वारा निराकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अबूझमाड़ एक प्राकृतिक सम्पन्नता वाला क्षेत्र है जहाँ नक्सलवाद के कारण विकास बाधित रहा है। जवानों हौसलों से अब विकास कार्य को गति मिली है, केंद्र सरकार के सहयोग से अब नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगा रहे है। नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण उपरांत क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य भरपूर यह क्षेत्र सही मायने में स्वर्ग बन जाएगा। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वनमंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।

\कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों का ग्रामीणों ने पारंपरिक तरीके से  सिर पर पीला साफा पहनाकर व कलगी लगाकर और हार पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। समर कैंप के बच्चों ने अपने हाथों से बनाई सजावटी सामानों से मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और वनमंत्री का स्वागत किया। साथ ही अबूझमाड़ हाफ पीस मैराथन में हिस्सा लेने वाले दो स्कूली बच्चों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफ़ज़ाई की। इस दौरान आँगनबाड़ी के बच्चों ने पुष्प गुच्छ भेंट कर तिलक लगाया जिस पर तीनों अतिथियों ने चारपाई से उठकर उनको चारपाई में खड़ाकर चाकलेट देकर दुलार किया। इसके अलावा मेघावी छात्रों को सम्मानित कर बधाई दी। कार्यक्रम में  महतारी वंदन योजनाओं के लाभार्थियों से चर्चा किए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6 हितग्राहियों को आवास की चाबी, स्वीकृति आदेश, प्रथम किस्त की राशि प्रदाय किया। इसके अलावा मनरेगा के तहत आवास हितग्राही को नगद राशि का भुगतान किया।मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना और मिनीमाता महतारी जतन योजना के एक-एक लाभार्थी को बीस हजार का चेक वितरित किया। समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांग सिदु को व्हीलचेयर, उद्यानिकी विभाग द्वारा सब्जी मिनी किट, मत्स्य पालन विभाग के द्वारा कुरुषनार के मछुवा समिति को सामग्री वितरण किया।

 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बासिंग कैंप में की घोषणा

20 लाख की लागत से ग्राम मुरहापदर में पुलिया निर्माण, 10 लाख की लागत से बासिंग हेतु खेल मैदान की स्वीकृति, 10 लाख की लागत से बासिंग में बालक आश्रम एवं माध्यमिक शाला मरम्मत की स्वीकृति, 24 लाख की लागत से ग्राम मुरहापदर और एहनार में नवीन आंगनबाड़ी भवन, 25 लाख की लागत से ग्राम बासिंग में हाट बाजार से बस्ती तक 500मीटर सीसी सड़क की स्वीकृति, ग्राम कुंदला, बासिंग और मुरहापदर में नवीन घोटूल के लिए 15 लाख की स्वीकृति। कुल 01 करोड़ 04 लाख की स्वीकृति दी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वनमंत्री केदार कश्यप ने सुरक्षा बलों को गस्त करने के लिए 50 बाइक को जवानों के साथ हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । साथ ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदिवासी विकास विभाग द्वारा ओरछा में 250 सीटर बालक छात्रावास भवन निर्माण एवं वाटर सप्लाई तथा विद्युतीकरण कार्य के लिए 8 करोड़ एक लाख की लागत की विकास कार्य का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी, डीआईजी अमित तुकाराम कामले, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. रवि मित्तल, कलेक्टर नारायणपुर प्रतिष्ठा ममगाईं, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, जिला पंचायत सीईओ आकांक्षा शिक्षा खलखो सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

