Election 2024: कांग्रेस छोड़ अब बीजेपी में आ चुके गौरव वल्लभ ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को फिर निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राम मंदिर का विरोध करती है। सुबह से शाम तक अडानी-अंबानी पर गालियां देती रहती है। मैंने उनके शीर्ष नेताओं से कई बार कहा कि ऐसा मत करो लेकिन, उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी। उनका चुनावी घोषणा पत्र पिछले 30 साल से एक ही आदमी तैयार कर रहा है। अगर उनके विचारों में ताकत होती तो वे 42 से 52 सीट नहीं लाते। उन्होंने आरोप लगाया कि जो शख्स कांग्रेस नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दे रहा है, आज उनसे पूछें कि क्या यूपी और बिहार अलग-अलग राज्य हैं? तो उन्हें कुछ समझ नहीं आएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के पीए आज पार्टी चला रहे हैं।
बीजेपी नेता गौरब वल्लभ ने रविवार को एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि राम मंदिर उद्घाटन के दौरान जब कांग्रेस ने कार्यक्रम में जाने से ही इनकार कर दिया। तो साफ हो गया कि यह पार्टी देश हित के लिए काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस के नेताओं को कहा कि सुबह से शाम तक जो आप वेल्थ क्रिएटर्स को गालियां देते रहते हो, ऐसा करना बंद दो। वो देश का भला ही कर रहे हैं।
गौरव वल्लभ ने कहा कि अडानी-अंबानी को सुबह से शाम तक गालियां दे रहे हैं। मैंने इस पर प्रेस कांफ्रेंस भी की थी लेकिन, जब सेबी ने इस पर उन्हें क्लीन चिट दे दी तो मैंने ऐसा करना बंद कर दिया। मैंने पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी ऐसा ही करने को कहा लेकिन, उन्होंने मेरी एक न सुनी। ये लोग सुबह से शाम तक राम मंदिर मुद्दे से लेकर हर स्टार्टअप को गालियां दे रहे हैं? क्या इनकी देश के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है?
गौरव वल्लभ ने कहा, ''...कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र पिछले 30 साल से एक ही व्यक्ति द्वारा तैयार किया जा रहा है, अगर उनके विचारों में ताकत होती तो कांग्रेस 42 से 52 (सीटों) पर नहीं आती। कॉलेज में पढ़ते हुए, वह प्रवक्ता के रूप में टीवी पर पार्टी का बचाव करते थे। आज भी वह संचार के प्रभारी हैं, आज कांग्रेस को पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के पीए द्वारा चलाया जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा एक क्लास मॉनिटर का क्या आप जानते हैं कि जो शख्स कांग्रेस नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दे रहा है, अगर आप उनसे पूछेंगे कि क्या उत्तर प्रदेश और बिहार अलग-अलग राज्य हैं, तो वे भ्रमित हो जाएंगे। कांग्रेस को कार्यकर्ताओं के मुद्दे और मतदाताओं के मुद्दे समझ नहीं आ रहे है।"