अबूझमाड़ में असल ऑपरेशन हुआ शुरू... पहले दिन हुये रिकॉर्ड 30 ऑपरेशन

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रायपुर। ऑपरेशन थियेटर में मशीनों की बीप-बीप की आवाज बहुत धीमे से कानों में पड़ती है। लेकिन अबूझमाड़ के 5 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके में अब इस आवाज को हर कोई सुन सकेगा। कभी नक्सल आतंक की वजह से गोलियों की थर्राहट पर अब ये आवाजें भारी पड़ने वाली हैं क्योंकि अबूझमाड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओरछा में 24 मई बुधवार से ऑपरेशन थियेटर शुरू हो गया है। यहां ऑपरेशन थियेटर की सुविधा शुरू होना इस इलाके के आदिवासियों के लिये किसी सपने से कम नहीं है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस उपलब्धि के लिये बधाई दी है। बड़ी बात ये कि ओटी शुरू होने के पहले दिन ही 30 मरीजों के ऑपरेशन किये गये। यहां रहने वाले आदिवासियों को ये सुविधा करीब 35 साल बाद मिली है। ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 1989 में शुरू हुआ था। तब से यहां वनांचल में रहने वाले आदिवासियों को ऑपरेशन के लिये जगदलपुर, जिला मुख्यालय नारायणपुर या फिर महाराष्ट्र जाना पड़ता था।

एक महीने के रिकॉर्ड समय में बना ऑपरेशन थियेटर- अबूझमाड़ के निवासी ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थियेटर का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। खास बात रही कि ये ऑपरेशन थियेटर मात्र एक महीने के रिकॉर्ड में तैयार किया गया है। जिला खनिज न्यास निधि से उक्त ऑपरेशन थियेटर स्वीकृत किया। जिसे बनाने के लिये दिन-रात काम किया गया। नारायणपुर के तत्कालीन कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को वहां सब कुछ उपलब्ध है क्योंकि वे प्रकृति के नजदीक बहुत सीमित जरूरतों में रहते हैं। वहां उनके लिये बाजार है, राशन उपलब्ध है लेकिन उनके पास तक स्वास्थ्य सुविधाएं ले जाना बहुत जरूरी था। ऑपरेशन थियेटर बनने से वहां के आदिवासियों का विश्वास शासन-प्रशासन के प्रति और मजबूत होगा।

पहले दिन किये गये ये ऑपरेशन- ऑपरेशन थियेटर के शुरू होते ही पहले दिन में रिकॉर्ड 30 ऑपरेशन किये गये। जिनमें महिला नसबंदी के 13, पुरुष नसबंदी के 8, सिस्ट के 3, हाइड्रोसिल के 2, एमपीटी के 2, इनसीजन ड्रैनेज का 1 और हॉर्निया का 1 ऑपरेशन शामिल है। ऑपरेशन के लिये विशेषज्ञ डॉक्टर्स को बुलाया गया। डॉक्टर्स की टीम में नारायणपुर, कोण्डागांव जिला के विशेषज्ञों को बुलाया गया।  ऑपरेशन के पहले दिन सीएमएचओ डॉ टी आर कुंवर, डॉ एस नागुलन, डॉ टीना, डॉ गायत्री मौर्य, डॉ केशव साहू, डॉ सुखराम दोरपा, डॉ वल्लभ ठक्कर और अन्य चिकित्सीय सहयोगियों द्वारा सहयोग किया गया।

जल्द मिलेंगी ये सुविधायें- ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थियेटर शुरू होने के बाद जल्द ही चिकित्सीय सेवाओं और सुविधाओं का विस्तार होने वाला है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन बनकर तैयार है, जल्द ही नये भवन में ओपीडी की सुविधा मिलने लगेंगी। पुराने भवन में ऑपरेशन और भर्ती के लिये सुविधाएं भी बढ़ाई जायेंगी। स्वास्थ्य केंद्र में जल्द ही बल्ड बैंक खुलेगा। मरीजों की जांच के लिये सोनोग्राफी की सुविधा भी जल्द मिलने वाली है। जिससे डॉक्टर्स को डायग्नोस करने में आसानी होगी और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पायेंगी।


अबूझमाड़ नारायणपुर जिले का सुदूर वनांचल इलाका है जो बहुत बड़े इलाके करीब
5 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और नक्सल आतंक की वजह से बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना बहुत मुश्किल काम था। लेकिन बीते चार साल में नक्सल घटनाओं में कमी के कारण यहां के लोगों के लिये बहुत सी सुविधायें पहुंचाई गयी हैं। अबूझमाड़ के निवासियों के लिये सबसे बड़ी सुविधा मसाहती सर्वे से भी मिली। अभी तक इस इलाके में कोई सर्वे नहीं हो पाया था जिससे हितग्राहियों तक शासकीय योजनायें पहुंचाने में मुश्किलें आतीं थी। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मसाहती सर्वे पर बड़ी तेजी से काम किया गया और शासन की योजनाएं अबूझमाड़ के लोगों तक पहुंचने लगी हैं।

 

सफलता की कहानी अबूझमाड़ में फैलता संचार नेटवर्क

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रायपुर। छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ कहे जाने वाले क्षेत्र नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिलों जहां तक पहुंचपाना बेहद मुश्किल था। वहां के निवासी लम्बे समय से मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं ने इस नामुमकिन को मुमकिन में बदल दिया है। पिछले चार सालों में इस क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की किरण हर घर तक पहुंच रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के वनांचल के विकास के लिए विकास, विश्वास और सुरक्षा की रणनीति अपनाई गई है।

अबूझमाड़ में इस रणनीति के तहत सड़क और संचार नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। शासन द्वारा वनांचल के दुर्गम, पहुंच विहीन, संवेदनशील स्थानों पर जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं है, वहां नए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं और मोबाइल नेटवर्क को अपग्रेड करने का भी काम किया जा रहा है। जिससे कोई भी व्यक्ति इंटरनेट सुविधा से अछूता न रह सके।

दंतेवाड़ा जिले के सीमा से लगे अबूझमाड़ इलाकों में भी अब तेजी से सड़क और संचार नेटवर्क की सुविधा मिल रही है। दन्तेवाड़ा में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से संचार सुविधाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण का काम तेजी से कराया जा रहा है। दन्तेवाड़ा सीमा से लगे अबूझमाड़ में बसे गांव मालेवाही ऐसा क्षेत्र हैं, जहां वर्षों से मोबाइल नेटवर्क नहीं था। जिससे यहां रहने वाले ग्रामीणजन देश-दुनिया की उपलब्धियों, डिजीटीकरण और ऑनलाइन सुविधाओ से वंचित थे। गांव के लोगों को पहले एंबुलेंस बुलाने या आपातकालीन स्थिति में कई बार पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता था या कई किलोमीटर सफर करना पड़ता था तब बड़ी मुश्किल से बात हो पाती थी। मोबाइल टावर लगाए जाने से उन्हें आसानी से संचार सुविधा मिल रही है। मालेवाही में मोबाइल टॉवर स्थापित होने से ग्रामीण जनों में उत्साह देखने को मिल रहा है। टॉवर लगने से सूचनाओं के आदान-प्रदान अब सहज हो गया है।

इन्टरनेट की सुविधा मिलने से ग्रामीण जनजीवन में अब तेजी से जागरूकता आ रही है। आने वाले समय में ग्रामीण अंचल में रह रहे हर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही राज्य शासन द्वारा दुर्गम और पिछड़े इलाकों में तेजी से सड़क नेटवर्क का भी विस्तार किया जा रहा है। इन सब कार्यों से राज्य शासन की योजनाओं की पहुंच गरीब तबकों तक पहुंचना आसान हुआ है।

छत्तीसगढ़ अबूझमाड़ अब नहीं रहा अबूझ

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रायपुर। छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ कहे जाने वाले क्षेत्र नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा जिलों जहां तक पहुंचपाना बेहद मुश्किल था। वहां के निवासी चार साल पहले विकास से वंचित थे, परंतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं ने इस नामुमकिन को मुमकिन में बदल दिया है और अब वहां विकास की किरण हर घर तक पहुंच रही है।मानसून के मौसम में इंद्रावती नदी में भारी जल प्रवाह के कारण जून से सितंबर के महीनों में यह क्षेत्र पूरी तरह से अलग-थलग रहता था, लेकिन छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों से इंद्रावती नदी पर छिंदनार पुल का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया है और इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। यह पुल ग्रामीणों के लिए बस्तर क्षेत्र की मुख्य भूमि का हिस्सा बनने की आशा की किरण बन गया है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने दंतेवाड़ा और बीजापुर से अबूझमाड़ क्षेत्र तक पहुंचने के लिए इंद्रावती नदी पर छह ओवर ब्रिज बनाने की रणनीति तैयार की है।



संपर्क से विकास की रणनीति

यहां के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र के गांवों में विकास की कई योजनाएं कई वर्षों से लंबित थीं। 38 करोड़ रुपये की लागत से छिन्दनार गांव में, देवगुड़ी, डेनेक्स टेक्सटाइल फैक्ट्री के पास इंद्रावती नदी पर पुल का निर्माण जैसी परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। वहां के ग्रामीणों ने बताया कि करीब चार माह के मानसून सीजन के दौरान इंद्रावती के आसपास का क्षेत्र जिला मुख्यालय से लगभग कट जाता था, ग्रामीणों के पास चिकित्सा की देखभाल की बहुत कम थी और स्वास्थ्य विभाग का यहां कोई पहुंच नहीं थी। पुल निर्माण के बाद इसने रोजगार के नए रास्ते भी खोले हैं और कृषि कार्यों के लिए कनेक्टिविटी की समस्या को भी कम किया है।

ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में कई कारणों से बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही थी। पुल निर्माण के बाद ग्राम पंचायत तुमरीगुंडा में 18 वार्ड में 18 ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली पहुंचाई गई, जिससे 410 परिवार लाभान्वित हुए हैं. इसके साथ ही इन गांवों के स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है, पुल बनने के बाद 108 संजीवनी एक्सप्रेस और 102 महतारी एक्सप्रेस इन गांवों में आसानी से पहुंच रही है।किसानों ने बताया कि उनके गांव में पुल बनने के बाद अब नदी का पानी खेतों को दिया जा रहा है, साथ ही क्षेत्र की सिंचाई सुविधा में सुधार हुआ है,

जिसका लाभ किसानों को भी मिल रहा है, जिससे गांवों में फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी। जिला प्रशासन ने बताया कि यह नई पहल दंतेवाड़ा जिले में माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार दूरस्थ एवं आंतरिक क्षेत्रों में की जा रही है। जिसके तहत इंद्रावती नदी पर छिंदनार पुल का निर्माण किया गया है, जिसकी लंबाई 712 मीटर है और इसे 2 साल के भीतर पूरा किया गया है. इसका उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री जी ने 25 जनवरी 2022 को किया था। पुल के उद्घाटन के बाद अब प्रशासन द्वारा इंद्रावती के दूर-दराज के क्षेत्रों में लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना  आसान हो गया है। पहले लोग और प्रशासन डोंगी या नावों के सहारे नदी पार करते थे और प्रशासन को बहुत परेशानी होती थी, अब मोबाइल मेडिकल यूनिट इन सभी सामानों को पहुंचाने के लिए पुलों के माध्यम से पहुंच रही है. तेंदूपत्ता की खरीद भी आसान हो गई है।

सुविधाओं के बारे में बात करते हुए दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने बताया कि स्कूल, आंगनबाडी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र आदि चीजों का निर्माण शुरू हो चुका है और निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा और लोगों को इन सब सुविधााओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पहले माल ढुलाई में बहुत परेशानी होती थी लेकिन पुल निर्माण से विकास का द्वार खुल गया है। अब वहां सभी सुविधाएं पहुंच रही हैं, स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं और लोगों को जो भी सुविधाएं दी जा रही हैं उन्हें शिविर के माध्यम से दिया जा रहा है।

जिला प्रशासन लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहा है. विकास कार्य रणनीति के तहत किया जा रहा है और जल्द ही जिला मुख्यालय के आसपास की पंचायतों की तर्ज पर दूर-दराज की पंचायतों का विकास किया जाएगा और सभी मूलभूत सुविधाएं- सड़क, बिजली, आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन उपलब्ध कराया जा रहा है। वे सभी लोग जो पात्र हैं उन्हें सभी योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है। 

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